Village’s Thinking Changed : एक बेटी IAS क्या बनी, पूरे गांव की लड़कियों को लेकर सोच बदली!
Palamu : सुलोचना मीणा महज 22 साल की उम्र में IAS बन गईं. अब उनकी पहली पोस्टिंग झारखंड के पलामू में सदर अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में हुई। आईएएस सुलोचना मीणा राजस्थान के सवाई माधोपुर के आदलवाड़ा गांव की रहने वाली हैं। वे 2021 में यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुई, तब उनकी उम्र 22 साल थी। इस परीक्षा का परिणाम 2022 में आया, जिसमें उनकी ऑल इंडिया रैंक 415 थी. इसके साथ उन्होंने एसटी श्रेणी में 6वीं रैंक हासिल की।
वे अपने गांव की पहली कैंडिडेट थीं, जो आईएएस ऑफिसर बनी। जिले भर में महिला वर्ग से चयनित होने वाली 22 वर्ष की पहली अभ्यर्थी हैं। इसके बाद अब गांव कई लड़कियां आईएएस बनने का सपना देख रही हैं। दिल्ली नहीं तो जयपुर भेजी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब हमारे गांव की बेटी आईएएस बनने का सपना देख रही है।
कम उम्र में आईएएस बनने वाले ऑफिसर की लिस्ट में शामिल सुलोचना मीणा की पहली पोस्टिंग झारखंड के पलामू जिले में एसडीओ के पद पर हुई है। उन्होंने बताया कि पलामू में आकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा। यहां के लोग बेहद कॉपरेटिव और सपोर्टिव हैं। खास तौर पर अधिकारी सपोर्टिव हैं। शुरुआत में वो शिक्षा के साथ स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देंगी। इसके अलावा महिलाओं के लिए खासतौर पर सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान रहेगा। इलाके में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेंगी।
पापा से किया था IAS बनने का वादा
सुलोचना ने बताया कि उनका बचपन से आईएएस ऑफिसर बनने का सपना था। क्योंकि, बचपन में जानकारी थी की आईएएस जिले का बॉस होता है. तभी से आईएएस बनने का सपना देखा। 12वीं के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीएससी बॉटनी में नामांकन लिया। वर्ष 2021 में यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुई। अफसर बिटिया बनने के लिए उन्होंने अपने पिता को किया वादा पूरा किया। कॉलेज के दिनों में नेशनल सर्विस स्कीम यानी एनएसएस (NSS) की एक्टिव सदस्य भी रही।
डॉक्टर बनाने का सपना देखा
उन्होंने बताया कि उनके गांव के अधिकांश लोग अपने बच्चों को डॉक्टर या इंजीनियर बनाने का सपना देखते थे। हमारे गांव के करीब में कोटा शहर था, इसलिए बेटियों को डॉक्टर बनने के लिए कहा जाता। मेरी फैमिली का भी सपना था कि मैं भी डॉक्टर बनूं। इसके लिए मैंने नीट परीक्षा भी दी, जिसमें मुझे कॉलेज अलॉट हुआ। मगर, मेरा सपना था कि 3 साल बीएससी करने के बाद मैं 5 साल में आईएएस बन सकती हूं। इसलिए मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी की और अपने सपनों को पूरा किया। भाग्य वश पहले अटेम्प्ट में ही मेरा सिलेक्शन हो गया।
सफलता का आधार सेल्फ स्टडी
कॉलेज कंप्लीट होने के तुरंत वे बाद न्यूज पेपर और करेंट अफेयर्स पर फोकस करने लगीं। साथ-साथ प्री एग्जाम के लिए मॉक टेस्ट पर फोकस किया। उन्होंने कहा कि रोजाना लगभग 8-9 घंटे पढ़ाई करती थी। शुरुआत में अखबार पढ़ने में उन्हें 5-6 घंटे तक लग जाते थे। इसके बाद NCERT की सभी बुक्स को पढ़ा। सबसे अधिक टेस्ट सीरीज पर फोकस किया, जो सबसे मददगार साबित हुई। हमारी जनरेशन में यूट्यूब और टेलीग्राम पर कई फ्री क्लासेस और नोट्स हैं, जिसकी मदद कोई भी ले सकता है. उन्होंने भी टेलीग्राम और यूट्यूब की मदद ली थी।