Umang Singhar’s Alertness : नेता प्रतिपक्ष ने स्कूली बच्चों की समस्या सुनी और अपनी तरफ से उनकी डिमांड पूरी की!

स्कूल के लिए पंखे, खेल सामग्री और प्रतिभाशाली बालिका को स्कूटी दी, कलेक्टर ने संज्ञान लिया! देखिए, उमंग सिंघार की X पोस्ट

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Umang Singhar’s Alertness : नेता प्रतिपक्ष ने स्कूली बच्चों की समस्या सुनी और अपनी तरफ से उनकी डिमांड पूरी की!

Indore : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने वो किया, जो शायद सरकार के मंत्री भी कभी नहीं करते। शिक्षक दिवस के दिन वे धार जिले के जीराबाद के सरकारी स्कूल में गए और वहां बच्चों से उनकी समस्याएं पूछी। उन्होंने बच्चों से स्कूल की व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने अपनी इस कार्यवाही को ‘एक्स’ पर भी पोस्ट करके प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है।

बच्चों ने बताया स्कूल की छत टपकती है, कक्षाओं में पंखे नहीं है। स्कूल की तरफ से कोई खेल सामग्री नहीं दी जाती। छात्राओं ने बताया कि उनके लिए शौचालय तक की व्यवस्था सही नहीं है। उसके बाद उमंग सिंघार ने आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त को जमकर लगाड़ लगाई। उन्होंने खुद अपनी तरफ से बच्चों को खेल सामग्री देने का वादा किया और 24 घंटे के अंदर बच्चों को वह सारी शिक्षा खेल सामग्री भिजवा भी दी गई, जो उनसे वादा किया था।


स्कूल की एक छात्र तान्या मालवीय ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि उसे अच्छे नंबर आए, लेकिन उसे सरकारी योजना के तहत मिलने वाली स्कूटी नहीं दी गई। इस पर उमंग सिंगार ने खुद अपनी तरफ से उसे स्कूटी देने का वादा किया और अगले ही दिन उसे छात्रा को स्कूटी भेंट भी की और उसे शुभकामनाएं दी। तान्या स्कूटी पाकर बहुत खुश हुई और उसने सबसे पहले उमंग सिंघार को स्कूटी पर बैठाया।

जीराबाद के इस स्कूल की अव्यवस्थाओं के बहाने नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की हालत पर सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट की है। उन्होंने जीराबाद के स्कूल में छात्रों से की बातचीत और वादा पूरा किए जाने पर भी पोस्ट की।

कलेक्टर ने संज्ञान लिया

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार की इस कार्यवाही पर धार कलेक्टर प्रियंक श्रीवास्तव ने भी संज्ञान और मनावर एसडीएम और आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त की कमेटी बनाकर उन्हें स्कूलों की व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।

 

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उमंग सिंघार ने कहा कि स्कूल के बच्चों से कल मैंने खेल सामग्री और कक्षाओं में पंखे लगवाने का वादा किया था, वो पूरा कर दिया। मेरी तरफ से धार जिले के जीराबाद स्कूल को 25 पंखे, खेलने के लिए क्रिकेट की सामग्री, बेट-बॉल, फुटबॉल, बैडमिंटन के रैकेट और शटल, वॉलीबॉल और बालिकाओं के लिए कूदने के लिए रस्सी का तोहफा दिया।नमैं ईश्वर से इन बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं और उनकी मुस्कुराहटों की वजह बनने के लिए ईश्वर को कोटि-कोटि धन्यवाद देता हूं। साथ में यह भी कहूंगा कि अगर सरकार इसे अपनी जिम्मेदारी समझकर गांव में पढ़ने वाले गरीब प्रतिभाशाली बच्चों को मूलभूत सुविधाएं भी दिला दे, तो प्रदेश की तरक्की के रास्ते खुल जाएंगे। अब मैं प्रदेश के हर स्कूल में औचक निरीक्षण करूंगा और जिम्मेदारों को उनके कर्तव्य याद दिलाता रहूंगा! जब सरकार लापरवाह है, तो आखिर किसी को तो पहल करना ही होगी!

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सरकार लाडली बेटियों को भूली

सोशल मीडिया पर उन्होंने पोस्ट की कि मैंने धार जिले के इस स्कूल के सुस्त प्रबंधन की अव्यवस्था और लापरवाही के कारण बच्चों की आँखों में निराशा देखी! मध्य प्रदेश सरकार लाडली बेटियों को तो भूल गई। गांव में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य को भी नजरअंदाज कर रही है। धार जिले के जीराबाद का यह शासकीय स्कूल मध्यप्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को दर्शाने के लिए पर्याप्त है। ना शौचालय, ना पानी, ना पंखे, ना खेल-खूद का सामान, ना सही छत, ना प्रतिभाशाली छात्रों को प्रोत्साहन और ना लाड़लियों को सुरक्षा। जब स्कूल के ये हाल हैं, तो सरकार क्या कर रही है?