UP Assembly Elections
लखनऊ से रामेंद्र सिन्हा की रिपोर्ट
लखनऊ। अखिलेश यादव ने आज जहां योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर से उम्मीदवारी पर तंज कसा वहीं, चंद्रशेखर आजाद ने अखिलेश पर दलितों के अपमान का आरोप लगाया। मायावती ने भी सपा पर दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने ये भी कहा कि स्वामी प्रसाद हवा-हवाई बात करता है। वह मुझे क्या मुख्यमंत्री बनाएगा। वह तो कभी चुनाव जीता नहीं। बसपा में आने के बाद उसकी तकदीर बदली।
दरअसल, मकर संक्रांति के दिन आज भाजपा और बसपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, तो अखिलेश यादव और भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के प्रमुख आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कड़ाके की ठंड में राजनीतिक गर्मी पैदा कर दी।
भाजपा की लिस्ट जारी होने के बाद अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा कि जो कभी कहते थे कि मथुरा से चुनाव लड़ेंगे, कभी कहते थे प्रयागराज से तो कभी देवबंद से चुनाव लड़ने की बात कहते थे, मुझे खुशी है कि भाजपा ने उन्हें घर भेज दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें घर पर ही रहना पड़ेगा। उन्हें घर जाने पर बहुत बहुत बधाई। अखिलेश ने कहा कि योगी भाजपा के सदस्य नहीं हैं, इसलिए उन्हें घर भेज दिया गया है। अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर में सभी सीटें समाजवादी पार्टी जीतेगी।
अखिलेश यादव ने दोनों डिप्टी सीएम पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोगों ने दो स्टूल वाले डिप्टी सीएम देखा है। एक स्टूल वाले डिप्टी सीएम का सफाई का काम था वो भी ठीक से नहीं किया। बाबा ने उन्हें सीएम नहीं बनने दिया
अखिलेश ने कहा कि अब समाजवादी पार्टी में किसी भी भाजपा या अन्य दल के नेता को शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही समाजवादी पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। कोशिश रहेगी कि जिस तरह से 2012 का घोषणा पत्र था, एजुकेशन, स्वास्थ्य, सोशल स्कीम आदि का ख्याल रखा जाएगा। अखिलेश यादव ने सरकार बनने पर 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात भी कही। माफिया के टिकट पर अखिलेश ने कहा कि हमने सीएम योगी आदित्यनाथ से सीखा है. उनपर कई मुकदमे दर्ज हैं।
बसपा प्रमुख मायावती ने जनकल्याण दिवस के रूप में मनाए जाने वाले अपने जन्मदिन के अवसर पर कहा, “यूपी की जनता बहुजन समाज पार्टी के पिछले काम काज के आधार पर बीएसपी को वोट देगी और इस पार्टी को सत्ता में लाएगी।” साथ ही उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी की जिसमें 53 सीटों को लेकर घोषणा की गई है। मायावती ने आज से डिजिटल कैंपेन की शुरुआत भी की।
मायावती ने कहा कि दल-बदल कानून सख्त को बनाने की बेहद जरूरत है। सपा के साथ जाने वाले दल बदलू और चीख-चीख कर बोलने वाले नेताओं को जनता नकार देगी। प्रमोशन का एससी-एसटी के आरक्षण का सपा ने विरोध किया था। यह वर्ग इनके काम को कैसे भूल सकता है। सपा ने सरकार बनते ही संत रविदास नगर का नाम फिर से भदोही कर दिया था। यह सपा का दलित विरोधी रवैया नहीं तो क्या है। सपा सरकार में दलितों का उत्पीडऩ हुआ होता रहा है। दलित इसे भूल नहीं सकती। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को भी आड़े हाथों लिया।
दूसरी ओर, आज चंद्रशेखर आजाद ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने दलित समाज को अपमानित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को दलितों के वोट चाहिए लेकिन उन्हें दलित लीडरशिप नहीं चाहिए।