Vikas Yatra: तैयारियों के लिए जिलों में पहुंचे प्रभारी मंत्री, CM को देना है रिपोर्ट

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Vikas Yatra: तैयारियों के लिए जिलों में पहुंचे प्रभारी मंत्री, CM को देना है रिपोर्ट

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में निकाली जाने वाली विकास यात्राओं की प्लानिंग रिपोर्ट मंत्रियों से मांगे जाने के बाद अब आधा दर्जन से अधिक मंत्री सोमवार को प्रभार के जिलों में पहुंचे हैं। दो या अधिक जिलों का प्रभार होने के कारण कई मंत्री एक जिले में दो दिन रुककर प्लानिंग करने के बाद दूसरे जिलों में पहुंचने वाले हैं। मंत्रियों को 31 जनवरी और एक फरवरी को चूंकि कलेक्टर भोपाल में होने वाले कलेक्टर, कमिश्नर कांफ्रेंस के चलते उपलब्ध नहीं हो सकेंगे, इसलिए अधिकांश मंत्रियों ने सोमवार और फिर गुरुवार के बाद प्लानिंग पर फोकस किया है। उधर मुख्यमंत्री भी कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस को लेकर मांगी गई रिपोर्ट की सोमवार को समीक्षा करने वाले हैं।

विकास पताका और विकास रथ चलेगा
5 फरवरी को रविदास जयंती के दिन से 25 फरवरी तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विकास यात्रा चलेगी। इस दौरान प्रभारी मंत्री और कलेक्टर जिलों में विकास यात्रा के साथ विकास पताकायें एवं विकास रथ चलाने की प्लानिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि विकास यात्रा के पूर्व कलेक्टर, प्रभारी मंत्री से चर्चा कर यात्रा के रूट का निर्धारण कर लें। यात्रा के दौरान एक-एक ग्राम को दो-दो घंटे का वक्त देना है और हर व्यक्ति से संवाद करें। विधायक, सांसद, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, सरपंच, उप सरपंच, पंच जनता से सीधे संवाद करना है। इसलिए अधिकारी और मंत्री इस व्यवस्था में जुटे हैं। विकास यात्रा में शहरी क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त और नगरपालिका अधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद सीईओ की मुख्य भूमिका है, इसलिए मंत्री इन्हें भी बैठकों में शामिल कर यात्रा के हर बिन्दु की जानकारी दे रहे हैं।

रात में होना है नाटक, भजन रामायण का आयोजन
सीएम चौहान ने कहा है कि विकास यात्रा रात में जिस गांव में रुकेगी, वहां समय मिले तो रात को भजन, नाटक, रामायण का आयोजन करें तथा ग्रामीणों को नशामुक्ति अभियान के लिए, स्वच्छता के लिए, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की जानकारी दें तथा लोकप्रिय खेल एवं गतिविधियां आयोजित करें। स्कूलों में बच्चों से संवाद किया जाए और छात्रावासों की व्यवस्था भी देखी जाए। कोविड से माता-पिता खो चुके बच्चों की सूची बनायी जाए। ऐसे बच्चों के लिए मासिक पेंशन, भोजन, वस्त्र आदि की व्यवस्था सरकार करेगी। किसी भी बच्चे को अनाथ नहीं रहने देंगे। इसके मद्देनजर सभी बिन्दुओं पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से यात्रा प्लान तैयार किया जा रहा है। यात्रा के दौरान आंगनवाड़ी, स्कूल, आश्रम शाला एवं छात्रावास में जाकर देखना है कि कि संस्थाएं ठीक चल रही हैं या नहीं चल रहीं। कोविड के दौरान निराश्रित बच्चों की सूची बनाकर उनकी हर संभव मदद करना है।