Voluntary Retirement : विवादस्पद खनिज अधिकारी संजय लुणावत ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली!
विभाग के आदेश में सशर्त पेंशन देने का उल्लेख, उन पर आपराधिक मामला भी दर्ज!
Bhopal : विवादास्पद सहायक खनिज अधिकारी संजय लुणावत ने शासकीय सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। उन्होंने 20 दिसम्बर 2024 को तत्काल प्रभाव से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी। जिसे संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म विभाग ने 10 जनवरी 2025 को स्वीकार कर लिया।
इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया कि मध्य प्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियम 42 के अंतर्गत 20 दिसंबर 2024 को सहायक खनिज अधिकारी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत कर एक माह का वेतन शासकीय कोष में जमा कराया था। उन्होंने शासकीय सेवा से 20 दिसंबर 2024 से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाही थी।
आदेश में कहा गया कि उन्होंने 20 साल की अहर्तादायी सेवा पूरी करने के बाद मध्य प्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियम 42 के तहत निर्धारित प्रपत्र में स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति का आवेदन प्रस्तुत किया और उसकी सभी औपचारिकता पूरी की। इसके फलस्वरूप उन्हें 20 दिसंबर 2024 से शासकीय सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान की गई।
सहायक खनिज अधिकारी संजय लूणावत के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण रतलाम जिला कोर्ट में विचाराधीन है तथा उनकी विभागीय जांच भी चल रही है। अतः सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के परिपत्र तथा वित्त विभाग की सूचना के तहत दिए गए निर्देशों के अनुसार संजय लुणावत को अनंतिम पेंशन देय होगी। अपराधिक प्रकरण विभाग की जांच सिद्ध होने पर पेंशन रोकी भी जा सकती है।
क्या था रतलाम का वो मामला
इंदौर में पदस्थ तत्कालीन सहायक खनिज अधिकारी संजय लुणावत के खिलाफ रतलाम की एक महिला ने छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था। लुणावत ने एक मामले में महिला से 25 हजार रु. की रिश्वत मांगी थी। इस पर महिला 25 हजार रु. लेकर गई, तो कहा कि मेरे साथ दो दिन बिता दो तो रिश्वत के पैसे नहीं देने पड़ेंगे। पीडिता के बयान के बाद रतलाम पुलिस ने लुणावत के खिलाफ केस दर्ज किया था। यह घटना 30 मार्च 2022 की रतलाम की है।
बाद में महिला ने पुलिस की शरण ली और 7 अप्रैल को उसके बयान हुए। इसमें महिला ने पूरी घटना का जिक्र किया और बताया कि लुणावत आगे भी जोर जबर्दस्ती कर मुझे व मेरे बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। जांच के बाद पुलिस ने 19 मई को लुणावत के खिलाफ केस दर्ज किया। लुणावत के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें पहले भी विभाग को मिलती रही हैं।