Bhopal : राजस्थान से आ रही गर्म हवाओं के कारण मध्यप्रदेश का पारा लगातार चढ़ रहा है। दिन का तापमान 46 डिग्री तो रात का तापमान 30 डिग्री के पार पहुंच गया है। मध्य प्रदेश का नौगांव शहर दुनिया का सातवा सबसे गर्म शहर रहा है जहां तापमान 48 डिग्री तक पहुंच गया है। धार, शाजापुर, राजगढ़, खरगोन, खंडवा, रतलाम जिलों में लू का प्रकोप जारी है।
अगले 24 घंटों के लिए 14 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया गया। रतलाम के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी है। उधर, दिल्ली का अधिकतम तापमान भी 44 के आसपास है। करीब पूरा उत्तर भारत ही भीषण गर्मी की चपेट में है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के कुछ इलाकों में पारा लगातार बढ़ रहा है। राजगढ़ में 46, खरगोन में 45.9, रतलाम में 45.8, खंडवा में 45.1, धार में 45, शाजापुर में 44.5, गुना में 44, उज्जैन में 43.7, दतिया में 43.4, सिवनी-टीकमगढ़ में 43.2, सागर में 43 डिग्री अधिकतम तापमान रहा।
जबकि, दमोह में रात सबसे गर्म रही। दमोह में 30.2, दतिया में 29.9, टीकमगढ़ में 29.8, जबलपुर में 29.6, उमरिया में 29.3, ग्वालियर में 29.2, सीधी में 29, होशंगाबाद में 28.5, खंडवा-खरगोन में 28.4, इंदौर-सतना में 28, सागर में 27.9, रतलाम में 27.8, नौगांव में 27.5, रीवा-गुना में 27.2, भोपाल में 27, बैतूल में 26.8, राजगढ़-उज्जैन में 26.5, रायसेन में 26.4, शाजापुर-खजुराहो-मंडला में 26 डिग्री न्यूनतम तापमान रहा।
मौसम केंद्र की रिपोर्ट कहती है कि पिछले 24 घंटे का मौसम शुष्क रहा। धार, शाजापुर, राजगढ़, खरगोन, खंडवा, रतलाम जिलों में लू का प्रभाव रहा। मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि अगले 24 घंटों के दौरान दतिया, गुना, ग्वालियर, विदिशा, अशोकनगर, रतलाम, राजगढ़, खंडवा, खरगोन, नीमच, मंदसौर, श्योपुरकलां, मुरैना, भिंड जिलों में लू चलने की संभावना है।
दिल्ली में गर्मी बढ़ेगी, रिपोर्ट का खुलासा
दिल्ली का अधिकतम तापमान 2080-2099 की अवधि में औसत 4 डिग्री अधिक हो सकता है। इसी अवधि में दिल्ली का औसत तापमान मौजूदा स्थिति की तुलना में 5 डिग्री अधिक गर्म हो सकता है।
अधिकतम तापमान भी 48.19 डिग्री तक पहुंचने के आसार हैं।
ग्रीनपीस इंडिया इंटरगवर्नमेंटल पैनल फॉर क्लाइमेट चेंज (IPCC) एआर 6 की रिपोर्ट के आधार पर लू के अनुमानों का विश्लेषण किया गया है।
दिल्ली में 29 अप्रैल 2022 को तापमान 43 डिग्री दर्ज किया गया था। यह अप्रैल के महीने में औसत अधिकतम तापमान से काफी ऊपर है।
1970-2020 तक अप्रैल के तापमान बताते हैं कि चार सालों के दौरान अधिकतम तापमान 43 डिग्री के ऊपर पहुंच गया। इस तरह की तेज गर्मी का मतलब भारत लंबे समय तक अत्यधिक गर्मी और गर्म हवाओं से जूझता रहेगा।
इसकी वजह से अस्पतालों में लोगों के भर्ती होने की संख्या में इजाफा होगा। खेती, जंगली जानवरों को भी इससे नुकसान होंगे।
ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेन मैनेजर अविनाश चंचल का कहना है कि लू सार्वजनिक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के लिए घातक हैं।
अगर हम अभी इससे निपटने की तैयारी नहीं करते हैं, तो इस गर्मी की अवधि, उसके परिणाम, तापमान के सालाना बढ़ोतरी में ही वृद्धि होने की संभावना है।
तापमान में तेज से वृद्धि की वजह से सबसे अधिक नुकसान दिल्ली, लखनऊ, पटना, जयपुर और कोलकाता जैसे शहरों में गंभीर रूप से प्रभावित होने की उम्मीद है। इन सभी शहरों में गर्मी और उसके प्रभाव का पैटर्न एक समान है।
इस आंकलन के अनुसार, 2080 से 2099 की अवधि में मुंबई और पुणे में अब औसत से 5 डिग्री अधिक गर्म होगा, अधिकतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस और चेन्नई में 4 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस के साथ औसत से 4 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म होगा।
चंचल के मुताबिक दीर्घकालिक उपायों के रूप में शहरी नियोजन को पर्याप्त हरित आवरण प्रदान करना चाहिए, साथ ही इसे बनाए रखने के लिए भी प्रयास करने चाहिए।
इनमें छत पर बागवानी, सामुदायिक पोषण उद्यान, पार्क, मिनी वन, सड़क के किनारे के पेड़ के कवर और जल निकाय को बनाना और सुरक्षित रखना शामिल हैं।