
बदायूं में अनोखा विवाह: पिंकी शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को जीवनसाथी चुना
बदायूं: शनिवार को जिले के इस्लाम नगर थाना क्षेत्र के गांव ब्यौर कासिमाबाद में भक्ति और आस्था का अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। पूरे रीति रिवाज परंपरा के साथ समाज के सामने यहां 28 वर्षीय पिंकी शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा से विवाह कर लिया। रविवार को पूरी रस्मों के साथ उनकी विदाई भी की गई। गांव में यह अनूठा विवाह चर्चा का विषय बना हुआ है और बड़ी संख्या में लोग इस अनोखी घटना को देखने पहुंचे।
🔸वृंदावन में मिली अंगूठी से शुरू हुई आस्था की कथा
▫️पिंकी शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट हैं और धार्मिक श्रद्धा में गहरी रुचि रखती हैं। परिवार के अनुसार कुछ समय पहले पिंकी वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर गई थीं जहां प्रसाद के दौरान उन्हें एक अंगूठी मिली। पिंकी ने इस अंगूठी को ईश्वरीय संकेत मानकर भगवान श्रीकृष्ण को अपना जीवनसाथी स्वीकार करने का संकल्प लिया। इसी संकल्प की परिणति शनिवार को विवाह के रूप में सामने आई।

🔸पारंपरिक रस्मों के साथ सम्पन्न हुई शादी
▫️गांव में आयोजित इस विवाह में हर रस्म वैसे ही निभाई गई जैसे एक सामान्य वैवाहिक समारोह में होती है। पिंकी ने श्रीकृष्ण की प्रतिमा को दूल्हा मानकर जयमाला डाली। इसके बाद सात फेरे, कंकण बंधाई, कन्यादान और सभी मांगलिक विधियां विधिपूर्वक संपन्न हुईं। घरवालों ने बारात का स्वागत भी पारंपरिक तरीके से किया। पिंके के जीजा ने ‘बाराती’ की भूमिका निभाई और परिवार ने पूरे हर्षोल्लास के साथ आयोजन किया।
▫️रविवार को पिंकी की ‘विदाई’ भी उसी भावनात्मक माहौल में की गई जैसे किसी कन्या की नई जिंदगी की शुरुआत होती है।
🔸गांव में उत्सुकता, श्रद्धा और चर्चा का माहौल
▫️गांव ब्यौर कासिमाबाद तथा आसपास के इलाकों में इस विवाह ने उत्सुकता पैदा कर दी। कई लोग इसे गहरी आस्था का परिचायक मान रहे हैं जबकि कुछ इसे असाधारण लेकिन निजी आध्यात्मिक विश्वास का रूप कह रहे हैं। विवाह समारोह में भारी भीड़ उमड़ी और लोगों ने पिंकी को ‘भक्ति मार्ग की साधिका’ बताते हुए आशीर्वाद दिया।
🔸पिंकी ने जताई अपनी श्रद्धा
▫️विवाह के दौरान पिंकी ने कहा कि उनके लिए भगवान श्रीकृष्ण केवल आराध्य नहीं, बल्कि आत्मिक आधार हैं। उन्होंने कहा कि वे जीवन भर प्रभु की सेवा, भक्ति और आध्यात्मिक मार्ग पर चलना चाहती हैं। पिंकी ने विवाह को अपने निजी विश्वास और आस्था का निर्णय बताया।
🔸परिवार ने पिंकी के निर्णय को दिया सम्मान
▫️परिवार ने कहा कि पिंकी बचपन से ही धार्मिक रहीं हैं और उनका यह निर्णय पूरी तरह आत्मिक आस्था पर आधारित है। परिवार ने इस विवाह को सम्मान दिया और अपने स्तर पर संपूर्ण विधियों का ध्यान रखा। समारोह में शामिल ग्रामीणों ने भी कहा कि पिंकी की यह भक्ति असाधारण जरूर है लेकिन उनका आत्मिक समर्पण प्रेरणा देने वाला है।





