
Wheat Procurement: MP में समर्थन मूल्य पर 77.75 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी, किसानों को रू. 20000 करोड़ का भुगतान
पिछले वर्ष की तुलना में 30 लाख मीट्रिक टन अधिक खरीदी
भोपाल: Wheat Procurement: MP में चालू वर्ष 25-26 में समर्थन मूल्य पर 77.75 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई और किसानों को रू. 20000 करोड़ का भुगतान किया गया। पिछले वर्ष की तुलना में करीब 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं की अधिक खरीदी हुई है।
नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अनुराग वर्मा ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु भारत शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य रू. 2425 प्रति क्विंटल घोषित किया गया था।राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य के अतिरिक्त रू. 175 प्रति क्विंटल बोनस घोषित किया। इस प्रकार किसानों को समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल ₹2600 प्राप्त हुआ।

उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए किसान पंजीयन 20 जनवरी 2025 से प्रारंभ कर 9 अप्रेल 2025 तक किया गया। गेहूं उपार्जन का कार्य विगत वर्ष से 15 दिवस पूर्व 15 मार्च 2025 से प्रारंभ किया गया । शनिवार को भी गेहूं उपार्जन किया गया। किसानों को उपज विक्रय हेतु आंशिक स्लॉट बुकिंग सुविधा तथा उपार्जन अवधि उपरांत भी स्लॉट बुकिंग वाले किसानो को गेहूं विक्रय की सुविधा दी गई । महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से SHG एवं CLF को 276 उपार्जन केन्द्र आवंटित किये गये।
अनुराग वर्मा ने बताया कि प्रदेश में गेहूं उपार्जन हेतु समस्त 55 जिलों में 3623 उपार्जन केन्द्र खोले गये थे, जिन में से 2459 गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र थे। रबी विपणन वर्ष 2025-26 में 15.44 लाख कृषको द्वारा गेहूं विक्रय हेतु पंजीयन कराया गया था, जिनमें से 10.27 लाख कृषको द्वारा स्लॉट बुकिंग किया गया तथा 9.00 लाख कृषको द्वारा अपनी उपज उपार्जन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर विक्रय किया गया।

रबी विपणन वर्ष 2025-26 में 77.75 लाख मे.टन गेहूं का उपार्जन किया गया। दिनांक 22.05.2025 तक उपार्जित मात्रा 77.75 लाख मे.टन मे से 77.39 लाख मे.टन गेहूं गोदामो में भंडारित कराकर स्वीकृति पत्रक जारी करते हुए रू. 20000 करोड़ कृषको को भुगतान किया गया है।
रबी विपणन वर्ष 2025-26 के उपार्जित गेहूं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु उपार्जन केन्द्रो पर भारत शासन द्वारा निर्धारित PCSAP के समस्त मानदण्ड के अनुसार व्यवस्थाऐं सुनिश्चित की गई । गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु राज्य स्तर, जिला स्तर एवं उपार्जन केन्द्र स्तर तक पर्यवेक्षण हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये। राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किये गये। उपार्जित गेहूं की राशि किसानों को भुगतान शीघ्रता से करने हेतु प्रतिदिन गेहूं उपार्जन, परिवहन एवं स्वीकृति पत्रक जारी करने की समीक्षा व्ही.सी के माध्यम से की गई। भारत शासन द्वारा गठित दल द्वारा भी मध्यप्रदेश में उपार्जन की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया तथा मध्यप्रदेश द्वारा की गई व्यवस्थाओं से संतुष्टि व्यक्त की गई।





