

Warrant Against CMO: गिरफ्तारी वारंट लेकर CMO अक्षत बुंदेला के शहडोल स्थित ठिकानों पर इटारसी पुलिस ने दी दबिश
संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की विशेष रिपोर्ट
इटारसी। इटारसी नपा परिषद में पूर्व नपा परिषद के भ्रष्ट कर्णधारों के काले कारनामों जिनको प्रशासन द्वारा सालों तक दबाए रखा गया था अब तेजी से कोर्ट का चाबुक चल रहा है। कूटरचित फर्जी दस्तावेज तैयार करके शासकीय राशि का दुरुपयोग करने के एक मामले में नपा के पूर्व राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव और सर्विस प्रोवाइडर राजा सैफी को न्यायालय ने विगत दिनों 7 साल की सजा सुनाई है। जिसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया है। इसी मामले से जुड़े नगर पालिका इटारसी के तत्कालीन CMO अक्षत बुंदेला और तत्कालीन उप रजिस्ट्रार,इटारसी आनंद पांडेय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। इटारसी पुलिस गिरफ्तारी वारंट मिलने के बाद इटारसी के तत्कालीन CMO अक्षत बुंदेला के शहडोल स्थित ठिकानों पर दबिश देने पहुंची थी। शहडोल में आजकल अक्षत बुंदेला नपा शहडोल में CMO के पद पर पदस्थ हैं। फिलहाल दोनों पुलिस को नहीं मिले हैं।
उल्लेखनीय है कि मामले में प्लाट खरीदने वाली शुभांगी रसाल के पति शंकर रसाल ने ही पुलिस में मामले की शिकायत की थी। दरअसल प्लाट खरीदने के बाद जब वे मौके पर पहुंचे तो पता चला कि 81ए नंबर का कोई प्लॉट मौके पर है ही नहीं। साथ ही स्थानीय लोगों ने भी बताया कि नक्शे में दर्शाए गया प्लॉट की जगह ही खाली नहीं है। इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय में गुहार लगाई थी।
इटारसी थाने से गई टीम में एसआई अरविंद बेले और हेमंत तिवारी शामिल हैं। दोनों ने शहडोल स्थित उनके आवास और कार्यालय में पूछताछ की, लेकिन बुंदेला नहीं मिले। टीआई गौरव सिंह बुंदेला ने बताया कि गिरफ्तारी वारंट मिलने के बाद टीम भेजी थी पर दोनों नहीं मिले। ज्ञात रहे कि प्लाट खरीदने वाली शुभांगी रसाल के पति शंकर रसाल ने ही मामले की शिकायत पुलिस से की थी। प्लाट खरीदने के बाद जब वे मौके पर पहुंचे तो पाया कि 81 ए नामक कोई प्लॉट ही अस्तित्व में नहीं है। स्थानीय लोगों ने भी बताया कि ऐसे कोई प्लाट की जगह ही खाली नहीं है। तत्कालीन नपा के भ्रष्ट कर्णधारों ने जब मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया तो इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय में गुहार लगाई।
*अस्वस्थ्य बताकर शहडोल नगरीय निकाय से हुए गायब*
वर्तमान में शहडोल नगर पालिका में पदस्थ सीएमओ अक्षत बुंदेला की अग्रिम जमानत भी विगत दिवस खारिज होने की खबर है, इससे पहले माननीय न्यायालय ने बुंदेला के खिलाफ वारंट जारी किया, लेकिन सीएमओ ने शहडोल जिला प्रशासन और नगरीय प्रशासन को अभी भी धोखे में रख छुट्टी ली हुई है। इस मामले में अक्षत बुंदेला की ओर से माननीय प्रथम सत्र न्यायाधीश हर्ष भदौरिया ने बीते शुक्रवार को जमानत याचिका के लिए दायर आवेदन को खारिज कर दिया है। इधर मकर संक्रांति के मेले के अगले दिन से ही अक्षत बुंदेला शहडोल से गायब हैं। इस संदर्भ में नपा अधिकारियों ने उनके द्वारा व्यक्तिगत कारणों से अवकाश लेना बताया है। इस संदर्भ में एडीपीओ सत्यनारायण चौधरी, इटारसी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि अक्षत बुंदेला के साथ उप पंजीयक आनंद पाण्डेय का भी वारंट जारी था, दोनों की ही जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
*इसलिए सीएमओ अक्षत बने आरोपी*
इटारसी नगरपालिका परिषद के वर्ष 2015 से 2019 के कार्यकाल में न्यास कॉलोनी में एक सार्वजनिक प्रयोजन की जमीन को प्लॉट बनाकर फर्जी रसीदों और रजिस्ट्री के सहारे बेचने के आरोप प्रमाणित हुए थे। शासकीय भूमि प्लॉट बताकर एक सराफा व्यवसायी परिवार की शुभांगी रसाल को वर्ष 2018 में नगरपालिका के एक सहायक राजस्व निरीक्षक ने सर्विस प्रोवाइडर के परिजन के सहयोग से बेची थी। इस मामले में शंकर पिता अशोक रसाल ने बताया कि उनके साथ हुई धोखाधड़ी के बाद पुलिस में शिकायत की गई थी। पुलिस ने गांधीनगर निवासी ए आर आई संजीव पिता रामशंकर श्रीवास्तव और तेरहवीं लाइन निवासी युसूफ अली राजा शेफी पिता शब्बीर हुसैन के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी का मामला दर्ज किया था। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद माननीय न्यायालय ने सुनवाई के दौरान तत्कालीन सीएमओ अक्षत बुंदेला और उप पंजीयक इटारसी आनंद पाण्डेय को भी आरोपी बनाया। समय रहते इस मामले में निर्णय नहीं लिया गया। बुंदेला को जब शिकायत की गई तो उन्होंने राशि जमा होने की जांच भी नहीं कराई और ना ही आवेदन देने के बाद संजीव श्रीवास्तव पर कोई कार्यवाही की।
*यह है पूरा मामला*
तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी को ओर से अधिकृत हस्ताक्षकर्ता सहायक राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव द्वारा 20 मार्च 2018 को उप पंजीयक कार्यालय इटारसी में शुभांगी रसाल पत्नी शंकर रसाल का लीज डीड पंजीयन कराया गया था। इसके लिए श्रीवास्तव ने 9 लाख रुपए प्रीमियम प्रतिफल प्राप्त कर लिया था। इसकी शिकायत कन्हैया गुरयानी ने की थी। सहायक राजस्व निरीक्षक ने न्यास कॉलोनी प्रियदर्शनी नगर में खाली भूखंड को एलआईजी 81-ए बनाया। बाद में इस भूखंड का लीज डीड पंजीयन करा दिया है। इसके लिए जो राशि प्रीमियम के रूप में ली वह राशि नगर पालिका के कोष में जमा ही नहीं कराई। दरअसल नगर पालिका परिषद इटारसी नगर विकास प्रकोष्ठ द्वारा प्रियदर्शनी नगर में 80 नग एलआईजी ए टाइप भूखंड प्रत्येक का रकबा 72.00 वर्गमीटर अर्थात 800 वर्ग फिट के विकसित किए थे। इसमें सार्वजनिक उपयोग की छोड़ी गई जगह को एलआईजी 81 ए नंबर देकर यह भूखंड बेचा गया। यहां सभी भूखंड 72 मीटर मतलब 800 वर्गफीट के हैं लेकिन एलआईजी 81 ए का रकबा 1000 वर्गफीट बना दिया गया था।
श्रीवास्तव और सर्विस प्रोवाइडर राजा सैफी को 7-7 साल की सजा दी गई है और जुर्माना भी लगाया है। दोनों को धारा 467 के तहत 7 साल की सजा और 50-50 हजार रुपये जुर्माना और धारा 420, 471, 120 बी और 469 के तहत 5-5 साल की सजा और 50- 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। प्रत्येक धारा में 50 हजार रुपये का जुर्माना है। इस तरह दोनों अपराधियों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना हुआ है। दोनों ने तब रो रोकर कहा था कि असली अपराधी बाहर हैं,वे सरकारी गवाह बनकर सब कुछ बताने को तैयार हैं पर कोर्ट ने उनकी यह याचना यह कहकर ठुकरा दी कि आपकी सुनवाई के दौरान मौका दिया गया था,अब नहीं दिया जाएगा। और फिर कोर्ट के आदेश से उनको जेल भेज दिया था। वहीं दो अन्य अफसरों तत्कालीन सीएमओ अक्षत बुंदेला और उप रजिस्ट्रार आनंद पांडेय के गिरफ्तारी वारंट जारी किए है। जिसके बाद बीते शुक्रवार को दोनो की ओर से दायर जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई।
*मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है, आवश्यक कार्य बताकर किसी अन्य को सीएमओ का प्रभार देकर छुट्टी पर जाने की जानकारी है। यदि ऐसा है तो, अभी जानकारी ले लेते हैं।* *आर.एस. मंडलोई,जेडी*
*नगरीय प्रशासन विभाग, शहडोल*