जेल में बंद क़ैदियों को न्याय दिलाने की NHRC की अनोखी पहल

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New Delhi: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission, NHRC) ने विधि के छात्रों के बीच सार्वजनिक सेवा की भावना को बढ़ावा देकर कानूनी सहायता प्रणाली के माध्यम से दिल्ली की 16 जेलों में बंद कैदियों को न्याय दिलाने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है।

इसके लिए उसने दिल्ली कारागार, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली और दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोगात्मक अभ्यास का उद्देश्य कानून के छात्रों में व्यावसायिकता पैदा करने के अलावा कैदियों के मानव अधिकारों को बढ़ावा देना और उनका संरक्षण करना भी है।

एनएलयू दिल्ली के छात्र अब कैदियों को जमानत के आवेदन और अपील और अन्य शोध कार्य दाखिल करने में सहायता कर सकते हैं जो अदालत को तथ्यात्मक जानकारी के साथ मदद कर सकते हैं और दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की देखरेख में कैदियों का शीघ्र न्याय सुनिश्चित कर सकते हैं।

NHRC छात्रों को वजीफा के समन्वय, प्रशिक्षण और भुगतान की निगरानी करेगा; एनएलयू दिल्ली तीसरे वर्ष और उससे ऊपर के 48 छात्रों को नामांकित करेगा और उन्हें डीएसएलएसए के विधिक सहायता अधिवक्‍ता की देखरेख में एक साल के लिए हर महीने एक सप्ताह के लिए जेलों का दौरा करने की अनुमति देगा।

छात्र डीएसएलएसए पैनल में शामिल वकीलों के तहत विधिक जागरूकता, विधिक शोध, प्रारूपण, अदालत के समक्ष मामलों का प्रतिनिधित्व करने में डीएसएलएसए की सहायता करेंगे।

डीएसएलएसए, जेल के कैदियों के सर्वेक्षण के लिए छात्रों की निगरानी के अलावा, इस उद्देश्य के लिए दिल्ली की 16 जेलों में से प्रत्येक में एक वकील की नियुक्ति करेगा। छात्रों की सेवाओं के प्रमाणीकरण के बाद उन्हें 300 रुपये प्रतिदिन के वाहन भत्ते का भुगतान किया जाएगा।

दिल्ली की जेल कैदियों को निर्देशित पर्यवेक्षण के तहत कानूनी पहुंच प्रदान करेगी और उनके साथ छात्रों को पहुंच प्रदान करेगी।