
गांव की दीदी बनी मिसाल: सुमा उइके की मेहनत को PM मोदी ने “मन की बात” में सराहा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री का आभार जताया
रुचि बागड़देव की खास रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “मन की बात” कार्यक्रम में बालाघाट जिले के कटंगी ब्लॉक की सुमा उइके का उल्लेख किया, जिन्होंने स्व सहायता समूह से जुड़कर मशरूम उत्पादन और थर्मल थेरेपी से आय बढ़ाई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री का आभार जताया और कहा कि यह उल्लेख प्रदेशवासियों के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का श्रवण विजयनगर, लालघाटी में श्री रमेश विजयवर्गीय के निवास पर किया और कहा कि राज्य सरकार भी महिलाओं, युवाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समर्पित है।
सुमा उइके की कहानी
सुमा उइके बालाघाट के भजियापार गांव की हैं और कटंगी ब्लॉक के स्व सहायता समूह से जुड़ी हैं। पहले वे आम गृहिणी थीं, लेकिन समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग ली और छोटे स्तर पर खेती शुरू की। धीरे-धीरे उन्होंने मशरूम की खेती को बढ़ाया, जिससे उनकी आमदनी बढ़ने लगी। इसके साथ ही, सुमा ने थर्मल थेरेपी (गर्म पत्थरों या पैक से इलाज) की भी ट्रेनिंग ली और गांव में महिलाओं को इसका लाभ देना शुरू किया। इससे न सिर्फ उनकी खुद की आय बढ़ी, बल्कि गांव की दूसरी महिलाओं को भी रोजगार और आत्मनिर्भरता की प्रेरणा मिली। प्रधानमंत्री मोदी ने “मन की बात” में सुमा उइके की तारीफ इसलिए की, क्योंकि उनकी कहानी असली संघर्ष, हिम्मत और बदलाव की मिसाल है।

स्वयं सहायता समूह ने बदली जिंदगी
सुमा उइके पहले एक आम गृहिणी थीं, लेकिन 2014 में स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई। उन्होंने मशरूम की खेती और पशुपालन की ट्रेनिंग ली, फिर 2000 रुपये के छोटे लोन से अपने घर में ऑयस्टर मशरूम की खेती शुरू की। शुरुआत में मुश्किलें आईं- लॉकडाउन में बिक्री बंद हो गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2022 में उन्हें जनपद पंचायत कटंगी परिसर में “दीदी कैंटीन” चलाने का मौका मिला और इसके साथ ही थर्मल थेरेपी सेंटर भी शुरू किया।

आत्मनिर्भर बनी, औरों को दिया रोजगार
अब सुमा न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि गांव की कई महिलाओं को रोजगार दे रही हैं और उन्हें भी ट्रेनिंग देती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी मेहनत, आत्मविश्वास और समर्पण की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसी महिलाएं “नए भारत” के निर्माण की असली नायक हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी कहा कि ऐसे उदाहरण पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा हैं और सरकार महिलाओं, युवाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। सुमा की कहानी बताती है कि छोटे-छोटे कदम, सही मार्गदर्शन और हिम्मत से कोई भी बड़ी मिसाल बन सकता है।





