

जहां उद्गम होगा, वहां ऊर्जा का स्रोत होगा : कैबिनेट मंत्री श्री पटेल
श्री पटेल ने तुम्बड़ नदी के उदगम स्थल का पूजन किया
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मंदसौर जिले के निपानिया ग्राम में तुम्बड़ नदी के उदगम स्थल का विधिवत पूजन किया।
विधिवत हवन किया, पूजा अर्चना की एवं हवन में मंत्रोचार के साथ आहुति प्रदान की।
इस दौरान लोक सभा सांसद श्री सुधीर गुप्ता, राज्य सभा सांसद श्री बंशीलाल गुर्जर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार, गरोठ विधायक श्री चंदर सिंह सिसोदिया, जिला भाजपा अध्यक्ष श्री राजेश दीक्षित, पूर्व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री बसंत शर्मा भी उपस्थित रहे।
कैबिनेट मंत्री श्री पटेल ने उपस्थित ग्रामीणों ओर जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि जहां उद्गम होगा वहां ऊर्जा का स्रोत होगा। मध्य प्रदेश को नदियों का मायका कहा गया है, नदियों के उद्गम स्थल को पवित्र बनाएं, उसकी सफाई करें। इससे जल स्रोत चलने लगेंगे। जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना होगा। पानी का आधार पौधा होता है, इसलिए अधिक से अधिक पौधारोपण करें, वृक्ष लगाए। छोटी नदियां अगर बारहमासी रहेगी, तो बड़ी नदियां स्वतः चलेगी।
तुम्बड़ नदी ग्राम निपानिया अफजलपुर, कटक्या एवं हतुनिया तीनो ग्रामो की सीमा पर स्थित है। तुम्बड़ नदी के बारे में पुर्वजो से प्राप्त जानकारी अनुसार एक संत तीनो ग्राम की सीमा पर कुटीर बनाकर रहते थे। एक शीला पर स्नान करते थे। शीला बहुत लम्बी थी। संत के पास तुंबी (कमण्डल) थी। उक्त तुंबी (कमण्डल) किसी कारण से गिर गई जिसका पानी स्थल पर गिर गया। संत ने उक्त स्थल पर थोड़ा गड्ढा खोदकर स्नान किया। उस तुंबी (कमण्डल) से गिरे पानी ने अपना रास्ता उक्त स्थल से बना लिया जिस कारण उक्त नदी का नाम तुम्बड़ नदी पड़ गया। विगत 10 वर्षों से यहा पानी रहना बंद हो गया है। यह नदी उक्त तीनो ग्रामो की सीमा से होकर ग्राम सींखेड़ी, झिरकन, मारूखेड़ी महादेव, अफजलपुर, ईशाकपुर, रूपावली, लोध, सुरी व सुठी के बीच शक्करखेड़ी से पाड़लिया मारू होकर कुल 35 किमी की दूरी तय करते हुए शिवना नदी में जाकर समाहित हो जाती है।