Vegetable Seller Suicide Case:”दरोगा फ्री सब्जी ले जाता है, मुझसे 5000 रुपए भी छीने…” परेशान होकर दुकानदार ने की आत्महत्या
बताया है कि वह सब्जी बेचने का काम करता था।
चौकी प्रभारी सतेंद्र कुमार यादव व सिपाही अजय कुमार यादव अक्सर उसकी दुकान आकर बोरे में मुफ्त में सब्जी भर ले जाते थे। जो कमाई होती थी, वह भी छीन ले जाते थे। इससे परेशान होकर उसने सब्जी की दुकान लगानी बंद कर दी और एक मेस में काम करने लगा। इसके बाद भी दोनों ने पीछा नहीं छोड़ा और घर आकर धमकाने लगे। घर बेचकर पांच लाख रुपये देने का दबाव बनाते थे। इस वजह से वह जान देने जा रहा है।
उधर, सुनील की आत्महत्या से नाराज परिजनों ने घर के बाहर शव रखकर हंगामा किया। आठ घंटे तक शव नहीं उठने दिया। इसके बाद पुलिस ने पिता की तहरीर पर दोनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज की।
साथ ही दोनों का निलंबन भी किया, तब परिजन शांत हुए। दोपहर एक बजे शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। उधर, दोनों आरोपी घटना के बाद से फरार हैं। चौकी प्रभारी अपने साथ सर्विस रिवाल्वर भी ले गया है। वहीं, सचेंडी थाना प्रभारी आमोल मुर्कुट, एसीपी पनकी तेज बहादुर सिंह ने घटनास्थल की जांच की। फॉरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य जुटाए हैं।
ऐसे शुरू हुई अवैध वसूली की कहानी
सचेंडी कस्बा निवासी पिता बालकृष्ण राजपूत ने बताया कि छोटा बेटा सुनील सचेंडी मंडी में फुटकर सब्जी का व्यापार करता था। आरोप है कि नवंबर 2023 में घर के पास रहने वाले एक मुस्लिम परिवार से उनका विवाद हो गया था। उस परिवार ने राजकुमार के साथ ही सुनील के खिलाफ भी शिकायत की थी।
इसके बाद से चौकी प्रभारी सतेंद्र कुमार यादव व सिपाही अजय कुमार यादव उनके घर आकर धमकाने लगे। मंडी जाकर सुनील की दुकान से अक्सर फ्री में सब्जी लाने लगे थे। इससे परेशान होकर सुनील दुकान बंद कर हाईवे निर्माण में लगी कंपनी की मेस में दो माह से खाना बनाने का काम कर रहा था।
घर पहुंचकर मां से की थी गालीगलौज, बेटे से छीने थे पांच हजार
पिता ने बताया कि अचानक से पांच लाख रुपये की मांग रखने से बेटा परेशान रहने लगा था। उसे धमकी दी जा रही थी कि पैसा नहीं दिया तो जेल भेज देंगे। आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले सत्येंद्र और अजय घर आए थे। सुनील की मां राजेश्वरी से गालीगलौज की थी। इसके बाद 12 मई की शाम सुनील जब घर आ रहा था, तो उससे पांच हजार रुपये छीन लिए थे। इसके बाद से सुनील बहुत तनाव में था। बालकृष्ण के मुताबिक सोमवार रात सुनील घर लौटा और कमरे में चला गया। सुबह करीब पांच बजे उसकी मां राजेश्वरी ने उसे फंदे से लटका देखा।
मंडी में दलालों के जरिए चलता है पुलिस का वसूली का रैकेट
चकरपुर मंडी में पुलिस का वसूली का पूरा रैकेट चलता है। इसमें चकरपुर मंडी ही नहीं थाने के भी कई वर्दी वाले शामिल है। सब्जी वसूली से पैसा वसूली तक का पूरा खेल दलालों और सिपाहियों के जरिए इतनी सफाई से चलता है कि कोई मामला सामने आता है तो पुलिस को साक्ष्य नहीं मिल पाता है।
मंडी के व्यापारियों का कहना है कि पुलिस वाले आए दिन बोरा और झोला लेकर आते हैं और फ्री में सब्जी भरकर ले जाते है। पैसा भी वसूलते हैं। यदि किसी ने विरोध या आनाकानी की, तो दलालों के माध्यम में किसी का किसी से झगड़ा करा देते है और फिर दबाव बनाकर वहीं कराते हैं, जो वह चाहते हैं।
सुनील की मौत की खबर पाकर मंडी के कई फुटकर सब्जी विक्रेता उनके घर पहुंचे। उन लोगों ने बताया कि सुबह पांच बजे से 10 बजे तक चकरपुर मंडी के कछियाना में फुटकर सब्जी मंडी लगती है। यहां दूर से आए किसान अपनी सब्जी बेच जाते है और वहां सुनील और उसके जैसे तमाम लोग सब्जी बेचते है। जो पैसा बचता है उसे अपने पास रखकर किसान की रकम दे दी जाती है। इसी बीच पुलिस वाले अपना रैकेट चलाते है। आए दिन पुलिस वाले और उनके जुड़े लोग सब्जी और फल बड़ी मात्रा में इकट्ठा करते हैं। उसके बाद कहां कौन सी बोरी या बोरा भेजना है।
इसकी जानकारी चौकी प्रभारी, सिपाही व अन्य पुलिस वालों को ही होती है। इसके बाद सब्जी बोरे और बोरी में भर कर वाहनों से पुलिस वाले और उनके गुर्गे ले जाते हैं, पैसा मांगने पर गाली-गलौज और अंजाम भुगतने की धमकी देते है। एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अगर किसी व्यापारी या दुकानदार ने चौकी प्रभारी व अन्य पुलिस वालों की मर्जी के मुताबिक सामान व रुपये नहीं दिए, तो उनके गुर्गे सक्रिय हो जाते हैं।
वह विरोध करने वाले दुकानदार या व्यापारी को किसी दूसरे से भिड़वा देते थे। फिर शिकायती पत्र लेकर कार्रवाई की धमकी देकर वसूली शुरू कर देते हैं। पीड़ित थाने जाता है, तो अफसर यह कहकर चलता कर देते हैं कि जाओ अपने स्तर से देख लो, ज्यादा पचड़े में मत पड़ो। अब आखिर वे लोग जाएं तो कहां। न्याय की गुहार लगाए तो किससे। मजबूरी में वहीं करते हैं, जैसा चकरपुर मंडी और सचेंडी थाने के पुलिस वाले चाहते है।
वीडियो में बयां किया दर्द : जब भी मिलते पैसे छीन लेते, गालीगलौज करते
पहला वीडियो
चौकी प्रभारी सत्येंद्र यादव व अजय यादव के खिलाफ मैं गवाही देता हूं, अगर मैं फांसी लगाता हूं तो उसके जिम्मेदार सत्येंद्र व अजय यादव होंगे। मुझे परेशान कर रहे हैं। एक से दो महीने हो गए हैं। मुझसे कहते हैं, तुम मेरा कुछ नहीं कर पाओगे। ज्यादा से ज्यादा मेरा ट्रांसफर कराओगे। कहते हैं तुम्हारे पास क्या प्रूफ है? मेरे पास कोई प्रूफ नहीं है। मैं मंडी में दुकान लगाता था। मुझसे फ्री में सब्जी ले जाते थे, मेरे कई बार पैसे छीन चुके हैं। जब भी मिलते, गाली देते हैं।
दूसरा वीडियो
मम्मी-पापा मुझे माफ कर देना
मम्मी हमें माफ कर देना ठीक है, पापा तुम भी। सब लोग देख लेना, जो होता है। मैं आपको बता रहा हूं कि मैं अब अपने वश में नहीं हूं, इसलिए फांसी लगा रहा हूं, ओके…मम्मी।
विधायक सांगा से हुई झड़प, आईपीएस से कहा, मुझे अकड़ न दिखाइए
मंगलवार सुबह सुनील के परिजनों और ग्रामीणों ने शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। लोगों की पुलिसकर्मियों से नोंकझोंक होने लगी। परिवार की महिलाओं को भी संभालना मुश्किल पड़ गया। इस बीच बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा भी पीड़ित के घर पहुंचे। बातचीत के दौरान उनकी आईपीएस अमोल मुरकुट से गहमागहमी होने लगी। विधायक ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि पूरे इलाके में आपके प्रति अविश्वास है। इस पर आईपीएस अमोल नाराज हो गए और कुर्सी से खड़े हो गए। कहा कि आप इस तरह से नहीं बोल सकते हैं। इस पर सांगा ने कहा कि आप यहां से जाइए, कोई जरूरत नहीं है आपकी। आप हमको अकड़ न दिखाइए, मैं भी जनता का प्रतिनिधि हूं। इसके बाद मौजूद लोग और सांगा के समर्थक भी उखड़ गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
दोनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। अनुमति के लिए आयोग को भी पत्र भेज दिया गया है। वीडियो कब के हैं, इसकी जांच के साथ ही अन्य व्यापारियों ने जो उगाही के आरोप लगाए हैं, इसकी जांच एसीपी पनकी तेज बहादुर सिंह को सौंपी गई है।– विजय ढुल, डीसीपी पूर्वी
Damoh Bank Loot : बैंक में 42 लाख की लूट में बैंककर्मी ही शामिल पाया गया!