Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:अमित शाह की यात्राओं से सनसनी का माहौल!

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Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:अमित शाह की यात्राओं से सनसनी का माहौल!

अमित शाह इन दिनों मध्य प्रदेश पर कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रहे हैं। दिमाग पर जोर दिया जाए तो पिछले 6 महीने में केंद्रीय गृह मंत्री 5 बार मध्य प्रदेश आए। सिर्फ भोपाल ही नहीं वे जबलपुर और ग्वालियर भी आए। राजनीतिक रूप से उन्होंने जिस तरह बैलेंस बनाया उसे भी जरा ध्यान दिया जाए! वे तीन बार भोपाल आए और CM शिवराज सिंह को तरजीह दी। जबलपुर आए तो सांसद राकेश सिंह की पीठ थपथपाई और प्रस्तावित नए एयर टर्मिनल का शिलान्यास किया तो ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाव बढ़ा गए!

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दरअसल, इस सबके पीछे चुनावी सरगर्मी है और अमित शाह ऐसे नेता हैं जो हमेशा इलेक्शन-मोड पर रहते हैं। दिल्ली दरबार पहुंची ख़बरों में मध्य प्रदेश में भाजपा की हालत बहुत अच्छी नहीं बताई जा रही। पार्टी कितना भी दावा करे, पर अंदरखाने के अनुमान बताते हैं कि जमीनी स्थिति उतनी अच्छी नहीं है जिसका अनुमान पार्टी लगा रही है। ऐसे में अमित शाह का चिंतित होना स्वाभाविक है और उनकी यात्राओं का कारण भी यही है। पिछली भोपाल यात्रा के दौरान उन्होंने देर रात तक कई नेताओं से अकेले-अकेले बात की थी। इसमें भी ख़ास बात ये कि किसी को नहीं पता कि किस नेता से क्या बात की गई!

प्रधानमंत्री की उज्जैन यात्रा से दो ‘यादव’ नदारद!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की उज्जैन यात्रा कई मानो में यादगार और ऐतिहासिक रही। ‘श्री महाकाल लोक’ के लोकार्पण ने जो माहौल बनाया, उसे उज्जैन का इस सदी का सबसे बड़ा कार्यक्रम बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मेहनत साफ़ नजर आई और इस बात से इंकार नहीं कि इससे मोदी की नजर में उनके नंबर भी बढे हैं। नरेंद्र मोदी ने मंच से ही उनकी मेहनत को सराहा जो सही भी था। लेकिन, ध्यान देने वाली बात ये कि मुख्यमंत्री के आसपास न तो इंदौर के नेता दिखाई दिए, न उज्जैन के! प्रधानमंत्री को जिन नेताओं ने इंदौर एयरपोर्ट पर रिसीव किया था, वे सभी वहीं रह गए। यहां तक कि उज्जैन के नेता भी आसपास नजर नहीं आए।

प्रधानमंत्री की उज्जैन यात्रा से दो 'यादव' नदारद!

प्रोटोकॉल के तहत राज्यपाल जरूर मौजूद रहे! लोकार्पण के पूरे आयोजन में मुख्यमंत्री के अलावा जो दो चेहरे दिखाई दिए वे थे उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और प्रदेश की पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर। लेकिन, आश्चर्य की बात यह रही कि उज्जैन के दो ‘यादव’ चेहरे एक बार भी कैमरे में दिखाई नहीं दिए! मंत्री मोहन यादव और कमिश्नर संदीप यादव साढ़े तीन घंटे के आयोजन से नदारद ही रहे! कहा और सुना भी जा रहा है कि कमिश्नर संदीप यादव उज्जैन में रहने के मूड में नहीं है और ये बात मुख्यमंत्री को भी पता है! लेकिन मोहन यादव को प्रधानमंत्री के इस भव्य आयोजन से दूर रखे जाने के समीकरण को समझा जाना चाहिए! बड़बोले मोहन यादव से आखिर कोई तो ऐसी गलती हुई है, जो उन्हें हाशिये पर डाल दिया गया!

ख़ामोशी से उपलब्धियां गिनाते प्रतापभानु

राजनीति में हल्ला ब्रिगेड नेताओं की कमी नहीं है। कोई भी पार्टी हो, नेता जरा सी उपलब्धि या पार्टी में जरा सा भाव मिलने पर बल्लियों उछलने लगते हैं! लेकिन, कांग्रेस में एक नेता प्रतापभानु शर्मा ऐसे भी हैं, जो खामोशी से अपना दायित्व निभाते हैं और अपनी कोशिश में सफल भी होते हैं! वे न तो अपनी उपलब्धि पर झंडे गडवाते हैं और न पोस्टर लगवाते हैं! यही कारण है कि उनके काम की तूती बोलती है। विदिशा-रायसेन क्षेत्र से सांसद रहे इस वरिष्ठ नेता को कांग्रेस ने हाल ही में तमिलनाडु प्रदेश के पार्टी का कन्वीनर बनाया है।

Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:अमित शाह की यात्राओं से सनसनी का माहौल!

इससे पहले प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें नगर निकाय चुनाव के दौरान रीवा का प्रभारी बनाया था। उस चुनाव के जो नतीजे आए, उससे साबित भी हो गया कि प्रतापभानु शर्मा की सकारात्मक रणनीति और संगठन का लंबा अनुभव काम आया। विंध्य क्षेत्र जो विधानसभा चुनाव के समय भाजपा का गढ़ साबित हो रहा था वहां नगर निकाय चुनाव में भाजपा बौनी साबित हुई और यह सब था प्रताप भानु शर्मा का प्रताप। इससे पहले जनवरी में AICC ने प्रतापभानु शर्मा को कांग्रेस संगठन चुनावों के लिए मणिपुर प्रदेश का कंवीनर और प्रभारी नियुक्त किया था। इसके बावजूद कभी किसी ने उनके नाम और उपलब्धि का हल्ला नहीं सुना होगा।


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दिल्ली में सत्ता के गलियारों में चर्चित UP का यह IAS अफसर

उत्तर प्रदेश के एक IAS अधिकारी इन दिनों दिल्ली में सत्ता के गलियारों में काफी चर्चित है।

Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:अमित शाह की यात्राओं से सनसनी का माहौल!

अंबेडकरनगर के जिलाधिकारी सैमुअल पाल जिले के एक बाढ राहत शिविर में प्रभावितों को सरकार द्वारा दी जा रही सहूलियतों की जानकारी देते समय कह गए कि सरकार घर पहुंचाने वाली जोमैटो सेवा नही चलाती। खाना राहत शिविर में ही मिलेगा।

IAS अधिकारी का दार्शनिक ट्वीट चर्चा में

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छत्तीसगढ़ के IAS अधिकारी अवनीश शरन का एक ट्वीट इन दिनों काफी चर्चित है। इस ट्वीट में एक ड्राइंग के जरिए जीवन की शिक्षा देते हुए उन्होंने बताया है कि एक मेरा यानी व्यक्ति अपनी योजना बनाता और ईश्वर भी अपनी बनाई योजना पर काम करता है।

 

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भले ही हम उसे न समझें लेकिन उसने हमारे जीवन का सटीक प्लान बनाया होता है और उसी पर हमे चलना होता है। उनके इस दार्शनिक ट्वीट पर कुछ प्रतिक्रियाएं भी ट्विटर पर चल रही है।

MP के दो IAS अधिकारियों को केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

एक लंबे समय के बाद मध्य प्रदेश काडर के दो IAS अधिकारियों को केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। ये दो भाग्यशाली अधिकारी है – आकाश त्रिपाठी और शशांक मिश्र।

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भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1998 बैच के त्रिपाठी प्रधानमंत्री के पोर्टल MyGov के CEO बनाए गए हैं जबकि 2007 बैच के मिश्र वित्त मंत्रालय मे निदेशक नियुक्त हुए हैं। केंद्र में सत्ता के गलियारों में काम की दृष्टि से यह दोनों पद बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा को लेकर खासी बहस जारी

दिल्ली की सत्ता के गलियारों में निर्वाचन आयोग द्वारा एक राज्य हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा को लेकर अच्छी खासी बहस चल रही है। हालांकि कोई भी आयोग के इस रहस्य की गुत्थी नही समझ पा रहा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा दीपावली के बाद कभी भी हो सकती है।

रक्षा मंत्रालय के 2 महत्वपूर्ण पद अब किस IAS को

रक्षा मंत्रालय में इस महीने सचिव रिटायर हो रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के दोनों महत्वपूर्ण पद हालांकि रक्षा सचिव अजय कुमार के पास है। वे ही रक्षा सचिव भी हैं और रक्षा उत्पादन सचिव भी है। वे केरल काडर के IAS अधिकारी है। रक्षा मंत्रालय के इन दोनों महत्वपूर्ण पदों को हासिल करने के लिए कई IAS अधिकारी कोशिश में लगे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पद अब एक ही अधिकारी के पास रहते हैं या इसके लिए दो अलग-अलग अधिकारी तैनात होंगे।