Waving a Sword in Welcome : जमानत पर छूटे कालीचरण महाराज ने स्वागत में तलवार लहराई

कांग्रेस ने कालीचरण को गिरफ्तार कर रासुका लगाने की मांग की

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Indore : गांधीजी पर अनर्गल टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज जमानत पर छूटकर इंदौर पहुंचे और यहाँ उन्होंने अपने स्वागत में तलवार और हंसिया लहराया। समझा जा रहा है कि कालीचरण महाराज पर फिर कार्रवाई हो सकती है। उनके स्वागत के दौरान का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वे तलवार लहराते दिखाई दे रहे हैं।

उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कांग्रेस ने कहा कि कालीचरण महाराज पर रासुका की कार्रवाई की जाना चाहिए। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह वीडियो भेजकर उनकी जमानत खारिज करने की मांग की। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपमानित करने के मामले में कई दिन रायपुर जेल में बंद रहने के बाद जमानत पर छूटे कालीचरण महाराज की इस वायरल वीडियो से मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

कालीचरण का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें वो खुली जीप में तलवार और हंसिया लहराते दिख रहे है। इसे लेकर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार और पुलिस कमिश्नरी पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने कहा है कि तलवार और हंसिया लहराकर दहशत फैलाना कालीचरण पुलिस कमिश्नरी के लिए चुनौती बन गया। वे दहशत फैलाने का वीडियो जारी कर रहा है, लेकिन पुलिस मौन है।

रासुका लगाने की मांग

यादव ने कालीचरण पर एफआईआर दर्ज कर रासुका लगाने की मांग की है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी ये वीडियो भेजकर कालीचरण की जमानत खारिज कराने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया है कि कानूनी राय लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी। यादव ने शिवराज सिंह चौहान से भी सवाल किया है कि खुलेआम तलवार, हंसिया लहराकर दहशत फैलाना और अराजकता पैदा करने की कोशिश करना क्या वैधानिक कार्य हैं! इंदौर में धारा 144 प्रभावशील है। बिना अनुमति जुलूस और प्रदर्शन पर पाबंदी हैं। ऐसे में कालीचरण क्या क़ानून से भी बड़ा हो गया है। कालीचरण के खिलाफ लोक शांति भंग करने और 25 आर्म्स एक्ट की धाराओं में एफआईआर होनी चाहिए।

आपत्तिजनक भाषण

पिछले साल दिसंबर में छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के लिए आपत्तिजनक भाषण दिया और महात्मा गांधी की हत्या करने के लिए नाथूराम गोडसे को धन्यवाद दिया था। इस पर छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसके बाद पुलिस ने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया था।