उत्तर प्रदेश : चुनाव प्रचार में आरोपों की बौछार

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UP First Phase Polling

अजय कुमार चतुर्वेदी

उत्तर प्रदेश में पहले चरण में होने वाली 58 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार अब जोर पकड़ रहा है। यह सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में हैं जहा 10 फरवरी को मतदान होना है।

भाजपा के कयी बडे नेता – अमित शाह, राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, पार्टी अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा जम कर प्रचार में लगे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा उनके सहयोगी रालोद के जयंत चौधरी भी प्रचार में लगे हैं। नोएडा की होने के बावजूद बसपा अध्यक्ष मायावती ने अभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का चुनावी दौरा शुरू नहीं किया है। यही हाल कांग्रेस का भी है। पार्टी के कोई बडे नेता – सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मनमोहन सिंह – ने इस क्षेत्र का अभी तक रुख नहीं किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जरुर एक बार इस क्षेत्र में आ कर प्रचार कर चुके हैं।

पश्चिम उत्तर प्रदेश के इन 58 चुनाव क्षेत्र में किसान, जाट, गूर्जर और मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है। लगभग एक साल तक चले किसानों आंदोलन में भी पश्चिम उत्तर प्रदेश के ही किसान ज्यादा सक्रिय थे।

चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया इस क्षेत्र का काफी पुराना मुद्दा है। बकाया भुगतान के लिए राजनीतिक पार्टियां आश्वासन भी देती हैं।

महिलाओं की सुरक्षा, तीन तलाक, बेरोजगारी, पलायन जैसे मुद्दे भी चुनाव प्रचार में शामिल हैं। भाजपा के नेता प्रचार में सुरक्षा, गुंडागर्दी और माफिया राज खत्म करने और विकास के मुद्दों को लेकर मतदाताओं के बीच जा रहे है वही समाजवादी पार्टी के नेता मुफ्त बिजली, किसानों के बकाया बिल माफ करने, युवाओं को लैपटॉप देने और विकास की बातें कर रहे हैं। बसपा का प्रचार अभी ट्विटर तक ही सीमित है। आप अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने और प्रैस नोट बयान तक सीमित है। आप के नेता दिल्ली माडल को भी प्रचारित कर रहे हैं।

चुनाव आयोग की सख्ती के कारण अभी तक कोई बडी चुनावी रैली आयोजित नहीं हूई है। फिलहाल नेता एक दूसरे के ऊपर आरोप – प्रत्यारोप में ही व्यस्त हैं। जनसंपर्क भी चल रहा है।