Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista: CM सर ले रहे है कलेक्टरों की क्लास, कुछ ज्यादा ही सक्रिय है उनका तंत्र

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CM सर ले रहे है कलेक्टरों की क्लास, कुछ ज्यादा ही सक्रिय है उनका तंत्र

इन दिनों प्रदेशभर के कलेक्टरों की वर्चुअल क्लास लग रही है, और क्लास लेने वाली टीचर हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह। रोज सुबह साढ़े 6 बजे दो जिलों के कलेक्टरों से चुनिंदा सरकारी योजनाओं पर संबंधित जिले की समीक्षा की जाती है। ख़ास बात ये कि जिन कलेक्टरों की क्लास लगने वाली होती है, उन्हें तैयारी के लिए सिर्फ 24 घंटे का समय मिलता है। कलेक्टरों की इस क्लास में प्रभारी मंत्री, जिले के मंत्री और अधिकारी भी बैठते हैं। कलेक्टरों की तैयारी कितनी सजग है ये बात उनके जवाब से नजर आती है।

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सरकारी योजनाओं के अलावा जिले की कानून व्यवस्था पर भी सवाल-जवाब होते हैं। देखा गया है कि CM का फोकस इस बात पर होता है कि कोई सरकारी योजनाओं का पैसा तो हड़प नहीं कर रहा! खासकर प्रधानमंत्री आवास योजना, गरीबों को राशन वितरण और इसी तरह की दूसरी योजनाएं जिनमें पैसों का लेनदेन होता है। इसके अलावा CM जिले के उन अधिकारियों की भी खबर रखते हैं, जो भ्रष्ट आचरण को लेकर बदनाम रहे हैं!

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ये जानकारी इसलिए सामने आई कि शनिवार को खंडवा और डिंडोरी कलेक्टर से मीटिंग के बाद उन्होंने दोनों कलेक्टरों कि मैं आपको जिले के भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट भेज रहा हूँ, उन पर कार्रवाई कीजिए! इसका आशय यह है कि CM को जानकारी देने वाला एक तंत्र भी कहीं न कहीं सक्रिय है, जो कलेक्टरों से ज्यादा मुस्तैद है।CM सर ले रहे है कलेक्टरों की क्लास, कुछ ज्यादा ही सक्रिय है उनका तंत्र.

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बड़े प्रशासनिक फेरबदल की आहट

मध्य प्रदेश में पंचायत और नगर निकायों के चुनाव की घोषणा के बड़े प्रशासनिक फेरबदल की आहट सुनाई दे रही है। माना जा रहा है कि आधा दर्जन कलेक्टर और एसपी बदले जा सकते हैं। कलेक्टर और एसपी के साथ ही राज्य प्रशासनिक और पुलिस सेवा के ऐसे अधिकारियों का बदला जाना तय है जिन्हें एक ही स्थान पर 3 वर्ष पूरे हो चुके हैं। मंत्रालय में ऐसे अधिकारियों की सूची बनना प्रारंभ हो गई है।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और डीजीपी सुधीर सक्सेना से चुनाव की तैयारियों के साथ ही प्रशासनिक फेरबदल को लेकर प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार उज्जैन ,धार, गुना, शिवपुरी, छतरपुर, दतिया,मंडला,सिंगरौली, डिंडोरी, शहडोल जिलों के पुलिस अधीक्षक बदले जा सकते है।

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भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिवनी,सिंगरौली,बुरहानपुर,मंडला,कटनी,शिवपुरी,मुरैना,शाजापुर, छिन्दवाड़ा और गुना जिलों के कलेक्टरों को बदला जा सकता है।

इसी तरह उज्जैन ,धार, गुना, शिवपुरी, छतरपुर, दतिया,मंडला,सिंगरौली, डिंडोरी, शहडोल जिलों के पुलिस अधीक्षक बदले जा सकते है।

CM चलाएंगे ठेला, जोर जोर से आवाज़ लगाएंगे – खिलाने दो- खिलाने दो

इस बात की क्या कल्पना की जा सकती है कि मुख्यमंत्री हाथ ठेला लेकर सड़क पर निकलें और आंगनवाडियों के लिए खिलौने इकट्ठा करें! लेकिन, ये कल्पना नहीं सरकार के एक कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत 24 मई से भोपाल में होगी। CM भोपाल की सड़क पर ठेला लेकर निकलेंगे ताकि जन सहभागिता से आंगनवाड़ियों के लिए सामग्री जुटाई जाए। इसमें ज्यादा जोर बच्चो के खिलौनों पर होगा। योजना है कि जिन लोगों के बच्चे बड़े हो गए और उनके यहां खिलौने हैं, उनसे सहभागिता करते हुए सामान इकट्ठा करना।

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खास बात यह कि इसकी तैयारी के लिए बकायदा समीक्षा होने वाली है। भोपाल में 24 मई को CM खिलौने इकट्ठा करने के लिए ठेला चलाएंगे तो उसकी पूरी तैयारी शुरू हो गई। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री तथा भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह 23 मई को जन सहभागिता से खिलौना, पुस्तक एवं अन्य सामग्री इकट्ठा करने की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इस बैठक में जनप्रतिनिधि एवं जिले के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इस पहल का मकसद लोगों को आंगनवाड़ी सेवाओं से जोड़ना तथा केंद्र पर बच्चों के लिए बाल सुलभ सामग्री की उपलब्धता से विकास को सुनिश्चित करना है। CM के बाद ये योजना जिलों तक पहुंचेगी और वहां मंत्री ठेला चलाते दिखाई देंगे!

प्रभारी मंत्री की मीटिंग का बहिष्कार करने वाले IAS का कुछ नहीं बिगड़ा

इसी कॉलम में पिछले सोमवार को जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत के  CEO के बढ़ते विवाद को लेकर एक पीस लिखा था। इसमें एक आदिवासी जिले में महिला कलेक्टर और जिला पंचायत के CEO के बीच विवाद का इशारा किया था।  यह मामला अनूपपुर जिले का था। चार दिन पहले वहां प्रभारी मंत्री मीना सिंह ने विकास कार्यों की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में जब CEO से खनिज विभाग में लंबित फाइलों को लेकर कुछ सवाल किए तो मामला बढ़ गया।

प्रभारी मंत्री के सवालों से गुस्सा होकर CEO हर्षल पंचोली ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। जो कुछ हुआ वो मध्य प्रदेश के इतिहास में अपने आपमें अजूबा घटना थी। संभवतः यह पहला मामला है, जब प्रभारी मंत्री के सवालों से गुस्सा होकर IAS अधिकारी ने प्रभारी मंत्री की मीटिंग का बहिष्कार किया। इससे भी ताजुब की बात यह है की मंत्री और IAS CEO के बीच विवाद में कलेक्टर ने बीच बचाव करना तो दूर एकदम चुप रहना ही उचित समझा।

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इस घटना को आज कोई पंच दिन हो चुके हैं लेकिन सरकार ने CEO के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। कार्रवाई तो छोड़, उनको कारण बताओ नोटिस तक नहीं दिया गया। जिला पंचायत के CEO हर्षल पंचोली 2015 बैच के IAS अधिकारी हैं।

CEO ने प्रभारी मंत्री पर यह कहते हुए सनसनी फैला दी थी, कि बिना शिकायत के आरोप लगाना उचित नहीं है। यदि आपकी बात सही है, तो उसे साबित कीजिए! मंत्री ने खनिज मद में होने वाले विकास कार्यों के समय पर पूरा न होने और फाइलों को लंबित रखने जैसे मुद्दों को लेकर जिला पंचायत के CEO पंचोली से सवाल-जवाब किए थे। उनके इस बर्ताव पर मंत्री और भी ज्यादा नाराज हो गई और मुख्यमंत्री से शिकायत की बात कही थी। उन्होंने CM तक यह बात पहुंचाई या नहीं, ये तो पता नहीं चला, पर CEO का अभी तक कुछ नहीं बिगड़ पाया है!

अब खबरें दिल्ली से:

कौन बनेगा चुनाव आयुक्त

राजीव कुमार के मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के बाद, निर्वाचन आयोग में चुनाव आयुक्त के खाली हुए एक पद के लिए अधिकारियों के बीच जोड तोड़ शुरू हो गई है। एक बात तो लगभग तय है भारतीय राजस्व सेवा के किसी अधिकारी का चुनाव आयुक्त बनने की संभावना कम है। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयुक्त बनने के लिए आधा दर्जन से अधिक रिटायर्ड और वर्तमान IAS अधिकारी लाईन में लगे हैं। सूत्रों के अनुसार एक रिटायर्ड आई पी एस अधिकारी का नाम भी इस दौड़ में शामिल बताया जाता है।

कौन होगा दिल्ली का नया उप राज्यपाल

केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली का नया उप राज्यपाल कौन होगा, इसके लिए भी लाबिंग शुरू हो गई है। बताया जाता है कि 1975 से 1980 बैच के दर्जन भर से अधिक आई ए एस और आई पी एस अधिकारी अपनी संभावनाओं को टटोल रहे हैं। पिछले हफ्ते अनिल बैजल के त्याग पत्र देने के कारण दिल्ली में उप राज्यपाल की वैकेंसी निकली है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील पद के लिए

सुनील अरोड़ा, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त और विजय कुमार, पूर्व सलाहकार, जम्मू कश्मीर के बीच करीबी मुकाबला है।

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असर सुप्रीम कोर्ट की फटकार का

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार इन दिनों विभिन्न आयोगों और प्राधिकरणों में लंबे समय समय से खाली पड़े पदों को भरने मे लगी है। बीते हफ्ते राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण आयोग में छह सदस्यों की नियुक्ति, नेशनल कंपनी ला अपीलैट न्यायाधिकरण मे भी आधा दर्जन सदस्यों की नियुक्ति भी इसी दिशा में उठाया गया कदम है।

*देश के नए लोकायुक्त की नियुक्ति अगले माह*

देश के पहले लोकायुक्त न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष का कार्यकाल इसी महीने पूरा हो रहा है। जानकारों का कहना है कि

नये लोकायुक्त की नियुक्ति जून तक होने की संभावना है।