What did Kumar Vishwas say, anger of BJP leaders: यह क्या कह गए कुमार विश्वास, भाजपा नेताओं का फूटा आक्रोश
उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट
उज्जैन । भारत उत्कर्ष, नवजागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2023 (विक्रम सम्वत् 2079) के तहत उज्जैन में कुमार विश्वास अपने अपने राम, राम के शंकर, शंकर के राम, विषय पर कथा सुनाने आए । मंगलवार को पहले दिन ही उन्होंने आरएसएस और वामपंथ पर विवादित टिप्पणी कर दी । उन्होंने अपने यहां काम करने वाले आरएसएस जुड़े युवक के हवाले से कहा, तुमने कुछ पढ़ा लिखा नहीं है, वामपंथियों ने ज्यादा पढ़ लिया है वे कुपढ़ है इसलिए दोनों के बीच देश में झगड़ा चल रहा है । आरएसएस से जुड़े युवक के हवाले से संघ पर सांकेतिक भाषा में टिप्पणी करने पर भाजपा नेताओ ने आपत्ति ली दिन चढ़ने से पहले ही सारे सोश्यल मिडिया प्लेटफॉर्म पर कुमार विश्वास के लिए कई पोस्ट किए गए। उज्जैन संभाग मीडिया प्रमुख सचिन सक्सेना ने कहा कि कुमार विश्वास प्रसिद्ध कवि हैं वह अपनी बात मर्यादा में कहें । वह कोई विश्वविद्यालय नहीं है जो प्रमाण पत्र बांट रहे हैं । किसी भी संगठन पर इस तरह की टिप्पणी करना ठीक नहीं है, उन्हें अपनी कथा कहने के लिए बुलाया गया है उन्हे वही काम करना चाहिए।
पूर्व निगम सभापति सोनू गेहलोत ने अपनों फेसबुक पोस्ट पर विरोध स्वरूप लिखा
“धूर्त कुमार विश्वास..बायकॉट…
कुमार विश्वास…40-50 लाख रुपए लेकर हिंदुत्व प्रहरियों पर ही आघात कर रहे हो…2015 के पहले तुम्हारी रामजी पर कोई एक कविता नहीं है….हिंदुत्व का प्रभाव बढ़ा और तुमने व्यावसायिक मानसिकता अपनाकर रामजी को चुन लिया….इसके पहले तुम्हारी प्रिय पात्र प्रियसी थी….अब रामजी हो गए….उज्जैन में तुमने जो बोला वो तुम्हारा अहंकार है….विगत सौ साल से जिन्होंने इस देश को गढ़ने में अपना जीवन होम कर दिया उनके बारे में बोलने की तुम्हारी औकात नहीं….जब तुम गंदा बोल रहे थे तुम्हारी तो गलती है ही सामने बैठे आयोजक भी मुस्कुराकर ताली ठोक रहे थे….शर्म…..अब तुम्हें यहां से निकल ही जाना चाहिए…अन्यथा जो मुंह लेकर आए हो वो जाते समय उजला नहीं रह पाएगा….”
वही महापौर मुकेश टटवाल भी उस कथा में मौजूद थे आज जब उनसे पूछा गया कि कुमार विश्वास ने आरएसएस पर जो टिप्पणी की है उस पर आपने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की । महापौर टटवाल ने कहा कि कुमार विश्वास कवि है उनको उसी अंदाज में लेना चाहिए । रामकथा में मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक पारस जैन भी मौजूद थे। जब उन्हें बताया गया कि कुमार विश्वास कवि सम्मेलन में नहीं रामकथा में इस तरह की बात कह रहे थे तब उन्होंने कहा कि आरएसएस राष्ट्रवादी संगठन है इसे डिग्री से नहीं नापा जा सकता। राष्ट्रवाद दिल से और भावनाओं से जुड़ा हुआ मामला है इसे पढ़ाई लिखाई से नहीं नापा जा सकता।
मामले में समग्र हिंदू समाज ने आयोजकों को बुलाकर ज्ञापन सौंपा है इसकी जानकारी देते हुए जसविंदर सिंह ने बताया कि कुमार विश्वास ने जो बयान लाखों स्वयंसेवक और राम भक्तों के विषय में अपनी कलुषित वाणी से दिया है उसके लिए माफी मांगे। वे कालिदास के मंच को राजनीति से प्रेरित होकर बदनाम कर रहे हैं। उनकी मानसिकता राजनीतिक है। आयोजकों से कहा गया कि कुमार विश्वास ने अगर माफी नहीं मांगी तो आगे का फैसला हिंदू समाज बैठ कर लेगा ।