UP-Bijnor: चार बच्चों की मां का 19 साल के युवक पर आया दिल

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UP-Bijnor: चार बच्चों की मां का 19 साल के युवक पर आया दिल

गई थी बेटे के लिए रिश्ता देखने, अब खुद सारे बंधन तोड़कर लिव इन की राह पर

Bijnor के भटपुरा गांव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां 41 वर्षीय चार बच्चों की मां ने बेटे की शादी देखने के मौके पर 19 वर्षीय एक युवक से अचानक प्रेम कर लिया और सामाजिक-परिवारिक दायरे को ध्वस्त करते हुए उसके साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया। इस कदम को कानूनी मान्यता देने के लिए उसने थाने में लिव-इन के लिए शपथपत्र जमा कराया, जिससे इलाके में गहन बहस और चिंतन की लहर बन गई है।

“घटना क्रम”

जुलाई 2025 के अंत से अगस्त की शुरुआत के बीच, महिला अपने बेटे के रिश्ता देखने के लिए पड़ोस के गांव गईं। वहां उनकी मुलाकात 19 वर्षीय युवक से हुई और दोनों के दिलों में आग सुलग उठी। समाज की कठोर परंपराओं को ignored कर, उन्होंने साथ रहने का निर्णय लिया और थाने में लिव-इन की इच्छा जताते हुए शपथपत्र दर्ज कराया। इसके बाद परिवारों और समुदाय के लोगों ने एक- दूसरे से मिली-जुली प्रतिक्रियाओं के साथ अपनी-अपनी आवाज उठाई—कुछ ने इसे निजी सहमति का उन्मेष बताया, कुछ ने इसे सामाजिक मानदंडों के विरुद्ध माना।

“तथ्य और कानूनी स्थिति”

स्थान बिजनौर, उत्तर प्रदेश (भटपुरा गांव) है, जहां 41 वर्षीय महिला और 19 वर्षीय युवक शामिल हैं। शपथपत्र के जरिए लिव-इन की इच्छा रिकॉर्ड में दर्ज है, पर यह स्पष्ट नहीं कि इसे कानूनन विवाह-संबंध के बराबर मान्यता मिलेगी या नहीं; अदालत या स्थानीय कानून की पुष्टि अभी तक स्पष्ट नहीं। परिवारों ने समझाने की कोशिश की, पर दोनों पक्ष अपने निर्णय पर अड़े रहे। सामाजिक प्रभाव के तौर पर यह मामला परंपरागत मानदंडों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच एक केंद्र-बिंदु बन सकता है।

तृतीय पक्ष प्रतिक्रियाएं (संभावित)

स्थानीय समुदाय में राय विभाजित है: कुछ इसे निजी चुनाव और महिला के आत्म-निर्णय के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य इसे सामाजिक मानदण्डों के उल्लंघन के तौर पर मानते हैं। परिवारों की प्रतिक्रियाएं भी मिश्रित थीं- कुछ ने भावनाओं को समझाने की कोशिश की, कुछ ने तनाव बढ़ने का संकेत दिया। कानूनन और सामाजिक संगठनों की दृष्टि में महिला सुरक्षा, व्यक्तिगत अधिकार और सामाजिक समानता के मुद्दे अहम होंगे, खासकर आगे की कानूनी प्रक्रिया स्पष्ट होने पर।

– शपथपत्र का कानूनी प्रभाव क्या होगा? क्या यह सिर्फ एक मौखिक/दस्तावेजी समझौता है, या लिव-इन रजिस्ट्रेशन/विवाह-सम्बन्ध के कानूनी अधिकार दे सकता है?

– बच्चों के भविष्य, संपत्ति अधिकार, स्वास्थ्य देखभाल आदि पर इस रिश्ते के कानूनी प्रभाव क्या होंगे?

– महिला सुरक्षा: अगर मामला आगे बढ़ता है, तो सुरक्षा उपाय और संरक्षण उपलब्ध होंगे?

यह मामला सामाजिक स्वीकृति, कानून और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच संतुलन की गूढ़ परीक्षा है। स्थानीय प्रशासन और न्यायिक प्रक्रिया की दिशा कैसे तय होगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।