Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista: चर्चा में है इस माह रिटायर हो रहे ACS का कृतज्ञता भोज

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ACS News

मध्य प्रदेश के प्रशासकीय गलियारों में इन दिनों अभी मार्च में रिटायर हो रहे ACS आईसीपी केसरी का एक भोज चर्चा में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस भोज में केसरी ने अपने कार्यकाल के दौरान उनके अधीनस्थ रहे चुनिंदा अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने शासकीय निवास B15 चार इमली पर सपरिवार आमंत्रित किया। माना जा रहा है कि भोज के बहाने उन्होंने एक पारिवारिक माहौल में उन सबके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।

इस भोज की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसमें उनके साथी ACS, और अन्य आईएएस अथवा आईपीएस अधिकारियों को आमंत्रित नहीं किया गया था।
प्रशासकीय गलियारों में केसरी की इस पहल की सराहना की जा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में क्या अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी रिटायर होने पर इस तरह का आयोजन करेंगे?

एक मुलाकात जो तय सी लग रही थी, पर नहीं हुई!

भोपाल के लोग विशेषकर मीडियाकर्मी बेसब्री से 25 मार्च का इंतजार कर रहे थे, जब IAS नियाज खान और ‘द कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री के बीच मुलाकात होना थी। पर, अफसोस कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। विवेक अग्निहोत्री भोपाल आए जरूर और तीन दिन भोपाल में रहे, पर नियाज खान से नहीं मिले। जबकि, मुलाकात की पहल खुद विवेक अग्निहोत्री ने ही बकायदा ट्वीट करके की थी। उधर, नियाज खान भी मिलने के लिए उत्सुक थे लेकिन वे भी इन महत्वपूर्ण क्षणों का इंतजार ही करते रह गए।

पहल विवेक अग्निहोत्री की तरफ से हुई, इसलिए यह माना जाना चाहिए कि भोपाल आने के बाद पहल विवेक को ही करनी चाहिए थी। आखिर, ये हालात क्यों बने या यह कहें कि क्यों बदले!
समझा जा रहा है कि शायद विवेक अग्निहोत्री को भोपाल आने के बाद समझाइश दी गई होगी कि वे नियाज खान को महत्व ना दें। क्योंकि, बात होती तो तय है कि कोई नई कंट्रोवर्सी ही खड़ी हो सकती थी? लोग तो पूछते ही ‘मुलाकात हुई क्या बात हुई!’

परेशान हैं IAS विकास नरवाल

भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2008 बैच के अधिकारी राज्य मंडी बोर्ड के एमडी विकास नरवाल इन दिनों परेशान हैं। उनकी परेशानी का कारण यह है कि राज्य सरकार उन्हें रिलीव नहीं कर रही है।

बता दें कि नरवाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर डिप्टी चेयरमैन शिपिंग कॉरपोरेशन कोच्चि पदस्थ किए गए हैं। इस आदेश को केंद्र से आए हुए कोई एक माह हो चुका है लेकिन अभी तक उन्हें राज्य सरकार ने रिलीव नहीं किया है।
पता चला है कि नरवाल ने इस महत्वपूर्ण पद को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास किए थे। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा उन्हें रिलीव ना किए जाने से वे इन दिनों बहुत परेशान हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्हें अब यह आश्वस्त किया गया है कि 31 मार्च के बाद रिलीव कर दिया जाएगा।

CBDT के नये मुखिया को लेकर रहस्य बरकरार

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नये मुखिया को लेकर एक तरफ जहां रहस्य बरकरार है वहीं दूसरी तरफ जोड तोड़ भी जारी है। बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष जगन्नाथ विद्याधर महापात्र का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। फिलहाल बोर्ड के मुखिया की कुर्सी पर बैठने की चाह रखने वालो की रेस में फिलहाल अनुजा सारंगी सबसे आगे दिखाई दे रही हैं।

केंद्र में प्रशासनिक फेरबदल की सुगबुगाहट

प्राप्त संकेतों के अनुसार चालू बजट सत्र के समाप्त होने के बाद केन्द्र सरकार में बडे पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि लगभग एक दर्जन सचिवों की पदस्थापना की जा सकती है। कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी नये पदो पर लाए जा सकते हैं। केंद्र मे इन समय सचिव ने आधा दर्जन पद खाली है।
पुलिस महानिदेशकों के भी तीन पद – National Investigative Agency (NIA), Sashatra Seema Bal (SSB) और Bureau of Civil Aviation Security (BCAS) खाली हैं।

पंजाब के लिए मुख्य सचिव की तलाश

हालांकि मामला पंजाब का है, लेकिन सुगबुगाहट दिल्ली के गलियारों में है। राज्य में नयी सरकार कै बनने के लगभग एक पखवाड़ा बीतने को हे लेकिन नये मुख्य सचिव के बारे में फैसले पर सबकी निगाहें है। बताया जाता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल को फैसला करना है।

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सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।