Water ATM Scheme : शहर में ‘वाटर एटीएम’ लगाने की योजना हवा हवाई, घोषणा के बाद पूरी गर्मी निकल गई, जमीन पर कुछ नहीं उतरा!

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Water ATM Scheme : शहर में ‘वाटर एटीएम’ लगाने की योजना हवा हवाई, घोषणा के बाद पूरी गर्मी निकल गई, जमीन पर कुछ नहीं उतरा!

शहर में लगने वाले 25 वाटर एटीएम के स्थान भी तय हो गए, पर 4 महीने में लगा एक भी नहीं!

Indore : इस बार गर्मी के मौसम से पहले मार्च में नगर निगम ने मेयर इन काउंसिल की बैठक में ‘वाटर एटीएम’ नाम का नया शिगूफा छोड़ा था। दावा किया गया था कि अब शहर में लोगों को भरी गर्मी में गला तर करने के लिए पानी की बॉटल खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नगर निगम ने न्यूनतम भुगतान पर पीने का साफ व ठंडा पानी उपलब्ध कराने की योजना बनाई थी। नगर निगम ने शहर के 25 स्थानों पर वाटर एटीएम लगाने का फैसला किया था। कहा गया था कि बैंक के एटीएम की तरह भुगतान करने पर निर्धारित मात्रा में स्वच्छ व ठंडा पानी उपलब्ध हो सकेगा। पर, ऐसा कुछ हुआ नहीं। दूसरी कई घोषणाओं की तरह ये घोषणा भी हवा में उड़ गई।

नगर निगम की योजनाएं की कई घोषणाएं हवा में गायब हो गई। उन्हीं में से एक वाटर एटीएम को भी पंख लग गए। जिम्मेदारों ने बजट सेशन के दौरान खूब घोषणाएं कीं। आनन-फानन में शहर में लगने वाले 25 वाटर एटीएम के स्थान तय कर टेंडर भी पास कर दिए गए। लेकिन, ज़मीनी हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं।

हैरत की बात यह है कि जिन अधिकारियों पर इस योजना को लागू करने की ज़िम्मेदारी है, उन्हें ही नहीं पता कि इन वॉटर एटीएम को लगाना कहां है, कैसे लगाना है और किस जरूरत के हिसाब से लगाना है। नतीजा ये कि अधिकारी खुद चक्करघिन्नी बन गए। बैठकों पर बैठकें हो रही हैं, फाइलें घूम रही हैं, लेकिन न कोई दिशा है, न कोई ठोस कार्ययोजना।
शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की सोच तो सराहनीय थी, पर बिना तैयारी के उठाया गया यह कदम अब मज़ाक बनता दिख रहा है। न तो जनसुनवाई में इस पर कोई संतोषजनक जवाब दिया जा रहा है और न ज़मीनी अमले को किसी तरह की स्पष्ट जानकारी है। सवाल उठता है कि जब अधिकारियों को ही नहीं पता कि करना क्या है, तो टेंडर की यह जल्दी किस बात की थी? कहीं यह योजना भी बाकी घोषणाओं की तरह सिर्फ कागजों में सिमट कर न रह जाए।