मदन राठौड़ को राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान देने के पीछे क्या है की रणनीति
गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट
राज्य सभा सांसद मदन राठौड़ को राजस्थान भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर उनके नई दिल्ली में वेस्टर्न कोर्ट स्थित अस्थाई निवास पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। इसके पूर्व राठौड़ के शुक्रवार को संसद भवन पहुंचने पर प्रदेश के केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने भावभीना स्वागत किया। वे यथाशीघ्र अपने पद का कार्यभार संभालेंगे।
केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राजस्थान भाजपा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा मदन राठौड से भेंट कर उन्हें बधाई दी। साथ ही विश्वास जताया कि आपके सांगठनिक अनुभव और मार्गदर्शन से पार्टी कार्यकर्ताओं में नव-ऊर्जा का संचार होगा एवं संगठन को और अधिक मजबूती मिलेगी। केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने वरिष्ठ नेता और जुझारू व्यक्तित्व एवं संगठन कौशल के धनी मदन राठौड़ को भाजपा राजस्थान का अध्यक्ष नियुक्त होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी और कहा कि निश्चित ही आपके नेतृत्व में सफलता के नए मानक स्थापित होंगे। एक समर्पित कार्यकर्ता की भाँति आपसे सदैव सहयोग रहेगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी अपने सोशल हैंडल पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा राज्यसभा सांसद आदरणीय श्री मदन राठौड़ जी को भाजपा राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।निःसंदेह, आपके ऊर्जावान नेतृत्व व कुशल मार्गदर्शन में भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र के साथ प्रदेश में सफ़लता के नवीन मानक स्थापित करेगी।मैं प्रभु श्रीराम जी से आपके उत्कृष्ट कार्यकाल हेतु मंगलमय कामना करता हूँ।
मुख्यमंत्री शर्मा ने राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को राजस्थान का प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय सचिव विजया राहटकर को सह प्रभारी बनाने पर भी खुशी व्यक्त की और लिखा कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल जी को राजस्थान प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय सचिव श्रीमती विजया राहटकर जी को राजस्थान प्रदेश सह प्रभारी नियुक्त किए जाने पर अनन्त हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप दोनों के संगठन कौशल और अनुभव का लाभ निश्चित रूप से राजस्थान प्रदेश संगठन को प्राप्त होगा। उत्कृष्ट कार्यकाल हेतु हार्दिक मंगलकामनाएं।
राजस्थान भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राज्य सभा सांसद मदन राठौड़ ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि मैं पार्टी का बहुत आभारी हूं और मेरे पास आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं । पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मेरे जैसे छोटे से व्यक्ति पर इतना विश्वास किया है। उन्होंने कहा है कि मैं पार्टी आलाकमान की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा।
उल्लेखनीय है कि निवर्तमान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद सीपी जोशी ने विधानसभा चुनाव के बाद और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी। विधान सभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी के एक ही जाति ब्राह्मण का होने की वजह से लम्बे समय से यह मंत्रणा चल रही थी कि अध्यक्ष पद पर किसे नियुक्त किया जाए।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान मदन राठोड़ को ऐसे समय मिली है, जब राजस्थान की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. भाजपा ने सांसद सीपी जोशी की जगह मदन राठौड़ को संगठन की बागदौर सौंप कर उपचुनाव में जीत दर्ज करने का दांव चला है। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के लिए प्रदेश में होने वाले उपचुनाव जीतना काफी अहम हो गया है। ऐसे में भाजपा ने संगठन का चेहरा बदलकर उपचुनाव में जीत का तानाबाना बुना है। मदन राठौड़ ने भी प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद खुद को पार्टी का सच्चा सिपाही बताते हुए उपचुनाव जीतने की हुंकार भी भर दी है. उन्होंने साफ कह दिया है कि वे सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय बनाकर उपचुनाव जीतने की पूरी कोशिश करेंगे। इस तरह से निकट भविष्य में होने वाले उप चुनाव उनके लिए अग्निपरीक्षा है।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार मदन राठौड़ की नियुक्ति को मूल ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश माना जा रहा है। राठौड़ करीब पांच माह पहले ही राज्यसभा सांसद चुने गए थे। वे पाली जिले की सुमेरपुर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं और वसुन्धरा राजे की पिछली भाजपा सरकार में सरकारी उप मुख्य सचेतक भी रहे हैं। राठौड़ मूल ओबीसी में घांची जाति से हैं। मूल ओबीसी वर्ग बीजेपी का परंपरागत वोट माना जाता है। सीपी जोशी से पहले भी बीजेपी ने मूल ओबीसी वर्ग के ही अध्यक्ष नियुक्त किए थे।
मदन राठौड़ को 2023 में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विधायक का टिकट नहीं दिया तो उन्होंने चुनाव मैदान में निर्दलीय ताल ठोक दी थी। बाद में शीर्ष है कमान की समझाईश पर राठौड़ ने पर्चा वापस ले लिया था। ऐसा भी दावा है कि राठौड़ को पर्चा वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन किया था। विधान सभा चुनाव के ठीक ढाई माह बाद पार्टी ने उनका सम्मान रखते हुए उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया और वे राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने। राठौड़ संघ पृष्ठभूमि के है । वे आरएसएस में काफी सक्रिय रहे हैं।
देखना है कि वे किस तरह राजस्थान में सियासी सन्तुलन बनाकर चलते हैं और उप चुनाव में भाजपा की जीत दिलाते है?