Vastu defects स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के लिए ये वास्तु दोष जिम्मेदार;जानें ये 10 खास उपाय
कहते हैं कि अगर शरीर स्वस्थ रहता है तो सब स्वस्थ रहता है. अगर अच्छी सेहत (Health) ही न हो तो सारी सुख-सुविधाएं बेकार लगती हैं. लेकिन कभी कभी घर से बीमारी (Disease) जाने का नाम ही नहीं लेती.स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के लिए ये वास्तु दोष जिम्मेदार! बीमारी से बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यानशास्त्रों में कहा जाता है कि प्रथम सुख निरोगी काया अर्थात शरीर को स्वस्थ रखना व्यक्ति का प्रथम लक्ष्य है. अगर ऐसा है तो वास्तु में कुछ ऐसे आसान से उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप बीमारियों को खुद से दूर रख सकते हैं.इन्हें दूर करने के लिए भवन में ऊॅ, स्वास्तिक, फेंगसुई आदि शुभ-चिन्हों का उपयोग वास्तु-दोष में काफी हद तक राहत प्रदान करता है।
घर से बीमारियों को दूर करने के लिए उपाय–
1-घर की दक्षिण दिशा में हनुमान जी का चित्र जरूर लगाएं. अगर घर दक्षिण मुखी हो तो पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर मुख्यद्वार पर लगाना चाहिए.
2-घर में यदि बीम हो तो इसके नीचे कभी न बैठें न सोएं. बीम के नीचे नेगेटिव एनर्जी का वास होता है और इससे शरीर बीमार होता है.
3-घर के सदस्य अगर बार-बार बीमार हो रहे हैं तो उनके सोने की दिशा पर जरूर ध्यान दें. सोते समय परिवार के हर सदस्य का सिर दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए और पैर उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
4-कमरे के पर्दे हटाकर रखें और खिड़कियां बंद न रहने दें. बेडरूम पूरी तरह से बंद न रखें बल्कि उसे बीच-बीच में खोलते रहें. ताजी हवा और उजाला आने दें.
5- घर के सामने किसी प्रकार का बड़ा पेड़ या खंभा है तो उसे हटाने की कोशिश करें. दरअसल ये वास्तु दोष का कारण बनता है. अगर ऐसा कर पाना संभव न हो तो अपने मुख्यद्वार पर रोज रोली से स्वास्तिक बनाएं.
6-भूल के बेडरूम में भगवान की तस्वीर या मंदिर न रखें.
7-यदि घर में बाथरूम और टॉयलेट एक साथ हों तो यह भी भयंकर वास्तु दोष उत्पन्न करता है। इसके लिए सबसे पहले आप इसे हमेशा स्वच्छ रखें। नीले रंग के मग और बाल्टी ही रखें।
8-यदि घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट या फिर सीढ़ियां बनी होती हैं तो घर की मुख्य महिला ही नहीं, बल्कि अन्य सदस्यों को भी मानसिक तनाव हो सकता है
9-यदि घर के किसी स्थान पर वास्तु दोष निर्मित हो रहा है तो वहां एक कर्पूर की 2 टिकियां रख दें। जब वह टिकियां गलकर समाप्त हो जाए तब दूसरी दो टिकिया रख दें। इस तरह बदलते रहेंगे तो वास्तुदोष निर्मित नहीं होगा।
10-पूर्णिमा को भगवान शिव परिवार की पूजा करें और अपने परिवार को निरोगी बनाने की प्रार्थना करें.