UPSC Success Story : MP से 10 प्रतिभावान UPSC CSE में सिलेक्ट, 7 बेटियां 3 बेटे!

सभी ने बचपन से लक्ष्य बनाकर तैयारी की और सफलता मिली

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UPSC Success Story : MP से 10 प्रतिभावान UPSC CSE में सिलेक्ट, 7 बेटियां 3 बेटे!

Bhopal : मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC CSE 2022) का फाइनल रिजल्ट घोषित किया। इसमें जबलपुर की स्वाति शर्मा (15वीं), इंदौर की अनुष्का शर्मा (20वीं), धार के बदनावर की संस्कृति सोमानी (49 वीं), भोपाल की पल्लवी मिश्रा की (73वीं), उज्जैन की रोचिका गर्ग (174 वीं), भूमि श्रीवास्तव (304 वीं), साक्षी मिश्रा (299 रैंक) और शिवपुरी के शिवम यादव ने 263 वां स्थान हासिल किया है। शिव मालवीय ने  (391 वीं) और जय बारंगे ने (587 वाँ) स्थान हासिल किया है।

CM शिवराज सिंह ने प्रदेश के इन होनहारों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि UPSC की सिविल सेवा परीक्षा 2022 में कामयाबी पाने वाले अभ्यर्थियों को बधाई और शुभकामनाएं।

जबलपुर की स्वाति शर्मा

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UPSC CSE में 15वीं रैंक पाने वाली स्वाति शर्मा मूलतः सतना के भटनवारा गांव की रहने वाली हैं। पर वे लंबे समय से जबलपुर में रह रही है। उन्होंने अपनी पढ़ाई भी यहीं पूरी की है। उन्होंने बताया कि जो लोग UPSC की तैयारी कर रहे हैं, वे हार्डवर्क करते रहें। अपने लिए एक मोटीवेटिंग फैक्टर जरूर खोजें। मोटिवेटिंग फैक्टर को सोचिए तो आप हमेशा सफल रहेंगे। उनका कहना है कि मैंने कोरोना काल में पढ़ाई शुरू की, तब स्टडी मटेरियल की कमी थी। कम संसाधनों से पढ़ाई की।

हर परिस्थिति में आगे बढ़ना हमें कोविड ने ही सिखाया

स्वाति की सफलता पर उनका पूरा परिवार खुश है। स्वाति की मां ममता शर्मा ने कहा कि बेटी की इस कामयाबी भगवान का आशीर्वाद है। हमने बेटी से कहा था, अगर पढ़ोगी तो हम अपने आपको बेचकर भी तुम्हे पढ़ाएंगे। बेटी बोझ नहीं होती, यदि लगन और मेहनत हो तो एक दिन सफलता जरूर मिलती है।

इंदौर की अनुष्का शर्मा

इंदौर की रहने वाली अनुष्का शर्मा ने यूपीएससी में 20वीं रैंक हासिल की। वे अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अपने दोस्तों को देती हैं। अनुष्का कहती हैं कि यह उनका तीसरा प्रयास था। पहले दो बार अनुष्का यूपीएससी एग्जाम पास करने में सफल नहीं हो सकी।

अनुष्का के पिता सुनील शर्मा बैंक अधिकारी हैं और उनका लगातार ट्रांसफर होता रहता है। चार साल पहले इंदौर आए सुनील शर्मा के साथ उनकी बेटी अनुष्का भी आई। इंदौर आने से पहले अनुष्का यूनाइटेड नेशन सचिवालय में इकोनॉमिक अफेयर्स इंटर्न थी।

बदनावर की संस्कृति सोमानी

धार जिले के बदनावर की संस्कृति सोमानी को 49 वीं रैंक मिली। संस्कृति को यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली। बदनावर क्षेत्र से पहली बार कोई युवती यूपीएससी में सिलेक्ट हुई हैं। संस्कृति अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और परिवार को देती है।

संस्कृति के पिता मनोज सोमानी के मुताबिक, बेटी का लक्ष्य अटल था। बचपन से ही उसने सोचा था कि बड़ी होकर आईएएस अधिकारी बने। उसने इसकी तैयारियां शुरू कर दी थी।

भोपाल की पल्लवी और भूमि

अरेरा कॉलोनी की पल्लवी मिश्रा लॉ ग्रेजुएट हैं। उन्होंने यूपीएससी में 73 रैंक हासिल की। उनके पिता अजय मिश्रा एडवोकेट है और भाई आदित्य मिश्रा इंदौर में डीसीपी हैं। भोपाल की ही भूमि श्रीवास्तव को 304वीं रैंक आई। वे वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार विवेक की बेटी है।

उज्जैन की रोचिका गर्ग

उज्जैन की रोचिका गर्ग ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 174 वीं रैंक हासिल की। उन्हें यह सफलता तीसरे प्रयास में मिली। रोचिका के पिता राजेश गर्ग पावरलूम चलाते हैं और मां सुनीता गृहणी हैं। रोचिका ने देवास रोड के सेंट मैरी स्कूल से पीसीएम विषय के साथ 12वीं की पढ़ाई पूरी की। सिविल सर्विस में जाना उनका सपना था, जो पूरा हो गया।

अनूपपुर की साक्षी मिश्रा

यूपीएससी परीक्षा में अनूपपुर की साक्षी मिश्रा ने 299 रैंक प्राप्त की। इस सफलता के श्रेय वे अपनी मां को देती हैं। साक्षी आने वाले समय में अपनी पढ़ाई जारी रखने की बात कह रही हैं। उनकी भारतीय विदेश सेवा में काम करने की इच्छा हैं। हालांकि इसके लिए अभी उन्हें और तैयारी करने की जरूरत है।


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अनूपपुर स्थित केंद्रीय विद्यालय में पदस्थ प्राचार्य प्रीति मिश्रा ने बताया कि नौकरी में रहने के कारण साक्षी की प्रारंभिक शिक्षा अलग-अलग स्थानों पर हुई। 12वीं की पढ़ाई शहडोल से की और फाइनल करने उन्हें दिल्ली जाना पड़ा। जनरल नॉलेज के लिए अलग से कोचिंग की शुरुआत की। अपना लक्ष्य साधते हुए वर्ष 2022 में पहले ही बार में यूपीएससी की परीक्षा में 299 रैंक हासिल की।

शिवपुरी के शिवम यादव

शिवपुरी के शिवम यादव ने यूपीएससी में 263 वीं रैंक हासिल की। उनके पिता सुरेंद्र यादव शिवपुरी कलेक्ट्रेट में बाबू के पद पर कार्यरत हैं। सुरेंद्र यादव ने बताया कि उसका बेटा पढ़ने में शुरू से ही अव्वल रहा है। उसने 10वीं और 12वीं की परीक्षा जिले के टॉप सूची में पास की थी। यूपीएससी के दूसरे प्रयास में उसे यह सफलता मिली। उसने हमारे परिवार सहित जिले का मान बढ़ाया है। उसकी छोटी बहन आकांक्षा अभी अहमदाबाद में क्लैट की तैयारी कर रही है।

शिव मालवीय

नर्मदा पुरम जिले की तहसील इटारसी के ग्राम जुझारपुर में रहने वाले शिव मालवीय ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर अपने छोटे से गांव का नाम रोशन कर दिया है। उन्हें यूपीएससी में 391 रैंक मिली है और उन्हें उम्मीद है कि उनका चयन आईपीएस अफसर के रूप में हो सकता है। उनके पिता शिक्षक हैं।

जय बारंगे

बेतूल जिले में कोविड-19 में पिता का निधन होने पर भी अनुकंपा नियुक्ति नहीं लेने वाले और पापा का सपना पूरा करने की इच्छा शक्ति वाले बैतूल के जय बारंगे भी इस यूपीएसए में सिलेक्ट हुए हैं। उनकी रैंक 587 रही है।