Unnatural Intercourse With Wife is not Rape : पत्नी से अप्राकृतिक संसर्ग बलात्कार नहीं, धारा-377 लागू नहीं!
पारिवारिक विवाद में पुलिस में दर्ज FIR भी निरस्त करने के आदेश दिए!
Jabalpur : हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि पत्नी के साथ अप्राकृतिक संसर्ग (अननैचुरल सेक्स) बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता। इसलिए यह सजा योग्य नहीं है। इसके साथ कोर्ट ने संबंधित मामले में दर्ज एफआईआर निरस्त करने के भी आदेश दिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी जबलपुर से जुड़े पारिवारिक विवाद के मामले में की।
जबलपुर के रहने वाले एक शख्स की शादी 18 मई 2019 को नरसिंहपुर की युवती से हुई थी। कुछ दिन बाद ही दोनों के बीच विवाद होने लगे। परिजन ने समझाया, लेकिन बात नहीं बनी। युवती ने 2021 में पति समेत सास-ससुर और ननद के खिलाफ नरसिंहपुर कोतवाली थाने में दहेज मांगने और मारपीट की शिकायत कर दी। पति ने भी जबलपुर कुटुम्ब न्यायालय में तलाक के लिए अर्जी लगा दी। यह केस अभी विचाराधीन है।
एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती
महिला ने पति के खिलाफ 24 अक्टूबर 2023 को नरसिंहपुर कोतवाली में आईपीसी की धारा 377, 506 के तहत एक शिकायत की। नरसिंहपुर पुलिस ने जीरो पर केस दर्ज कर मामला जबलपुर कोतवाली भेज दिया। 14 फरवरी 2023 को पति ने इस शिकायत को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस याचिका पर जस्टिस जीएस अहलूवालिया की कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। फैसला शुक्रवार को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।
पति-पत्नी के मामलों में धारा 377 लागू नहीं
याचिकाकर्ता पति के वकील साजिदउल्ला ने बताया कि पति-पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। महिला ने अपने पति पर जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप भी लगाया था। हाईकोर्ट ने यह कहते हुए एफआईआर निरस्त करने के आदेश दिए हैं कि पति-पत्नी के मामलों में धारा 377 लागू नहीं होती। कोर्ट ने पति के खिलाफ एफआईआर भी निरस्त करने के आदेश दिए।