Vande Metro : इंदौर और भोपाल के बीच ‘वंदे मेट्रो’ चलाने की तैयारी, रूट पर भी विचार!

जानिए, क्या तैयारी की गई 160 किमी प्रति घंटा वाली इस ट्रेन के लिए!

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Vande Metro : इंदौर और भोपाल​ के बीच ‘वंदे मेट्रो’ चलाने की तैयारी, रूट पर भी विचार!

Bhopal : वंदे भारत की सफलता के बाद अब मध्य प्रदेश में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को नए सिरे से बढ़ावा दिया जा रहा है। रेलवे ने ‘वंदे मेट्रो’ चलाने की योजना बनाई है। जल्द ही भोपाल-इंदौर के बीच वंदे मेट्रो का संचालन किया जाएगा। अभी यह योजना कागजों पर है, पर उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही पटरी पर उतरेगी।

भोपाल और इंदौर के बीच रेल कनेक्टिविटी को बेहतर और सुलभ बनाने के लिए दोनों शहरों के बीच वंदे मेट्रो चलाने की तैयारी की जा रही है। पश्चिम रेलवे का भोपाल मंडल जल्द ही इस योजना का तकनीकी स्तर पर इसका परीक्षण करेगा। वंदे मेट्रो की टाइमिंग पर भी चर्चा होगी।

मेंटेनेंस के स्लॉट के बाद तैयारी
इस योजना के लिए भोपाल रेल मंडल को यह देखना होगा कि रानी कमलापति रेलवे यार्ड की पिटलाइन में वंदे मेट्रो के मेंटेनेंस का स्लॉट कब उपलब्ध होगा। अगर, स्लॉट तय हो गया तो सुबह भोपाल से यह ट्रेन चलकर इंदौर आएगी और लौटकर दोपहर तक भोपाल पहुंचेगी। फिर वहां से शाम को चलकर फिर इंदौर आएगी और इंदौर से रात में चलकर भोपाल पहुंचेगी। यानी दोनों शहरों को दिन में दो बार जोड़ेगी।
इंदौर से भोपाल के बीच चलने वाली ज्यादातर गाड़ियां अभी उज्जैन होकर चलती हैं। इससे इंदौर से भोपाल जाने वाले यात्रियों को ज्यादा किराया देना पड़ता है। दोनों शहरों के मध्य सबसे बेहतर रूट देवास-मक्सी है, जो सबसे छोटा है। जबकि, लोगों की डिमांड है कि वंदे मेट्रो उज्जैन से भोपाल के बीच अलग से चलाना चाहिए।

अभी तीन रूट पर विचार
भोपाल-इंदौर वंदे भारत मेट्रो के लिए 3 रूट पर विचार किया गया था। पहला वंदे भारत मेट्रो भोपाल से होशंगाबाद, इटारसी होते हुए बेतूल तक जाएगी। वहीं, दूसरा रूट भोपाल से बीना होते हुए सागर तक जाएगी और एक अन्य रूट भोपाल से सीहोर होते हुए शाजापुर तक होगा। इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे होगी।
रेल मंत्रालय से प्रदेश सरकार की उज्जैन से इंदौर के बीच वंदे भारत मेट्रो चलाने के लिए बात हुई है। यह ट्रेन मौजूदा रेलवे ट्रैक पर दिन में कई फेरे लगाएगी। सरकार का अगला प्लान ग्वालियर और जबलपुर तक भी वंदे मेट्रो चलाने का है। लेकिन, अभी ये पूरी योजना विचार तक सीमित है, जिसे जल्द ही कार्यरूप में बदला जाएगा।