केन्द्रीय मंत्री तोमर, BJP राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय और अन्य नेताओं ने समरसता यात्राओं को ध्वज दिखाकर किया रवाना

12 अगस्त को सागर पहुंचेंगी यात्राएं, प्रधानमंत्री करेंगे मंदिर निर्माण का शिलान्यास

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केन्द्रीय मंत्री तोमर, BJP राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय और अन्य नेताओं ने समरसता यात्राओं को ध्वज दिखाकर किया रवाना

भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर के बड़तुमा में 100 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले भव्य संत रविदास जी के मंदिर निर्माण के मंगलवार को प्रदेश के पांच जगहों से भव्य समरसता यात्राएं निकाली गईं। केंद्रीय मंत्री एवं चुनाव प्रबंधन समिति के प्रदेश संयोजक श्री नरेंद्रसिंह तोमर ने श्योपुर में, पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने धार जिले के मांडव से, पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालसिंह आर्य ने नीमच के नयागांव से और प्रदेश सरकार के मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बालाघाट ध्वज दिखाकर समरसता यात्रा को रवाना किया। प्रदेश सरकार की इकाई जनअभियान परिषद के संयोजन में 18 दिनों तक चलने वाली यह यात्राएं सामाजिक समरसता का संदेश लेकर प्रदेश के 46 जिलों में पहुंचेंगी। इस दौरान प्रदेश के 244 स्थानों में जनसंवाद के कार्यक्रम होंगे, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ व राष्ट्रीय नेता, प्रादेशिक नेता एवं संत समाज संबोधित करेंगे। मंदिर निर्माण में प्रदेश के हर व्यक्ति की आस्था जुड़े, इसके लिए हर घर से एक मुट्ठी मिट्टी और जल एकत्रित किया जाएगा। सभी यात्राएं 11 अगस्त तक सागर पहुंचेंगी और 12 अगस्त को सागर में सभी यात्राओं का सामूहिक एकत्रीकरण होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी संत रविदास जी के भव्य मंदिर का शिलान्यास करेंगे।

संत शिरोमणि रविदास जी का भव्य मंदिर सामाजिक समरसता का केन्द्र बनेगा : नरेन्द्र सिंह तोमर

केन्द्रीय मंत्री एवं प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने श्योपुर से समरसता यात्रा को ध्वज दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के पांच स्थानों से आज संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्राएं निकल रही हैं, यह सभी यात्राएं 12 अगस्त को सागर पहुंचेंगी। यात्रा के माध्यम से श्योपुर की धरती की माटी और सीप नदी का पवित्र जल कलश में भरकर ले जाया जा रहा है, जो सागर में 100 करोड की लागत में बनने वाले संत रविदास जी के मंदिर निर्माण में उपयोग होगा। उन्होंने कहा कि जब कोई मंदिर बनता है तो मंदिर किसी एक व्यक्ति विशेष का नहीं बल्कि पूरे समाज के लोगों का होता है। मंदिर का संदेश समाज के सभी लोगों के लिए करणीय होता है। मंदिर बनाना है तो प्रदेश के विभिन्न हिस्सों की मिट्टी, विभिन्न नदियों का जल मंदिर में लगे तो मंदिर की पवित्रता व पावनता और अधिक बढ़ जाती है। सागर में बनने वाले संत रविदास जी के मंदिर से पूरे राज्य की लोगों की आस्था जुड़े, इसके लिए पांच समरसता यात्राओं का आयोजन किया गया है। संत शिरोमणी श्री रविदास जी का यह भव्य मंदिर सामाजिक समरसता का प्रमुख केन्द्र बनेगा। कार्यक्रम में यात्रा प्रभारी श्री घनश्याम पिरोनिया, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री बृजराज सिंह चौहान, पूर्व विधायक श्री दुर्गालाल विजय, विजयपुर विधायक श्री सीताराम आदिवासी, श्री राधेश्याम पारीक, जिला अध्यक्ष श्री सुरेंद्र सिंह जाट, श्री बाबूलाल मेवरा, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी श्री जवाहर प्रजापति, श्री धर्मेंद्र आर्य सहित पार्टी पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

भाजपा ने आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनाकर संत रविदास जी के मंत्र को साकार किया – विजयवर्गीय

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को मांडव के रैदास कुंड से जल कलश भरकर संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्रा का शुभारंभ किया। यात्रा के जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महापुरूषों को अलग अलग समाजों में बांट दिया गया, लेकिन महापुरूष मानवता और मनुष्यता के लिए जन्म लेते है। वे किसी समाज विशेष न होकर सारे समाज के होते है। संत रविदास ऐसे ही संत थे, जिन्होंने संपूर्ण मानव समाज के लिए जन्म लिया। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने सामाजिक समरसता यात्रा निकाली है। यह यात्रा सागर में बनने वाले भव्य संत रविदास मंदिर के निर्माण और रविदास जी के संदेश से समाज को जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस देश में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनाने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है। संत रविदास जी भी यही कहते थे कि समाज के अंतिम व्यक्ति का उद्धार हो, उसका विकास हो। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने निर्णय लिया कि देश के सर्वोच्च पद पर आदिवासी वर्ग की बहन बैठे। श्री विजयवर्गीय ने जनसंवाद के दौरान संत रविदास के दोहे सुनाते हुए कहा कि संत रविदास कहते थे ‘‘जात पांत के फेर मंहि, उरझि रहइ सब लोग। मानुषता कूं खात हइ, रैदास जात कर रोग’’। संत रविदास जी जात पात को रोग मानते थे, इसलिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास संत रविदास जी का मंत्र है, जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी विकास के माध्यम से हर वर्ग, हर जन तक पहुंचा रहे है। श्री विजयवर्गीय ने कहा कि नारियों के सम्मान और उत्थान के लिए सबसे अधिक योजना कहीं बनी है तो वह मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने बनायी है।

यात्रा के दौरान श्री कैलाश विजयवर्गीय ने जनजाति कलाकारों और आमजन के साथ ढोलक की थाप पर लोकनृत्य किया। जनसंवाद को महामंडलेश्वर संत नरसिंहदास महाराज, युवा आयोग के अध्यक्ष श्री निशांत खरे, यात्रा जिला प्रभारी श्री सूरज कैरो, सह प्रभारी श्री सावन सोनकर और जिलाध्यक्ष श्री मनोज सोमानी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जिला प्रभारी श्री श्याम बंसल श्री राजेश अग्रवाल, धार विधायक श्रीमती नीना वर्मा, पूर्व मंत्री श्रीमती रंजना बघेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सरदार सिंह मेडा, श्री प्रभु राठौर, श्री विनोद शर्मा, श्री दिलीप पटोदिया, श्री पूनमचन्द्र फकीरा सहित विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि कार्यक्रम में मौजूद थे।

देश और प्रदेश में सांस्कृतिक पुर्नस्थापना हो रही है- भूपेन्द्र सिंह

नगरीय प्रशासन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बालाघाट में संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्रा को ध्वज दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि जो देश अपना इतिहास भूल जाता है वह हमेशा गुलामी के रास्ते पर खडा रहता है। भारत में आजादी के बाद सांस्कृतिक पुर्नस्थापना की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लगातार काम किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से देश की जनआकांक्षाओं को पूरा करते हुए अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्वार हुआ। वहीं मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रयासों से महाकाल लोक बना। अब सागर में सामाजिक समरसता को एकसूत्र में पिरोने वाले संत रविदास जी महाराज का 100 करोड की लागत से विश्व का सबसे बडा मंदिर बन रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व और भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक पुर्नस्थापना हो रही है। उन्होंने कहा कि देश में 60 सालों तक एक पार्टी और एक परिवारराज करता रहा। समय अंतराल में कांग्रेस देश में जाति धर्म के नाम पर सत्ता प्राप्त करती रही। देश को लगातार कमजोर करने का काम कांग्रेस ने किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार गरीब कल्याण और सामाजिक समरसता की दिशा में आगे बढ़ रही है। मोदी जी के नेतृत्व में हम मिलकर वैभवशाली, शक्तिशाली और गौरवशाली भारत बनाने की ओर अग्रसर है। इस अवसर पर आयुष मंत्री श्री रामकिशोर कांवरे, स्वामी अखिलेश्वनानंद, पिछडा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री गौरीशंकर बिसेन और मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद के उपाघ्यक्ष डॉ. जितेन्द्र जामदार ने भी संबोधित किया।

समरसता यात्रा के माध्यम से प्रदेश का हर वर्ग और व्यक्ति मंदिर निर्माण से जुडेगा – लालसिंह आर्य

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालसिह आर्य, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री चिंतामणी मालवीय और प्रदेश सरकार के मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने नीमच जिले के नयागांव से संत रविदास जी की चरण पादुका और कलश पूजन कर समरसता यात्रा का शुभारंभ किया।यात्रा खोरजावद एवं बावल होते हुए मोरवन पहुंची जहां जनसंवाद कार्यक्रम में अतिथियों ने संतों का सम्मान कर आमजन को संबोधित किया। अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालसिह आर्य ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संत शिरोमणी किसी समाज और वर्ग के नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता के संत थे। उनका जीवन दर्शन और समरसता संदेश प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए प्रदेश की भाजपा सरकार सागर के बडतुमा में 100 करोड से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बना रही है। संत रविदास जी के मंदिर निर्माण से हर समाज की भावनाएं जुडी हुई है। समरसता यात्रा के माध्यम से प्रदेश का हर वर्ग और व्यक्ति मंदिर निर्माण से जुडेगा। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान प्रत्येक गांव की मिट्टी और पवित्र नदियों एवं जलाशयों का जल एकत्रित होगा। जिसका उपयोग संत रविदास मंदिर निर्माण में होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा अनुसूचित वर्ग का अपमान किया, उन्हें वोट बैंक समझा। सबसे अधिक सत्ता में रहने के बावजूद डॉ. अंबेडकर जी के जन्मस्थली महू में स्मारक नहीं बनाया। भाजपा सरकार ने प्रदेश में अंबेडकरजी का न सिर्फ स्मारक बनाया बल्कि उनसे जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया।

इस अवसर पर पार्टी जिलाध्यक्ष श्री पवन पाटीदार, श्री श्याम काबरा, संत श्री रामदास महाराज, जनप्रतिनिधि, कार्यकर्त्ता, संत रविदास जी के अनुयायी एवं आमजन उपस्थित थे।