

Violent Clash in Nagpur : नागपुर में दो पक्षों में हिंसक झड़प, कई गाड़ियां फूंकी, कर्फ्यू लागू!
Nagpur : नागपुर के महाल इलाके में औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद के बीच सोमवार देर रात दो पक्षों में हिंसक झड़प हुई। उपद्रवियों ने जमकर पथराव किया और कई गाड़ियों को फूंक दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को आंसू गैस के गोले चलाने पड़े। महाल इलाके के बाद हंसपुरी में भी हिंसा भड़क उठी, जिसमें अज्ञात व्यक्तियों ने दुकानों में तोड़फोड़ की। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने मौके पर लाठीचार्ज किया। आरोप है कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के प्रदर्शन के दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने पथराव कर दिया, जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई। धारा 163 के तहत पूरे इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया।
कुछ दिनों से हिंदूवादी संगठनों की तरफ से छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग तेज हो गई। सोमवार सुबह विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शिवाजी पुतले के पास प्रदर्शन किया था। इस बीच शाम होते-होते ऐसी अफवाह फैली कि मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाया, जिससे पूरा इलाका सुलग उठा।
लगभग 200-300 लोगों की भीड़ अचानक आई और उन्होंने घरों को निशाना बनाकर पथराव किया। इलाके में खड़ी गाड़ियों को तोड़ा गया, कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हमलावरों ने चेहरे ढक रखे थे और कुछ के पास पेट्रोल बम भी थे। बताया गया कि हमने आज तक ऐसी घटना नहीं देखी। हमारे घरों की खिड़कियों पर पत्थर बरसाए। भीड़ में कोई भी स्थानीय नहीं था। एक वृद्ध महिला की तबीयत बिगड़ गई।
हिंसा के दौरान पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) निकेतन कदम पर भी हमला हुआ। भीड़ में शामिल एक अज्ञात व्यक्ति ने उन पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिससे उनके हाथ में गंभीर चोट आई है। कदम को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल समेत बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स इलाके में मौजूद है। फिलहाल सुरक्षा व्यवस्था नियंत्रण में है। पथराव करने वाले 20 से 25 लोगों को हिरासत में लिया गया। लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की गई है।
पुलिस ने बताया कि सोमवार दोपहर नागपुर में कुछ संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। वे जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी दो समूहों के बीच मामूली विवाद हुआ। इसे सुलझा लिया गया। बाद में शाम 7 से 7.30 बजे के बीच एक बड़ा समूह शिवाजी चौक पहुंचा और नारेबाजी करने लगा। वे दोपहर में हुए विरोध प्रदर्शन से नाराज थे। जैसे ही नारेबाजी शुरू हुई, इलाके में मौजूद दूसरे समूह ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची।
इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया
इस बीच हालात को काबू में लाने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत पूरे इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया। नागपुर पुलिस आयुक्त रवींद्र कुमार सिंगल की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि यह प्रतिबंध अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। इसके तहत कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर, कपिल नगर में कर्फ्यू लगाया गया। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और कानून का पालन करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री की शांति बनाए रखने की अपील
घटना को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि नागपुर एकता और भाईचारे का शहर है. हिंसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। मध्य नागपुर के विधायक प्रवीण दटके ने इस घटना को पूर्व नियोजित साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि सुबह का आंदोलन शांतिपूर्ण था, लेकिन रात को योजनाबद्ध तरीके से बाहर से लोगों को बुलाकर हमला कराया गया। भीड़ ने आगजनी की और पुलिसकर्मियों पर हमला किया। मुख्यमंत्री से मांग है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
कांग्रेस ने कहा कि ये गृह विभाग की विफलता
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता को दर्शाता है। सपकाल ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित करार देते हुए विदर्भ के सबसे बड़े शहर के लोगों से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की। सपकाल ने कहा कि नागपुर में जारी तनाव, पथराव और आगजनी गृह विभाग की घोर विफलता है।
पिछले कुछ दिनों से राज्य के मंत्री जानबूझकर समाज में हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। लगता है कि नागपुर में उनकी कोशिशें सफल हो गई हैं। फिलहाल नागपुर पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इलाके में शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई। प्रशासन ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।