
यह दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
भारत और रूस दोस्त थे, दोस्त हैं और हमेशा दोस्त बने रहेंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत आकर यह बात पूरी दुनिया को बता दी है। डोनाल्ड ट्रंप अगर शांति की बात कर रहे हैं तो मोदी-पुतिन ने पूरी दुनिया को बता दिया है कि उनका मकसद शांति ही है। अब अगर शांति के लिए युद्ध की
बड़ी खाई को पार करना पड़े तो यह भी कुबूल है। मोदी-पुतिन द्वारा शांति का यह संदेश शायद ट्रंप को यही आईना दिखा रहा है। पर एक बात पर दोनों अटल हैं कि ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे, चाहे चीन को बुरा लगे या फिर डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले अमेरिका को।
पुतिन की भारत यात्रा में राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत, राजघाट पर श्रद्धांजलि और हैदराबाद हाउस में मोदी के साथ लंबी बैठक हुई। दोनों नेताओं ने ऊर्जा, रक्षा, शिपिंग, फर्टिलाइजर, व्यापार और 2030 आर्थिक रोडमैप पर सहमति जताई। और दिन का सबसे बड़ा ईवेंट रहा – साझा प्रेस स्टेटमेंट। इसमें 6 समझौते और साझा बयान जारी हुए। पीएम मोदी ने कहा भारत शांति के साथ है, जबकि पुतिन ने 2030 तक 100 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य का भरोसा दिया। दोनों नेताओं ने दुनिया के सामने साफ कर दिया कि उनकी दोस्ती अटूट है। राष्ट्रपति भवन में पुतिन को 21 तोपों की सलामी, तीनों सेनाओं की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी के साथ भव्य सेरेमोनियल वेलकम दिया गया। इसके बाद पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और फिर सीधे हैदराबाद हाउस पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक शुरू की। करीब दो घंटे चली इस बैठक में रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, शिपिंग, कनेक्टिविटी, खाद-रसायन सहयोग और शांति प्रयासों पर गहन चर्चा हुई।
पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद भारत-रूस लगातार संपर्क में रहे हैं और भारत शांति के पक्ष में है। उन्होंने घोषणा की कि रूस के नागरिकों को जल्द ही 30 दिन का फ्री वीजा मिलेगा, जिससे लोग-से-लोग संबंध और मजबूत होंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि दोनों देशों ने 2030 के लिए व्यापक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति बनाई है और शिप बिल्डिंग, यूरिया उत्पादन, ऊर्जा सुरक्षा, फर्टिलाइजर सेक्टर तथा अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में बड़े अवसर खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत-रूस संबंध ‘ध्रुव तारे की तरह स्थिर और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।’
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि भारत-रूस संबंध भरोसे और सम्मान पर टिके हैं और दोनों देश 2030 तक 100 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य प्राप्त करेंगे। उन्होंने यूक्रेन मुद्दे पर शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया और कहा कि इस प्रक्रिया में अमेरिका भी शामिल है। पुतिन ने पीएम मोदी के आतिथ्य की सराहना करते हुए कहा, ‘आपके घर का भोजन बहुत अच्छा था.’ रूस ने न्यूक्लियर ऊर्जा, प्राकृतिक गैस,शिपिंग, रक्षा आधुनिकीकरण और मेक इन इंडिया परियोजनाओं में सहयोग जारी रखने की पुष्टि की। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत-रूस साझेदारी एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को मजबूत करेगी।
तो कुल छह बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर हुए- मैनपावर मोबिलिटी, स्वास्थ्य क्षेत्र के दो समझौते, शिपिंग के दो समझौते और फर्टिलाइज़र–केमिकल सेक्टर का एक करार। साथ ही एक विस्तृत साझा बयान भी अपनाया गया, जिसमें भविष्य की दिशा तय की गई है। पूरे दिन के कार्यक्रमों ने साफ कर दिया कि वैश्विक तनावों और पश्चिमी दबावों के बावजूद भारत–रूस साझेदारी नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है, और यह यात्रा आने वाले दशक की कूटनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी।
तो हैदराबाद हाउस भारत और रूस के बीच 23वीं वार्षिक बैठक का साक्षी बना। मोदी-पुतिन मुलाकात अपने मकसद रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और आर्थिक सहयोग जैसे अहम क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूत करने में सफल रही। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन का तारीफ करते हुए कहा, “आपकी यह यात्रा बहुत ऐतिहासिक है. 2001 में जब आपने कार्यभार संभाला था और पहली बार भारत आए थे, उस यात्रा को 25 साल हो गए हैं। उसी पहली यात्रा में हमारी रणनीतिक साझेदारी की मजबूत नींव रखी गई थी।” मोदी ने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि भारत न्यूट्रल नहीं है। भारत का पक्ष है और वो पक्ष शांति का है। हम शांति के हर प्रयासों का समर्थन करते हैं। शांति के हर प्रयास के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”
पुतिन ने कहा, “हमारा व्यापार रुबल और रूपये में हो रहा है। हम ‘मेक इन इंडिया’ में सहयोग करेंगे। दोनों देश लॉजिस्टिक रूट बनाने पर भी चर्चा कर रहे हैं। हम हिंद महासागर के रूट पर भी बात कर रहे हैं। हम मेक इन इंडिया प्रोग्राम में भी सहायता को तैयार हैं जो पीएम नरेंद्र मोदी के दिल के करीब है।”
तो बात फिर वहीं आ जाती है कि
भारत और रूस के दिल आपस में मिले हुए हैं। और दिलों की यह करीबी हमेशा बनी रहेगी और जब भी अवसर आएगा तब पूरी दुनिया की समझ में यह बात आ जाएगी कि भारत और रूस की दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी…।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।





