Vivek Agnihotri : करण और शाहरुख़ ने देश के सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया!

विवेक अग्निहोत्री अपनी नई फिल्म की रिलीज से पहले फिर बरसे!

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Vivek Agnihotri : करण और शाहरुख़ ने देश के सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया!

Mumbai : अपने बयानों से हमेशा सुर्ख़ियों में रहने वाले फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने अब करण जौहर और शाहरुख खान पर निशाना साधा। उन्होंने सिनेमा की असली कहानियों पर भी खुलकर विचार व्यक्त किए। विवेक अग्निहोत्री कहते हैं कि करण जौहर और शाहरुख खान के सिनेमा ने भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने को बहुत नुकसान पहुंचाया है। वह भी बहुत विनाशकारी तरीके से।

अमिताभ बच्चन के बारे में उनका कहना था कि मेरा मानना है, वास्तविक और ईमानदार कहानियां बताना जरूरी था, जो कि अमिताभ बच्चन की ‘शहंशाह’ के बाद बंद हो गई। विवेक अग्निहोत्री की ‘द वैक्सीन वॉर’ 28 सितंबर को रिलीज होगी। इससे साफ हो गया है कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर प्रभास और प्रशांत नील की एक्शन-थ्रिलर ‘सालार पार्ट 1: सीजफायर’ से टकराएगी। दोनों के बीच बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त टक्कर देखने को मिलेगी।

एक बातचीत में उन्होंने कहा कि वे अब बदल गए हैं। इस बात ने उनकी विचारधारा और सिनेमा के प्रति उनके दृष्टिकोण को बदल दिया। पहले वे खुद को वामपंथी मानते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से दक्षिणपंथी राजनीतिक विचारों के बारे में मुखरता से बात करते रहे हैं। वे उन ट्रोल्स से परेशान नहीं होते हैं, जो उनके पुराने ट्वीट्स खोज निकालते हैं और उन पर पाखंडी होने का आरोप लगाते हैं। वे अपने बेबाक विचारों के लिए जाने जाते हैं। कभी भी किसी की निंदा करने या बेबाकी से कुछ भी बोलने से नहीं कतराते हैं। अब हाल ही में निर्देशक ने करण जौहर और शाहरुख खान पर भी निशाना साधा है। इसके अलावा उन्होंने सिनेमा में बनने वाली असली कहानियों पर भी खुलकर बात की।

विवेक अग्निहोत्री आगे कहते हैं कि वह अपने ट्रोल्स को चॉकलेट का एक पैकेट भेजकर उन्हें धन्यवाद देना चाहते हैं। क्योंकि, उन्होंने इसका एहसास दिलाया कि मैं अब बदल रहा हूं। जब आप 2024 या 2025 में ‘दिल्ली फाइल्स’ के लिए मुझसे मिलेंगे, अगर मैं तब भी वही बातें कह रहा हूं, तो मुझे खुद पर शर्म आनी चाहिए। मैं ऐसा जीवन नहीं जी सकता, जिसमें मैं हर दिन नहीं बदल रहा हूं। क्योंकि, हर दिन बदली हुई चीजों के साथ नया दिन है और मैं एक स्थिर जिंदगी नहीं जीना चाहता हूं।’

उन्होंने उल्लेख किया कि अनुभव और उम्र के साथ सिनेमा के प्रति उनका दृष्टिकोण भी काफी बदल गया। यह पहली बार है कि उन्होंने पूरे भारत की यात्रा की और एक फिल्म निर्माता के रूप में देश को देखा। इस दौरान उन्हें एहसास हुआ कि ऐसी बहुत सी कहानियां हैं, जो किसी ने कभी नहीं बताई। उन्हें लगता है कि यह देश में फिल्म निर्माताओं द्वारा किया गया सबसे बड़ा अपराध है।