Water Havoc in Western MP : पश्चिमी मध्य प्रदेश में बारिश थमी नहीं, खतरा बरक़रार, बाढ़ के हालात!
Indore : पश्चिमी मध्य प्रदेश में बारिश का सिलसिला अभी थमा नहीं है। झाबुआ और अलीराजपुर समेत कई जिलों में बारिश जारी है। लेकिन, रविवार से तेज बारिश का सिलसिला थम गया, पर छुटपुट जारी है। लेकिन, अधिकांश जिलों में बाढ़ की स्थिति बरकरार है। नर्मदा नदी और उसकी सहायक नदियां उफान पर है। सभी बांधों के गेट से छोड़े जा रहे पानी के कारण कई गांव डूब प्रभावित हो गए।
नर्मदा, कालीसिंध, चंबल, शिप्रा जैसी नदियों में तेज पानी के कारण धार, खरगोन, खंडवा, बड़वानी, उज्जैन, अलीराजपुर और झाबुआ जिलों में जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई। रविवार दोपहर तक प्रदेश में इतना पानी गिर गया कि यह सामान्य बारिश से सिर्फ एक प्रतिशत कम है। अनुमान है कि एक-दो दिन में यह कमी पूरी हो जाएगी।
इंदौर शहर के निचले इलाकों में भी कई बस्तियों में पानी भर गया। स्कूलों के पहुँच मार्ग भी डूबे हुए हैं, इस कारण प्रशासन ने सोमवार को भी इंदौर के स्कूलों में अवकाश घोषित किया। इंदौर जिले का वर्षा का कोटा 36-37 इंच है, जो अभी 44 इंच तक पहुंच गया है। झाबुआ में एक तालाब के फूटने से इसमें आठ लोग बह गए। उज्जैन जिले के बड़नगर में बाढ़ में फंसी गर्भवती महिला को हेलीकॉप्टर से निकाला गया।
धार जिले के मनावर का एकलबारा गांव नर्मदा में पानी बढ़ने से डूब में आ गया। रतलाम मंडल के पंच पिपलिया और अमरगढ़ के बीच रेलवे ट्रैक की मिट्टी बहाने के कारण दिल्ली-मुंबई अपलाइन ट्रैक प्रभावित हुआ। मंदसौर की शिवना नदी इतनी चढ़ी कि भगवान पशुपतिनाथ का जलाभिषेक कर आई। यहां नदी का पानी मंदिर के गर्भगृह तक पहुंच गया।रतलाम, अलीराजपुर, झाबुआ और मंदसौर जिलों में अभी भी अति बारिश होने की आशंका है। इससे आकस्मिक बाढ़ की स्थिति भी बनने की चेतावनी जारी की गई। फ़िलहाल इन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। बड़वानी और धार जिलों में कहीं-कहीं अति भारी बारिश हो सकती है। खरगोन, इंदौर, उज्जैन, नीमच जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश और वज्रपात की घटना हो सकती है। इसके अलावा हरदा, बुरहानपुर, देवास, खंडवा, अगर, भिंड, मुरैना, श्योपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर और शहडोल जिला में कहीं कहीं गरज चमक और वज्रपात हो सकता है।
अभी भी रेड अलर्ट में
रविवार की स्थिति में पिछले 24 घंटे के दौरान धार में सर्वाधिक 301.3 मिलीमीटर, रतलाम में 242, खंडवा में 162, इंदौर में 144, खरगोन में 110 मिलीमीटर बारिश होने से स्थिति बिगड़ गई। वहीं रविवार दिन भर में स्थिति में सुधार आया। सुबह 8:30 से शाम के 5:30 बजे तक रतलाम में 21, धार में 16, उज्जैन 8, इंदौर 6.6, गुना में 5, शिवपुरी 1, पचमढ़ी 0.2 भोपाल 0.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। इसके अलावा भोपाल शहर और नौगांव में भी पानी गिरा।
बारिश के बाद भी यहां अवर्षा
अभी भी प्रदेश के कुछ जिले ऐसे हैं जो अभी भी रेड जोन में हैं। भोपाल, अशोकनगर, गुना, सतना, रीवा, सीधी, दमोह और सिंगरौली जिले रोड जोन में शामिल हैं। यहां 20% से 37% तक कम बारिश होने से चिंता बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अब प्रदेश में मानसूनी बारिश की सक्रियता कम हो सकती है। सोमवार से मानसूनी ट्रक लाइन गुजरात की तरफ बढ़ जाएगी।