
अमेरिका-ईरान तनाव: ट्रंप की मंजूरी, युद्ध की आशंका और भारत पर असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ सैन्य हमले की योजना को मंजूरी दे दी है, लेकिन फाइनल आदेश अभी रोका गया है। व्हाइट हाउस में टॉप जनरल्स के साथ मीटिंग के बाद ट्रंप ने साफ कहा कि अगर ईरान अपना न्यूक्लियर प्रोग्राम नहीं रोकता, तो अमेरिका कभी भी युद्ध में कूद सकता है।
ट्रंप ने ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइट को बंकर-बस्टर बमों से टारगेट करने की भी चर्चा की है और कहा कि अमेरिकी सेना मिडिल ईस्ट में पूरी तरह तैयार है।
ट्रंप ने मीडिया से कहा, “मैं अंतिम फैसला आखिरी सेकंड में लेना पसंद करता हूं, क्योंकि युद्ध में हालात तेजी से बदलते हैं।” उन्होंने ईरान को बिना शर्त सरेंडर का अल्टीमेटम दिया है। दूसरी ओर, ईरान ने भी चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने हमला किया तो वह अमेरिकी बेस और इजरायल पर जवाबी हमला करेगा।
फिलहाल अमेरिकी सेना ने मिडिल ईस्ट में भारी सैन्य तैनाती कर दी है, लेकिन अब तक कोई सीधा हमला शुरू नहीं हुआ है। ट्रंप का अंतिम फैसला ईरान के रुख पर टिका है—अगर ईरान न्यूक्लियर प्रोग्राम रोकने को तैयार नहीं हुआ, तो कभी भी बड़ा हमला हो सकता है।
*भारत पर असर:*
1. तेल की कीमतें: अगर युद्ध छिड़ता है, तो कच्चा तेल $100 प्रति बैरल या उससे ऊपर जा सकता है, जिससे पेट्रोल-डीजल महंगे होंगे और महंगाई बढ़ेगी।
2. आयात बिल और चालू खाता घाटा: भारत का आयात बिल और CAD बढ़ सकता है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ेगा।
3. हवाई यात्रा और व्यापार: भारत से यूरोप-अमेरिका की हवाई यात्रा महंगी और लंबी हो सकती है, और ईरान-इजरायल दोनों को होने वाला निर्यात प्रभावित होगा।
यानी, अमेरिका-ईरान युद्ध सिर्फ मिडिल ईस्ट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारत समेत पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था और आम लोगों की जेब पर सीधा असर डालेगा।





