Water Conservation : इंदौर जिले को जल संरक्षण में पश्चिम क्षेत्र का ‘राष्ट्रीय जल पुरस्कार’

- जिले को पिछले 3 सालों में दूसरी बार उक्त राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ

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Indore : भारत शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा तृतीय ‘राष्ट्रीय जल पुरस्कार’ (National Water Award) की घोषणा की गई। देश के उत्तर, पश्चिम, दक्षिण एवं पूर्व झोन के जिलों को पुरस्कृत किया गया। पश्चिम झोन में इंदौर जिला प्रथम रहा (Indore District was the First in the West Zone) जबकि, गुजरात के वडोदरा एवं राजस्थान के बांसवाड़ा जिले को पश्चिम झोन में संयुक्त रूप से दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।

कलेक्टर मनीष सिंह एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हिमांशु चन्द्र द्वारा फरवरी 2021 में उक्त पुरस्कार के लिए जिले की और से नामांकन किया गया था। नामांकन में उल्लेखित कार्यों के सत्यापन के लिए भारत शासन स्तर से केन्द्रीय भू-जल बोर्ड के उपसंचालक स्तर की टीम (Central Ground Water Board Deputy Director Level Team) भेजी गई थी।

टीम द्वारा जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में किए जल संरक्षण एवं जल के पुर्नउपयोग संबंधी कार्यों का अवलोकन कर जिले के लिए पुरस्कार की अनुशंसा भारत शासन को की थी। जिले को 2019 में चोरल नदी पुनर्जीवन के लिए भी प्रथम जल पुरस्कार प्राप्त हुआ था। इस प्रकार जिले को गत 3 सालों में दूसरी बार राष्ट्रीय सम्मान (National Honor for the Second Time in 3 Years) प्राप्त हुआ है।

जिले के महू तहसील के दुर्जनपुरा एवं यशवंत नगर में ग्राम पंचायत के माध्यम से किए रिजलाईन एवं ड्रेनेज लाईन ट्रीटमेंट के कार्य एवं ग्राम भगोरा में वाटरशेड परियोजना अंतर्गत भूजल पुनर्भरण के कार्य से सत्यापनकर्ता दल प्रभावित हुए थे। सत्यापन में भ्रमणकर्ता दल द्वारा नगर निगम के कबीटखेडी एसटीपी प्लांट, कनाड़िया झील संरक्षण कार्य को भी देखा गया था।
पुरस्कार के मूल्यांकन में जिले में ग्रामीण विकास विभाग की वाटरशेड विकास योजना में कनाड एवं गंभीर नदी के जलग्रहण क्षेत्र में किए ट्रीटमेंट एवं निर्माण कार्य, मनरेगा अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र के पौधारोपण, जिले में केच द रेन अभियान अन्तर्गत निर्मित जल संग्रहण एवं जल पुर्नभरण कार्य, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग कार्य, बावड़ी जीर्णोद्धार आदि प्रयासो का समावेश किया गया।

नगर निगम द्वारा वेस्ट वाटर के रियूज एवं जलसंरचनाओं के संरक्षण के प्रयास भी पुरस्कार के प्रस्ताव मे शामिल किए थे। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2020-21 में 100 तालाबों में 7.38 लाख घनमीटर गाद निकाली गई, जिसमें 9.76 करोड़ रूपए की लागत ग्रामीणों द्वारा वहन की गई।