Vallabh Bhawan Corridors to Central Vista : थोक ट्रांसफर दिवाली बाद, पर हल्लाबोल होते रहेंगे!

1444

थोक ट्रांसफर दिवाली बाद, पर हल्लाबोल होते रहेंगे!

प्रदेश में लम्बे समय से आईएएस और आईपीएस अफसरों के थोकबंद ट्रांसफर के अनुमान लगाए जा रहे हैं, विशेषकर जिलों के कलेक्टर और एसपी के तबादले पिछले कई दिनों से चर्चा में तो आते हैं लेकिन आदेश नहीं होते हैं। अब खबर है कि ये ट्रांसफर दिवाली के बाद होंगे। मध्यप्रदेश में अभी ‘मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान’ का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री इस अभियान के अंतर्गत जनता से सीधे बातें करते हैं और अधिकारियों के बारे में जानकारी ले रहे हैं। पहली बार ऐसा हो रहा है जब जनता की राय लेकर सीएम कलेक्टर एसपी के तबादले के बारे में सोचेंगे। पर, यदि कोई बड़ी लापरवाही नजर आती है तो सीएम मंच से ही किसी कलेक्टर का तबादला कर दें, तो आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।

(Samras Panchayats

जैसा कि झाबुआ के मामले में सीएम ने किया था। माना जा रहा है कि ये सब चुनावी नजरिये से किया जा रहा है। इससे ब्यूरोक्रेसी के नाराज होने का अंदेशा जरूर है, पर लगता है सीएम वो रिस्क भी लेने को तैयार हैं। सीएम शिवराज सिंह ये चुनाव जनता में अपनी अलग छवि बनाकर जीतना चाहते हैं। उनकी कोशिश ‘जनता का सीएम’ बनने की है और इसके लिए जरूरी है कि जनता की डिमांड पर मंच से ही ट्रांसफर आर्डर दिए जाएं। पिछले दिनों ऐसे कई वाकये हुए जब सीएम ने मंच से ही जनता से रिपोर्ट ली और अफसर को सस्पेंड कर दिया।

 प्रदेश के तीन क्षेत्रों में भाजपा बनाएगी चुनावी अध्यक्ष!

2018 के विधानसभा चुनाव ने भाजपा को एक सबक दिया कि राजनीति में अति आत्मविश्वास बहुत घातक होता है! यही कारण है कि इस बार वो फूंक-फूंककर कदम रख रही है। अब रणनीति के तहत एक और नए प्रयोग की बात सामने आई। इसमें भाजपा प्रदेश के तीन क्षेत्रों के लिए ‘चुनावी अध्यक्ष’ बनाएगी। इस प्रयोग का आइडिया भी दिल्ली से आया है। अभी सिर्फ तीन क्षेत्रों में ‘चुनावी अध्यक्ष’ बनाने की बात चली है जो मालवा, महाकौशल और मध्य-उत्तर में चुनाव की बागडोर संभालेंगे। ये ‘चुनावी अध्यक्ष’ प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष को रिपोर्ट करेंगे। इसका सीधा सा आशय है कि सिर्फ प्रदेश संगठन ही नहीं नेतृत्व भी चुनाव पर नजर रखेगा। इससे पार्टी में आंतरिक गुटबाजी पर अंकुश लगाया जाएगा।

BJP's New Ticket Formula

सबसे ख़ास बात यह कि ‘चुनावी अध्यक्ष’ नए चेहरे होंगे, जिनमें रणनीतिक क्षमता हो! पार्टी के बड़े नेताओं की भूमिका निगरानी की होगी, वे उनके काम में दख़ल भी नहीं दे सकेंगे। अगले विधानसभा चुनाव में सारे सूत्र भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में लेने की तैयारी की है। इसीलिए क्षेत्रीय संगठन प्रभारी अजय जामवाल को विस्तृत रिपोर्ट तैयार को कहा गया। इसी रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि तीन क्षेत्रों (मालवा, महाकौशल और मध्य उत्तर) में चुनावी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। ये चुनावी अध्यक्ष अपने हिसाब से पूरी रणनीति बनाकर प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष को जानकारी देंगे। हर संभाग में पुराने नेताओं की जगह नए लोगों को जिम्मेदारी देने की रणनीति है, ताकि गुटबाजी की आशंका कम हो! पार्टी को यह खतरा इसलिए नजर आ रहा है कि इस बार कई टिकट बदले जाएंगे। साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोगों के पार्टी में आने से उनके खिलाफ सेबोटेज की आशंका भी है।

 स्वच्छता पुरस्कार के मंच पर सांसद क्यों!

इंदौर ने लगातार छठी बार स्वच्छता में देश में अपना ख़म ठोंक दिया। साथ ही कचरे से कमाई करने में भी इंदौर ने ‘सेवन स्टार’ तमगा पाया। ये उपलब्धि निःसंदेह बहुत बड़ी है। इसके लिए रणनीति बनाने में नगर निगम और प्रशासन के अफसरों के अलावा किसी को इसका श्रेय दिया जा सकता है, तो वो है शहर के सफाई कर्मी जिन्हें ‘सफाई मित्र’ नाम देकर उनकी मेहनत का सम्मान किया जाता है। जब निगम और प्रशासन के अफसर पुरस्कार लेने दिल्ली गए, तो कर्मचारियों को भी साथ ले गए।

IMG 20221001 WA0276

सबसे आश्चर्य की बात है कि ‘स्वच्छता अवार्ड’ लेने में सांसद शंकर लालवानी भी नजर आए। लोगों का यह मानना है कि इस पुरस्कार में आखिर सांसद की भूमिका क्या रही है! केवल सांसद भर होना ही उन्हें इस सम्मान को दिलाता है यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है क्योंकि सांसद ना तो सरकार होता है और ना ही निर्देश देने वाला अधिकृत अधिकारी या जनप्रतिनिधि। इससे अलग सुमित्रा महाजन लगातार 8 बार इंदौर से ही सांसद रही और लोकसभा अध्यक्ष जैसी बड़ी कुर्सी तक पहुंची, पर वे हर कार्यक्रम में कभी दिखाई नहीं दी! अब तो शहर के लोग भी सवाल करने लगे हैं कि सांसद ने सफाई में कौन सा ऐसा काम किया जो वे मंच पर पुरस्कार लेने पहुंचे थे।

MP के IAS अफसर को PM के डिजिटल प्रचार का महत्वपूर्ण दायित्व

केंद्र सरकार द्वारा कल ज्वाइंट सेक्रेट्री स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति आदेश में मध्य प्रदेश के 1998 बैच के IAS अधिकारी आकाश त्रिपाठी को केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण दायित्व मिला है। वे इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में महत्वपूर्ण प्रकोष्ठ MyGov के CEO नियुक्त किए गए हैं।

UNSET

यह इकाई प्रधानमंत्री के सभी डिजिटल प्रचार और सूचना का काम देखते हैं। इस दृष्टि से देखा जाए तो आकाश त्रिपाठी को केंद्र में प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण कार्य को संपादित करने की जवाबदारी सौंपी गई है।

 *MP केडर के IAS का Confirmation 9 साल बाद* 

मध्य प्रदेश केडर के एक IAS अधिकारी का कंफर्मेशन आदेश नौ साल बाद जारी हुआ। भारतीय प्रशासनिक सेवा में 2011 बैच के अधिकारी हरजिंदर सिंह 2011 मे IAS अधिकारी बने। DOPT के 28 सितंबर,2022 को जारी नोटीफिकेशन के अनुसार सिंह का कंफर्मेशन 29 अगस्त 2013 से प्रभावी माना जायेगा।

सामान्यतः इस तरह के कंफर्मेशन दो-तीन साल में ही हो जाते हैं लेकिन सिंह के मामले में विलंब क्यों हुआ यह समझ से परे है।

 *देश के सबसे बड़े पुलिस बल के DG बने MP केडर के वरिष्ठ IPS अधिकारी* 

म प्र केडर के भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बेच के वरिष्ठ IPS अधिकारी देश के सबसे बड़े पुलिस बल के महानिदेशक बने हैं। एस एल थाउसन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल CRPF का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। सरकार ने थाउसन के आदेश वरिष्ठ IPS अधिकारी कुलदीप सिंह के रिटायर होने पर रिक्त पद पर किए।

 *रक्षा मंत्रालय को अगले माह मिलेंगे दो नए सचिव* 

रक्षा मंत्रालय को दो नये सचिव नवंबर में मिलने की संभावना है। वर्तमान रक्षा सचिव अजय कुमार इस महीने रिटायर हो रहे हैं। उनके ही पास रक्षा उत्पादन के सचिव का अतिरिक्त प्रभार पिछले साल नवंबर से है। वे केरल काडर के आईएएस अधिकारी है।

 *ITBP को 2 महीने बाद मिला नया मुखिया* 

भारत सरकार में महत्वपूर्ण केंद्रीय पुलिस बल ITBP को दो महीने बाद नया मुखिया मिल गया। अनीश कुमार सिंह इस बल के नये महानिदेशक बने हैं। वे मणिपुर काडर के आईपीएस अधिकारी हैं और आई बी मे विशेष निदेशक के पद पर तैनात थे। देश के इस महत्वपूर्ण संगठन के पूर्व डीजी संजय अरोड़ा थे जिन्हें इस वर्ष जुलाई में दिल्ली का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है।