
Vinesh Fogat Case : विनेश फोगाट मामले में CAS का फैसला अब आज आने की संभावना!
New Delhi : अयोग्य करार दी गई विनेश फोगाट मामले में कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फोर स्पोर्ट्स (सीएएस) यानी खेल पंचाट आज रविवार (11 अगस्त) को फैसला सुनाएगी। विनेश फोगाट वजन बढने के कारण फाइनल से पहले डिसक्वालीफाई करार दी गईं थी। ऐसे में विनेश ने सिल्वर मेडल के लिए अपील की है। CAS की एक स्पेशल कमेटी ने विनेश फोगाट बनाम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के मामले में फैसला सुनाने के लिए मुख्य मध्यस्थ डॉ एनाबेले बेनेट को 11 अगस्त शाम 6 बजे तक का समय बढ़ा दिया।
निर्धारित समय पर फैसला क्यों नहीं सुनाया गया, इसकी वजह बाद में बताई जाएगी। विनेश फोगाट ने ओलंपिक खेलों की महिलाओं की 50 किलो भार वर्ग फ्रीस्टाइल फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ CAS में अपील की थी। उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम ज्यादा था। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने एक बयान में कहा कि CAS की अस्थायी समिति ने विनेश फोगाट बनाम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के मामले में एकमात्र मध्यस्थ डॉ एनाबेले बेनेट को फैसला सुनाने के लिए समय बढ़ा दिया है।
ओलंपिक समाप्ति से पहले निपट जाएगा मामला
IOA के एक सूत्र ने यह भी कहा है कि हो सकता है फैसला रविवार को भी न आए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस पूरे मामले पर संभव है कि 13 अगस्त यानी पेरिस ओलंपिक खत्म होने के दो दिन बाद लिया जा जाए। पेरिस ओलंपिक का समापन समारोह 11 अगस्त को है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को समाप्त हुई, जिसमें कैस ने विनेश की अपील स्वीकार कर ली थी।
विनेश ने फाइनल की सुबह 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की थी। विनेश की जगह फाइनल में क्यूबा की पहलवान यूस्नेलिस गुजमान लोपेज उतरीं, जो सेमीफाइनल में उनसे हार गई थीं। भारतीय पहलवान ने अपनी अपील में लोपेज के साथ संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की है क्योंकि मंगलवार को अपने मुकाबलों के दौरान उनका वजन निर्धारित सीमा के अंदर था।
मामले में सारी कनफ्यूजन दूर
सीएएस की एक विशेष समिति ने विनेश फोगाट बनाम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के मामले में डॉ अन्नाबेल बेनेट को फैसला सुनाने के लिए समय बढ़ाकर 13 अगस्त को शाम 6 बजे तक कर दिया। अपने एक एक बयान में उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा पहले भेजे गए संदेश में 11 अगस्त की तारीख का जिक्र सभी पक्षों के सामने अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के लिए दिया गया समय के संदर्भ में था।





