Vikrant Bhuria Weak YC President : सालभर के कार्यकाल में विक्रांत भूरिया की सक्रियता संदिग्ध
Bhopal : मध्य प्रदेश के यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया (Youth Congress President Vikrant Bhuria) के लचर कामकाज पर राष्ट्रीय यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी ने अपनी नाराजी व्यक्त की है। उनकी चेतावनी के बाद प्रदेश कांग्रेस ने भी विक्रांत भूरिया से सवाल-जवाब किए हैं। उनके कार्यकाल में कांग्रेस का ‘एक बूथ पांच यूथ’ अभियान भी पूरा नहीं हो सका है। 29 जनवरी को हुई राज्य कार्यकारिणी की बैठक में पेश रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक 65 हजार के लक्ष्य के मुकाबले प्रदेश में सिर्फ 9 हज़ार बूथ समितियों का गठन (Formation of only 9 Thousand Booth Committees in the State) किया जा सका है।
कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं के एक बड़े गुट ने भी यूथ कांग्रेस की इकाइयों को सक्रिय करने के लिए भूरिया को हटाने की मांग की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी विक्रांत भूरिया को एक दिन पहले बुलाकर युवक कांग्रेस के कामकाज की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। विक्रांत ने जो बताया उस जानकारी में भी कई विसंगतियां मिली, जिन्हें लेकर विक्रांत भूरिया को हिदायत दी गई।
जानकारी के मुताबिक विक्रांत अपने कार्यकाल में अभी तक प्रदेश में युवक कांग्रेस की जिला समितियों तक का गठन नहीं कर पाए हैं। उनके कामकाज संभालने के बाद से करीब आधे पद खाली पड़े हैं। विक्रांत दिसंबर 2020 में प्रदेश अध्यक्ष चुने गए थे। एक साल के कार्यकाल में वे न तो युवक कांग्रेस को सुधार सके और न उन्होंने विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन खड़ा किया।
इसके पीछे सबसे बड़ा कारण विक्रांत भूरिया का राजनीतिक प्रतिबद्धता बदलना है। उन्हें दिग्विजय सिंह के समर्थन से प्रदेश यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन, बाद में उन्होंने ने वफादारी बदल ली और कमलनाथ के नजदीक आ गए! बताया जाता है कि इसके बाद दिग्विजय सिंह ने अपना हाथ खींच लिया और विक्रांत भूरिया को अपना लक्ष्य हासिल करने में चुनौती खड़ी हो गई। अब कमलनाथ भी विक्रांत भूरिया के कामकाज से नाखुश हैं। कमलनाथ ने 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए युवक कांग्रेस की जो भूमिका तय की है, विक्रांत उनमें फिट दिखाई नहीं दे रहे। क्योंकि, जिस प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी टीम तक नहीं बनाई, उससे क्या उम्मीद की जाए।
2020 में प्रदेश कार्यकारिणी की जो बैठक हुई थी, उसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास भी मौजूद रहे। उन्होंने भूरिया को संगठन को मजबूत करने के अलावा प्रदेशभर में 65 हजार से ज्यादा बूथ स्तरीय समितियों का गठन करना शामिल था। श्रीनिवास ने भूरिया को ये समितियां बनाने के लिए एक महीने का समय दिया था। इस अभियान का नाम ‘एक बूथ पांच यूथ’ रखा गया। पर, भूरिया ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई, अभी तक सिर्फ 9 हज़ार समितियां भी बन सकी है।