भोपाल: पंचायतों की आमदनी बढ़ाने पर जोर दे रही सरकार ने अब ग्राम सभाओं को टैक्स के विकल्प चुनकर अपनी आमदनी बढ़ाने के प्रस्ताव दिए हैं। इसमें कहा गया है कि पंचायतें अब अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों से प्रोफेशनल टैक्स (वृत्ति कर) भी वसूल कर सकेंगी। इसमें यह ध्यान रखना होगा कि अगर कोई व्यक्ति पहले से टैक्स दे रहा है तो साल भर में वसूला जाने वाला कुल टैक्स 2500 रुपए से अधिक नहीं हो।
इसके साथ ही आमदनी में वृद्धि के लिए यह भी कहा गया है कि पंचायतें चाहें तो अपने क्षेत्र में बैलगाड़ी या तांगे चलाने, खींचने या बोझा ढोने के वाहनों में पशुओं का उपयोग करने वाले या कुत्तों और सुअरों को पालने वालों पर टैक्स लगा सकती हैं। पंचायतों को मध्यप्रदेश ग्राम सभा वैकल्पिक कर तथा फीस (शर्त और अपवाद) नियम 2001 के अंतर्गत टैक्स लगाने के यह अधिकार दिए गए हैं। इसके अलावा सराय, धर्मशाला, विश्राम गृह, वधशाला और पडाव स्थलों पर भी टैक्स के विकल्प दिए गए हैं। साथ ही किराए पर चलाई जाने वाली बैलगाड़ी, साइकिल और रिक्शे पर भी टैक्स लगाया जा सकेगा। इसके अलावा अनूसूची 3 की धारा 80 में चारागाह या पशुओं को चराने के बदले भी फीस लेने के लिए प्रावधान किए जा सकेंगे। इस मामले में शर्त यह होगी कि फीस के संग्रहण के लिए कोई पट्टा,सार्वजनिक नीलामी होना जरूरी है।
ऐसे वसूल सकेंगे वृत्ति कर
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वृत्ति कर के लिए जो प्रावधान ग्राम सभा अनिवार्य कर (शर्तें और अपवाद) नियम 2001 में करने के लिए कहा गया है उसके मुताबिक 15 हजार तक की वार्षिक आय वालों से 100 से 200 रुपए, 20 हजार तक की आमदनी वालों से 300 रुपए तक, 30 हजार तक की आमदनी वालों से 400 रुपए, 40 हजार तक की आय पर 600 रुपए, 50 हजार की आय पर 900 और इससे अधिक आय पर 650 से 1400 रुपए तक वृत्ति कर वसूला जा सकता है। इसमें यह ध्यान रखना होगा कि अगर कोई पहले से ही वृत्ति कर दे रहा है तो उससे कुल लगने वाले टैक्स 2500 रुपए में से बकाया राशि टैक्स के रूप में वसूली जाएगी।