Water Meters Will Be Installed Again : तीन दशक बाद फिर नलों में पानी के मीटर लगने लगे!
Indore : शहर का क्षेत्रफल बढ़ने, लगातार कॉलोनियों के विकसित होने से पानी की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। सभी को 24 घंटे पानी उपलब्ध कराना निगम के लिए चुनौती बना हुआ है। इस चुनौती को पूरा करने में नलों में लगाए गए मीटर कारगर साबित होने लगे हैं। निगम ने अब तक 29 हजार नलों को मीटर से जोड़ा गया है।
तीन दशक बाद फिर नलों में मीटर लगने लगे। पानी सप्लाय को मीटर से जोड़ने का काम एलएंडटी कंपनी को दिया गया था। कंपनी ने केन्द्र सरकार की अमृत योजना एक की 950 करोड़ की मदद से इस काम को अंजाम दिया है। करीब सात साल पहले निकाय चुनाव के दौरान पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने शासन के आदेश पर वार्डों का परिसीमन किया था।
परिसीमन में तहसीलों के 29 गांवों को शहरी सीमा में शामिल किया था। गांवों को शहर से जोड़ने के बाद वहां के विकास कार्यो को गति दी गई। करोड़ों के विकास कार्य गांवों में कराए गए। इसी क्रम में गांवों में पेयजल समस्या के स्थायी निदान की रुपरेखा बनाई गई। रुपरेखा के बाद पेयजल टंकियों का निर्माण कर नलों का कनेक्शन घरों तक दिया गया, ताकि लोगों को नर्मदा का जल उपलब्ध हो सके।
अमृत योजना की राशि से कुछ टंकियां शहरी क्षेत्र में भी बनाई गई। इन टंंकियों को नर्मदा लाइन से जोड़ा गया है। अगले कुछ महीनों से सभी टंकियों से नियमित जल सप्लाय शुरू कर दिया जाएगा। उधर, जिन गांवों में पानी सप्लाय को लेकर कोई परेशानी नहीं हैं, वहां मीटर लगाए गए हैं। आने वाले दिनों में इन मीटरों की रीडिंग कर उपभोक्ता को पानी का बिल दिया जाएगा। बिल से पानी मिलने पर लोगों में पानी की बचत की आदत भी बनेगी। वर्तमान में शहर को तीसरे चरण का पानी दिया जा रहा है,जो शहर की आबादी के हिसाब से भरपूर है। इसमें यशवंत सागर तालाब का पानी भी शामिल है।