

Umang Singhar Said : कांग्रेस का ‘संविधान बचाओ अभियान’ जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए!
इंदौर में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मीडिया से चर्चा में भाजपा पर निशाना साधा!
Indore : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कांग्रेस के ‘संविधान बचाओ अभियान’ के अंतर्गत आज इंदौर की होटल सरोवर पोर्टिको में मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों के अधिकारों पर भाजपा सरकार हर दिन हमला कर रही है। जनता को सरकार द्वारा किए जा रहे इस अत्याचार से बचाने के लिए कांग्रेस ‘संविधान बचाओ अभियान’ शुरू करने जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य संविधान में निहित सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय जैसे मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा करना है, जिन पर वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार द्वारा गंभीर प्रहार किया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस की ‘संविधान बचाओ यात्रा’ केवल कांग्रेस पार्टी का आंदोलन नहीं है। यह देश के हर उस नागरिक का आंदोलन है, जो संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का सम्मान करता है। उन्होंने कहा यह आंदोलन मात्र वोट बैंक की राजनीति नहीं, बल्कि आम जनता की वास्तविक आवाज़ है। इस अभियान के तहत कांग्रेस द्वारा निर्धारित तीन प्रमुख बिंदु हैं सामाजिक न्याय, राजनीतिक न्याय और आर्थिक न्याय। केवल घोषणाएं नहीं, बल्कि आम जनता की वास्तविक ज़रूरतें हैं।
‘संविधान बचाओ अभियान’ की रुपरेखा
– 25 अप्रैल से 30 मई 2025 तक चार चरणों में संचालित होगा।
– 25-30 अप्रैल : सभी राज्यों में जिला स्तर पर जनसभाएं।
– 5-10 मई : सभी जिलों में ब्लॉक स्तर पर जनसभाएं।
– 11-17 मई : प्रदेश विधानसभाओं में आम जनता के साथ संवाद और सभाएं।
– 20-30 मई : घर-घर जाकर प्रचार और ‘संविधान बचाओ’ का संदेश प्रसारित करना।
अभियान की प्रमुख मांगें
– जातीय जनगणना कराई जाए। क्योंकि, सामाजिक न्याय की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जातीय संरचना की स्पष्टता आवश्यक है।
– एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के लिए निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू किया जाए। समानता के अधिकार की रक्षा के लिए यह अनिवार्य है।
– आरक्षण की सीमा 50% से अधिक बढ़ाई जाए। वर्तमान सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार आरक्षण की पुनर्समीक्षा आवश्यक है।
– आर्थिक न्याय सुनिश्चित किया जाए। किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा दिया जाए। किसानों के कर्ज माफ कर उन्हें आर्थिक राहत प्रदान की जाए।
– राजनीतिक न्याय की रक्षा की जाए। सभी सामाजिक समूहों को समान राजनीतिक भागीदारी मिलनी चाहिए। लोकतंत्र और समानता की रक्षा संविधान की भावना के अनुसार होनी चाहिए।
भाजपा सरकार तानाशाही चला रही
उमंग सिंघार ने कहा कि यह अभियान केवल कांग्रेस का नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और आम नागरिकों की आवाज़ की रक्षा का राष्ट्रीय आह्वान है। वर्तमान सरकार लोकतंत्र नहीं, बल्कि तानाशाही चला रही है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीर हमला हो रहा है। देश के युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। लेकिन, विदेशी कंपनियों को लगातार ठेके दिए जा रहे हैं। सरकार न तो देश के युवाओं को पर्याप्त रोजगार दे पा रही है और न उन्हें प्राथमिकता दे रही है।
संविधान ने हमें बोलने की आज़ादी दी है, लेकिन भाजपा सरकार आलोचना को सहन नहीं कर पाती। पत्रकारों पर हमले और पत्रकारों की गिरफ्तारी, समाचार माध्यमों पर दबाव और सोशल मीडिया पर निगरानी यह दर्शाते हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है। विपक्ष को बोलने का अवसर नहीं मिल रहा है, सवाल उठाने पर उन्हें दबाया जा रहा है, जो केवल लोकतंत्र ही नहीं, बल्कि देश के भविष्य के लिए भी घातक है। आदिवासी और दलित समुदायों पर अत्याचार बढे हैं। बालाघाट में आदिवासी लड़कियों के साथ बलात्कार की घटना अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है। कांग्रेस पार्टी इस घटना की घोर भर्त्सना करती है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करती है।
कांग्रेस की प्रमुख चिंताएं
– बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर सरकार की विफलता।
– न्यायपालिका की गिरती साख।
– सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग।
– एमएसएमई सेक्टर की उपेक्षा।
– किसानों और मजदूरों की समस्याओं की अनदेखी।
जनगणना-2021 अब तक क्यों नहीं
सरकार द्वारा 2021 की जनगणना अभी तक नहीं कराना गंभीर चिंता का विषय है। कांग्रेस ने जो तीन प्रमुख बिंदु सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय उठाए हैं, वे केवल नारे नहीं, बल्कि देश की आम जनता की वास्तविक और ज़रूरी मांगे हैं। यदि जातिगत जनगणना कराई जाए, तो यह साफ हो जाएगा कि इन तीनों क्षेत्रों में न्याय अभी भी अधूरा है।
भाजपा सरकार जातिगत जनगणना न कराकर एक बड़ा षड्यंत्र रच रही है। यह समझना ज़रूरी है कि जब देश इससे भी कठिन हालातों से गुज़रा है, तब भी जनगणना नहीं रोकी गई। फिर अब ऐसा क्या कारण है कि जातिगत जनगणना को टाला जा रहा है? क्या सरकार नहीं चाहती कि पिछड़े, दलित और आदिवासी वर्गों को उनका वास्तविक हक और प्रतिनिधित्व मिले। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहलगाम की घटना बेहद निंदनीय है। हम सभी दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं।