Vande Bharat Express : इंदौर-भोपाल के बीच घाटे का सौदा साबित होगी वंदे भारत एक्सप्रेस!
Indore : भोपाल और इंदौर के बीच मंगलवार से वंदे भारत ट्रेन शुरू हुई। प्रधानमंत्री ने झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। लेकिन, इस ट्रेन की सफलता पर पहले दिन ही संदेह किया गया। ट्रेन का किराया और टाइमिंग वंदे भारत के लिए मुश्किल खड़ा करेगी। इसके मुकाबले इंटरसिटी ट्रेन और चार्टर बस का किराया कम है। यदि इस ट्रेन को भोपाल से आगे ग्वालियर, नागपुर या खजुराहो तक बढ़ाया जाए तो ही यह फ़ायदा देगी इसके अलावा रवाना होने के समय में भी बदलाव किया जाना जरुरी होगा।
वंदे भारत ट्रेन अपनी यात्रा के पहले ही दिन फुल होकर नहीं चली। एग्जीक्यूटिव क्लास में सिर्फ 6 यात्री होना बताए गए हैं। इस ट्रेन का ज्यादा किराया किसी को रास नहीं आ रहा। इसलिए तय माना जा रहा है कि यह ट्रेन रेल मंत्रालय के लिए फायदे का सौदा साबित नहीं होगी। वंदे भारत ट्रेन की क्षमता 530 यात्रियों की है। किंतु, पहले दिन सिर्फ 47 यात्रियों ने इसमें सफर किया। एग्जीक्यूटिव क्लास में तो सिर्फ 6 यात्रियों ने ही यात्रा की। जबकि इस कोच में 52 सीटें है।
रेल मंत्रालय भले उम्मीद बांधे हो, पर भोपाल और इंदौर के बीच यात्रा की जो सुविधाएं उपलब्ध हैं, वे वंदे भारत से सस्ती, कम समय में पहुंचाने वाली और हर मामले में ज्यादा बेहतर है। पर, इस मार्ग पर लगातार यात्रा करने वालों का दावा है कि ज्यादा किराए और कम स्टॉपेज के कारण ये ट्रेन कभी फायदे में नहीं चलेगी।
वंदे भारत की सफलता संदिग्ध
भोपाल के लिए जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस सुबह 6.35 पर इंदौर से निकलती है। वंदे भारत का किराया दूसरी ट्रेनों की तुलना में कई गुना ज्यादा है। इंदौर से भोपाल एसी चेयर कार का किराया 810 रुपए और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का 1510 रुपए है। लेकिन, भोपाल से इंदौर वापसी में एसी चेयर कार का किराया 910 और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 1600 रुपए है। इसमें खाना शरीक है।
जबकि, वंदे भारत के 5 मिनट बाद जाने वाली इंदौर-भोपाल इंटरसिटी में नॉन एसी सिटिंग का किराया 100 रुपए और एसी चेयर कार का 360 रुपए है। जबकि, चार्टर्ड बस का किराया 435 रुपए है। यदि वंदे भारत ट्रेन के स्टॉपेज बढ़ाए जाते हैं और किराया घटाया जाता है, तो ही इस ट्रेन को ज्यादा यात्री मिल सकेंगे।