
US visa policy tightened : गंभीर बीमारियों पर अतिरिक्त जांच, स्वास्थ्य अब प्रवेश का नया मानदंड
अमेरिका ने अपनी वीजा प्रक्रिया को और कठोर बनाने का फैसला किया है, जिसमें अब आवेदकों की स्वास्थ्य स्थिति को प्रमुख आधार बनाया गया है। गंभीर या दीर्घकालिक बीमारियों वाले लोगों के लिए अतिरिक्त जांच अनिवार्य होगी, ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य संसाधनों पर बोझ न पड़े। यह बदलाव लाखों भारतीयों को प्रभावित कर सकता है, जो पढ़ाई, काम या इलाज के लिए अमेरिका जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पर्याप्त बीमा और आर्थिक प्रमाण जरूरी होंगे, वरना वीजा रिजेक्ट का खतरा बढ़ेगा।
Washington/New Delhi : अमेरिकी प्रशासन ने वीजा नीति में बड़ा बदलाव करते हुए स्वास्थ्य संबंधी गंभीर बीमारियों को जांच के दायरे में शामिल कर लिया है। नए निर्देशों के तहत, मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोलॉजिकल विकार और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मामलों में आवेदकों की अतिरिक्त जांच होगी।
अमेरिकी अधिकारियों का तर्क है कि ऐसे व्यक्ति महंगे इलाज के कारण देश के स्वास्थ्य संसाधनों पर निर्भर हो सकते हैं। इसलिए, वीजा अधिकारी अब आवेदक की चिकित्सा रिपोर्ट, उम्र, आर्थिक स्थिति, बीमा कवरेज और पारिवारिक सहायता का मूल्यांकन करेंगे। यह नीति किसी बीमारी को सीधे वीजा अस्वीकृति का कारण नहीं बनाती, लेकिन स्वास्थ्य स्थिति निर्णय प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी।
प्रभावित क्षेत्र
1- लंबे समय के वीजा: स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) या काम के वीजा (H-1B) वाले आवेदकों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
2- अल्पकालिक वीजा: छात्र (F-1), पर्यटक (B-1/B-2) या मेडिकल वीजा के मामलों में भी अतिरिक्त दस्तावेज मांगे जा सकते हैं।
भारत से सालाना लाखों आवेदक प्रभावित होंगे, खासकर जो डायबिटीज या हृदय रोग जैसी सामान्य बीमारियों से जूझ रहे हैं।
विवाद और प्रतिक्रियाएं
मानवाधिकार संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इसे भेदभावपूर्ण बता रहे हैं, क्योंकि स्वास्थ्य जैसी निजी स्थिति को आधार बनाना अमानवीय लगता है। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और जिम्मेदार आव्रजन के लिए जरूरी है।
सलाह और तैयारी
विशेषज्ञ सुझाते हैं कि आवेदन से पहले-
पूरी मेडिकल रिपोर्ट और डॉक्टर सर्टिफिकेट संलग्न करें।
पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा (कम से कम $50,000 कवरेज) और बैंक स्टेटमेंट दिखाएं।
अगर बीमारी गंभीर है, तो अमेरिका में इलाज की योजना स्पष्ट करें।
अपडेट (नवंबर 2025):
USCIS ने 1 नवंबर से इस नीति को पूर्ण रूप से लागू किया है। अब ऑनलाइन आवेदन में स्वास्थ्य डिक्लेरेशन फॉर्म अनिवार्य है। हालिया मामलों में 15% वीजा रिजेक्शन स्वास्थ्य आधार पर बढ़े हैं। भारतीय दूतावास ने सलाह जारी की है कि आवेदक usvisas.state.gov पर अपडेट चेक करें। अगर कोई स्पेसिफिक केस है, तो वीजा कंसल्टेंट से सलाह लें—प्रक्रिया पहले से लंबी हो सकती है।





