Vivek Tankha Attack : सरकार के पास कोई अच्छा सलाहकार नहीं, विवेक तन्खा ने ऐसा क्यों कहा!
इंदौर आए विवेक तन्खा ने OBC मामले पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया
Indore : कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा ने कहा कि भाजपा के पास न तो कोई अच्छी सलाह है, न कोई अच्छा सलाहकार हैं। उन्होंने OBC आरक्षण पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने विधिवत जो डीलिमिटेशन (परिसीमन) करवाया था, उसके खिलाफ यदि शिवराज सरकार अध्यादेश नहीं लाते तो कोई विवाद ही नहीं था। डीलिमिटेशन की सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी! लेकिन, बाद में सरकार ने एक लॉ पास कर दिया कि हम डीलिमिटेशन को नहीं मानते! हम 14% आरक्षण की डीलिमिटेशन से चलेंगे। तन्खा ने कहा कि इसके खिलाफ हम हाईकोर्ट गए, फिर सुप्रीम कोर्ट गए। हम सुप्रीम तक इसलिए गए कि संविधान में लिखा है कि डीलिमिटेशन चुनाव के पहले करवाना पड़ता है। पिछले चुनाव के डीलिमिटेशन से बाद का चुनाव नहीं होता है।
कांग्रेस के सांसद ने कहा कि जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, तो कोर्ट ने सरकार के वकीलों से पूछा, कि SC का जो जजमेंट है जिस पर हाल ही महाराष्ट्र का एक फैसला हुआ है, उस बारे में आप क्या सोच रहे हो? लेकिन, इसका न तो मध्यप्रदेश सरकार के पास कोई जवाब था न निर्वाचन आयोग के पास! बार-बार पूछने पर भी जब कोई जवाब नहीं आया तो SC ने एक ऑर्डर पास कर दिया। विवेक तन्खा ने कहा कि उस आर्डर को लेकर इन्होंने मुझे बदनाम करने की कोशिश की। कहा गया कि विवेक तन्खा ये ऑर्डर लेकर आ गए! जबकि, मेरा केस तो सिर्फ डीलिमिटेशन का था, हमसे तो कोर्ट ने कोई सवाल भी नहीं किया। अब इनसे SC ने ट्रिपल टेस्ट का कहा था तो वो कर लेना था। क्योंकि, आपको देश के कानून से ही तो चलना है। मुझे तो लगता है कि सरकार के पास न तो अच्छी सलाह है न अच्छे सलाहकार हैं। किसी ने इनको ये क्यों नहीं बताया कि देश का कानून कहता है कि ट्रिपल टेस्ट करके हमको लिस्ट तैयार करना है, एक कमीशन बनाना था, तीन-चार महीने में ये हो सकता था! पर ये लोग मेरे पुतले जलाने में लगे थे।
कांग्रेस का भविष्य
विवेक तन्खा ने कहा कि मैं उन लोगों में से हूँ, जो कांग्रेस के रिवाइवल के लिए पूरी ताकत लगाएगा। मैं कांग्रेस को एक नए और शक्तिशाली रूप में देखना चाहता हूँ। क्योंकि, Congress is a natural party of governance. वही एक पार्टी है, जो सबको साथ लेकर चल सकती है। यदि हमें इस देश को एक रखना है तो कांग्रेस को शक्तिशाली बनाना होगा। उन्होंने गांधी परिवार को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि वे खुद गांधी परिवार से प्रभावित हैं, इसीलिए उन्होंने कांग्रेस को चुना। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के मामले में भी मीडिया के सवालों के जवाब दिए।
EVM से चुनाव ख़त्म करने की मांग
तन्खा ने EVM से चुनाव कराए जाने पर भी आपत्ति लेते हुए कहा कि दुनियाभर के देशों में जब EVM प्रतिबंधित है, तो फिर बैलेट पेपर से विश्वनीय चुनाव करवाने में हर्ज क्या है। अमेरिका और जर्मनी समेत कई देशों ने EVM से चुनाव कराना बंद कर दिया है। यदि विश्वसनीय ढंग से चुनाव करवाना है तो पेपर बैलेट ही सही है।
धार्मिक मामलों पर टिप्पणी नहीं
जब मीडिया ने उनसे मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा पढ़े जाने पर सवाल किया और लाउड स्पीकर मसले पर जवाब माँगा तो उन्होंने कहा कि मैं धार्मिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करता। जनता को पसंद है और जो कानून के दायरे में हो, वही बेहतर है। लेकिन, देश में अमन-चैन और शांति बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी है।
बुलडोजर कार्रवाई संविधान के खिलाफ
सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर किए सवाल पर विवेक तन्खा ने कहा कि मई किसी जबरदस्ती की कार्रवाई को उचित नहीं समझता। किसी ने गलती की है तो उसको 20 साल की सजा दो, उसे टांगों पर बिना किसी ट्रायल के किसी बेकसूर का घर तोड़ देना गलत है। कोई पुलिस वाला कहे कि मेरे पास FIR में इसका नाम है इसलिए इसका घर तोड़ दिया जाए, तो मैं ऐसे प्रशासन की रिकग्नाइज़ नहीं करता हूँ। क्योंकि देश का संविधान भी ऐसे प्रशासन को रिकग्नाइज़ नहीं करता।
राजद्रोह कानून का सबसे ज्यादा दुरूपयोग
राजद्रोह कानून पर किए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इस कानून का सबसे ज्यादा मिस यूज़ हो रहा था। राजद्रोह का मतलब है War against the country या कोई देश के खिलाफ कर रहा है। विपक्ष यदि सरकार के खिलाफ बोले तो कोई राजद्रोह थोड़ी है।