Bhopal / New Delhi : पूरे देश के साथ प्रदेश भी इन दिनों बारिश, सर्दी और ओलावृष्टि की चपेट में है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश का अनुमान लगाते हुए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किए हैं। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में जमकर बारिश हो रही है। इससे इलाके में काफी ठंड बढ़ गई। मध्यप्रदेश के अधिकांश क्षेत्र में भी बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। इस ओलावृष्टि से 80% फसलें तक ख़राब हुई।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि के मुताबिक, 11 जनवरी से देश के पूर्वी क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। यह पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ेगा और देश के मध्य और पूर्वी भागों में भारी बारिश होगी।
ओडिशा में 11 और 12 जनवरी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया। यहां 11 जनवरी को ओलावृष्टि का अनुमान है। ‘ऑरेंज अलर्ट’ में ‘बेहद खराब मौसम’ की चेतावनी दी गई है। इससे सड़क और रेल मार्ग के बंद होने और बिजली आपूर्ति में रुकावट जैसे व्यवधानों की संभावना है। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के लिए 11 जनवरी से 13 जनवरी तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। येलो अलर्ट गंभीर रूप से खराब मौसम का संकेत देती है। इस अलर्ट के अनुसार, मौसम और भी खराब हो सकता है, जिससे सामान्य गतिविधियों में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।
मध्यप्रदेश के हालात
भोपाल में लगातार तीसरे दिन बारिश हुई। जबकि, 18 जिलों के 100 से ज्यादा कस्बों में मावठे ने फसलें तबाह कर दीं। 400 से ज्यादा गांवों में गेहूं की खड़ी फसल ख़राब हो गई। सबसे ज्यादा ओले अशोकनगर जिले में पड़े। यहां 80 गांव में 10 हजार हेक्टेयर में लगी धनिया की फसल खराब हुई। मसूर और चने की फसल कीचड़ में दब गई। प्रशासन ने इस क्षेत्रों में नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया। कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि कलेक्टर 72 घंटे में नुकसान का सर्वे कराकर अधिसूचना जारी करेंगे। इसके बाद फसल बीमा की 25% राशि किसानों को दिलाई जाएगी।
रविवार को सागर में रात की ठंड से राहत मिली। इस दौरान पारा 13.6 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री तक ऊपर रहा। उधर, दिन का तापमान बारिश की वजह से एक बार फिर कम हो गया है। रविवार को पारा 17.8 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6 डिग्री नीचे रहा।
78 साल बाद जनवरी में ऐसा मौसम
भोपाल में 78 साल बाद जनवरी में ऐसा मौसम हुआ। यह असामान्य हालात है। उत्तर भारत और राजस्थान में चार सिस्टम एक साथ बनने से यह स्थिति बनी। प्रदेशभर में लगातार तीन दिन तक मावठा बरसना, ओले गिरना और दिन ठंड होना, बहुत कम होता है।
80% तक फसलें खराब
रायसेन के बारला, बरोला, कटसारी, परवरिया, गिरवर, पेमत, सनखेड़ी, महुयाखेड़ा और सांची के तिजालपुर में सुबह 4 बजे करीब 15 मिनट तक ओले गिरे। इससे फसलों को 50% से 80% तक नुकसान हुआ। जबकि, विदिशा के सिरोंज व लटेरी में 49 गांवों में 60% तक फसलें खराब। 5 हजार हेक्टेयर जमीन में नुकसान हुआ है। ग्वालियर के डबरा के 12 गांव तो भितरवार में 15 गांव की 3000 हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल तबाह हो गई।
भिंड के दबोह-आलमपुर के 20 गांवों में ओले गिरने से 70% फसलें तबाह हुई। दतिया के सेंवढ़ा और भांडेर के करीब 50 गांवों में 20 तक ओले गिरने से फसलों को नुकसान होने के समाचार मिले।