लक्ष्मीजी कब अपने उल्लू को आपके छप्पर पर लैंड करवा दें!
आज धनतेरस है। लोग बताते है कि आज से धन की देवी उल्लू पर सवार होकर धरती पर घूमती है। जो कोई उन्हें पसंद आ जाये उसे निहाल कर देती है। हालाँकि उनकी पसंद देखकर ताज्जुब हो सकता है आपको। कोई क्यो पसंद आ जाता है उन्हें ? किसी को निहाल करने बाबत उन्होंने क्या नियम कायदे तय किये हुये है,ये उनके अलावा और कोई नहीं जानता । ख़ैर वो तो देवी है उनके मन की थाह ले पाना हम जैसे कमबुद्धि वाले लोगों के बस की बात नहीं। लक्ष्मी माता जिन्हें अपनी गोद मे बैठने का मौक़ा देती है । जो लगातार लदे रहते हैं उनकी गोद में ,उनके भाग्यवान होने पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।
चूँकि लक्ष्मी सबसे राज़ी नही होती ,इसलिए पूरी दुनिया में गरीब ज़्यादा हैं और अमीर कम । ऐसे में अमीर हमेशा यह सोच कर टेंशन में रहते हैं कि ये सारे गरीब मिलकर उनके राजपाट को चौपट कर सकते है ,ऐसे में हमारे यहाँ गरीब को इज़्ज़त देने का रिवाज शुरू किया गया।
बताइये दरिद्र नारायण की अवधारणा और कही सुनी है आपने। ऊपर से संतोषी सदा सुखी वाली बात भी है। गरीब इन्हीं विचारों के चक्कर में गरीब बना रहना चाहता है हमारे देश का । और इसी धारणा के चलते हमारे अमीर पूरे इत्मीनान से लक्ष्मी के हाथ से टपकते सिक्के इकट्ठे करते रहते हैं।
पंजाबियों को छोड़कर हमारे देश का हर करोड़पति यह चाहता है कि किसी को इस बाबत पता ना चले। करोड़पतियों को यही शोभा देता है ! गुदड़ी ओढ़ कर घी पीने का चलन है हमारे यहाँ । अमीरों को हिक़ारत से देखा जाता है हमारे यहाँ और सादगी भरे लोगों की ,भले वो अपनी करनी से गरीब हुये हो की इज़्ज़त की जाती है।
करोड़पति पूरी कोशिश करते है कि किसी को उनकी तिजोरी की कानों कान खबर ना होने पाये। बहुत बार तो बंदे के मरने के बाद ही पब्लिक को पता चल पाता है कि मरहूम कितनी बड़ी दौलत के पहाड़ पर बैठा था। अमीरों का ऐसा करना ज़ायज भी है। अमीरों से जलने का रिवाज है हमारे यहाँ । किसी के अमीर होने की भनक भर लग जाये लोगों को पूरे गाँव के लोग रिश्तेदारी निकाल लेंगे ,आसपास मख्खियो की तरह भिनकने लगगें और यदि आप कुछ देने से इनकार करें ,मंगते नही ले पाये कुछ आपसे तो बद्दुआएँ तो दे ही जाएँगें ।
लोग आपसे इसलिये पैसे नहीं माँगते क्योंकि वो वाक़ई ज़रूरत मंद है वो ऐसा इसलिये करके यह चैक करना चाहते है कि आप वाक़ई मालदार है भी या नहीं। उन्हें लगता है वो आपको यह सोचकर ख़ुशी ख़ुशी धन दे देंगे क्योंकि वो आपसे सँभाले नहीं संभल रहा। उन्हें लगता है कि ज्यादा पैसा आपको टेंशन दे रहा है ऐसे मे वो आपसे उधार नहीं माँगते वो आपकी मदद करना चाहते है।
हो सकता है आप दरिद्र नारायण होने से खुश न हों। कुछ वजहें हो सकती हैं आपके ठन ठन गोपाल होने की। कम अकल है आप। आपकी शक्ल भी कुछ ख़ास नहीं। आप बातें बनाना नहीं जानते। आपके बाप कुछ ख़ास नहीं छोड़ गए आपके लिए। आपका कोई रिश्तेदार मंत्री पार्षद नही। मोहल्ले के बड़े गुंडे से आपकी दुआ सलाम नही। आप की जेबें फटी हुई है । बीबी आपको खदेड़ती है ,बच्चे कहे में नहीं। निराश हैं आप जीवन से। यदि ऐसा है तब भी यह न सोचें ये सारी दिक़्क़तें आप के घर तक लक्ष्मी के आने में स्पीड ब्रैकर हैं। आप सब्र बनाए रखें ,बस लक्ष्मी की पूजा करते रहे ,कहा नहीं जा सकता ,वो कब अपने उल्लू को आपके छप्पर पर लैंड करवा दें और उसे फाड दे। लक्ष्मी के राज़ी होते ही ,आपसे कतराने वाले ,मख्खियों की तरह भिनभिनाएँगे आपके चारों तरफ़। ऐसे में उनको मनाने की कोशिशें करती रहे।
आज मौक़ा है आपके पास। मना लीजिये लक्ष्मी जी को। यदि वो मान गई तो आप भी मान जायेगे कि मेरा कहा सोलह आने सच्ची है।