
Unique Decision : फैमिली कोर्ट ने पत्नी के भरण पोषण भत्ता मांगने को गलत बताया!
अदालत को पत्नी के अलग रहने का कारण भी सही नहीं लगा, FIR भी दर्ज नहीं कराई!
Indore : पत्नी के पास पति से अलग रहने का कोई पर्याप्त वैधानिक कारण नहीं है, इसलिए वह भरण पोषण राशि पाने की हकदार नहीं रही। महिला के आवेदन को खारिज करते हुए पति के हित में यह अनूठा फैसला फैमिली कोर्ट ने सुनाया। महिला का पति शहर का बड़ा ट्रांसपोर्ट व्यवसायी है। ये फैसला स्वागत योग्य है, क्योंकि कोर्ट ने इसमें यह माना की पत्नी स्वयं का भरण पोषण करने में सक्षम नहीं है। पति अपनी पत्नी का भरण पोषण करने में उपेक्षा कर रहा है। लेकिन, दूसरी तरफ ये भी माना की पत्नी के पास पति से अलग रहने का कोई पर्याप्त कारण नहीं है।
पीड़ित पति के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि ये महत्वपूर्ण फैसला उनके लिए नजीर है, जो महिलाएं बिना कारण पति से अलग रहकर भरण पोषण के लिए केस लगाती है। उन्होंने बताया कि गौरी नगर निवासी पत्नी सुलोचना (परिवर्तित नाम) का विवाह सन 2013 में पति अमन (परिवर्तित नाम) से हुआ था।
सन 2022 में सुलोचना ने पति पर कम दहेज लाने को लेकर ताने मारना, 5 लाख रुपए दहेज की मांग करना, गाली गलौच मारपीट करना, डिलेवरी का खर्चा उठाने से मना करने सहित मई 2022 में घर से निकालने का केस थाने में दर्ज कराया था। इस आधार पर पत्नी ने खुद और बच्चों के लिए भरण पोषण की मांग करते हुए कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण का केस दायर किया था।
एटीएम कार्ड भी दिया
कुटुंब न्यायालय ने यह तो माना कि पेशी पर पत्नी को पति ने उसका एटीएम कार्ड भी दिया था। इसके बाद भी पत्नी, अवयस्क बच्चे का भरण पोषण करने में सक्षम नहीं बता रही। पत्नी ने पुलिस को जो शिकायत दर्ज की थी, उसमें एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई। विवाह वर्ष 2013 के पश्चात से ही पत्नी को पैसों के लिए परेशान किया जाना किन्तु मई 2022 के पूर्व पत्नी ने प्रताड़ना की कोई रिपोर्ट क्यों नहीं कराई। पत्नी द्वारा कोर्ट में इसका स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जिस पर कोर्ट ने पत्नी के बयानों को संदेहास्पद माना है।





