ठाकरे की कसौटी पर कौन खरा उतर रहा है आज …!

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ठाकरे की कसौटी पर कौन खरा उतर रहा है आज …!

कुशाभाऊ ठाकरे को भाजपा ने उनकी पुण्यतिथि पर ह्रदय‌ से याद किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने भाव व्यक्त किए कि स्व. ठाकरे जी के बताए मार्ग पर चलकर ही मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का संगठन तैयार हुआ है, जिसकी प्रशंसा पूरे देश में की जाती है। ठाकरे जी हमारे प्रेरणापुंज हैं। भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरूष, लाखों कार्यकर्ताओं को विचार के आधार पर खड़ा करने वाले, पार्टी के संगठन को गांव-गांव तक पहुंचाने वाले, जनसेवा के लिए राजनीति की प्रेरणा देने वाले श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे जी की पुण्य तिथि पर शिवराज ने कहा कि ठाकरे जी की तपस्या से आज पार्टी का विशाल संगठन खडा है, भाजपा का आज जो स्वरूप दिख रहा है, उसके मूल में ठाकरे जी ही हैं। उनका भाषण नहीं, आचरण बोलता था। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने पार्टी के विकास और विस्तार में स्व. ठाकरे जी की भूमिका का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन पार्टी संगठन को खड़ा करने में खपा दिया। ठाकरे जी की कार्य पद्धति के कारण ही आज भारतीय जनता पार्टी का संगठन गुणवत्तापूर्ण और आदर्श संगठन बना है। हम पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक के पदों पर पहुंचे हैं। आज पंच-सरपंच से लेकर सांसद तक देश के 75 प्रतिशत भू भाग पर भाजपा ही दिखाई देती है। हमारा संगठन आत्मनिर्भर होकर चले इसके लिए स्व. ठाकरे जी ने आजीवन सहयोग निधि की शुरुआत की, जिसमें कार्यकर्ताओं का सहयोग संगठन को प्राप्त हुआ और कार्यकर्ताओं में संगठन के प्रति समर्पण का भाव जागृत हुआ। उन्होंने कहा कि स्व. ठाकरे जी ने अपने जीवन को खपा कर संगठन को खड़ा करने का काम किया और पूरे मध्यप्रदेश में कार्यकर्ताओं की श्रृंखला खड़ी करने का कार्य किया है। कार्यों और विचारों के माध्यम से जन-जन के हृदय में ठाकरे जी ने विशिष्ट स्थान बनाया है।

तो यह तो बात हुई मध्यप्रदेश में सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और भाजपा संगठन के मुखिया विष्णु दत्त शर्मा की। पर कुशाभाऊ ठाकरे की तपस्या‌ क्या थी, इसको आज हमसे साझा किया प्रदेश में पिछले चालीस साल से भाजपा और संघ से जुड़े एक जमीनी कार्यकर्ता लक्ष्मी यादव ने। ठाकरे जी के साथ उन्होंने भी कंधे से कंधा मिलाकर कार्य‌ किया और ठाकरे जी की कार्यशैली, त्याग, तपस्या और समर्पण के वह अब भी कायल हैं। जिनकी उम्मीदों पर वर्तमान भाजपा कार्यकर्ता कितना खरा उतर पा रहा है, यह हर कार्यकर्ता को खुद ही आकलन करना चाहिए। लक्ष्मी यादव कुशाभाऊ ठाकरे को याद करते हुए कहते हैं कि ठाकरे जी ने एक लोटा, एक झोला और दो धोती की संपत्ति में पूरा जीवन गुजार दिया। एक लोटा हाथ में लेकर और धोती पहनकर वह प्रदेश के गांव-गांव में भ्रमण करते रहे। कोई कुर्सी, कोई खटिया और कोई तखत नहीं, जहां सोने को मिल गया… वहां सो गए और जिसके यहां जो भी खाने को मिल गया, वह खाकर भूख मिटा ली। प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र, हर जिला और गांव-गांव तक संगठन खड़ा करने में वह पूरे जीवन भर लगे रहे। जब कोई प्रत्याशी हारने से निराशा से भरता था, तो ठाकरे जी कहते थे कि अभी हार-जीत की बात नहीं है। अभी हमें भाजपा को खड़ा करना है। मनोबल ऊंचा रखना है। इस तरह हर कार्यकर्ता का मनोबल बढ़ाते थे ठाकरे जी। यह उस समय की बात है जब 99 फीसदी लोग कांग्रेस में थे और भाजपा जमीनी संघर्ष में जुटी थी। लक्ष्मी यादव बताते हैं कि भाजपा और ठाकरे जी के विचारों से प्रेरित उन्होंने कभी संपत्ति की तरफ ध्यान नहीं दिया।

और दु:ख भी है लक्ष्मी यादव को,‌ कि आज कार्यकर्ता के दिमाग में ठाकरे जी के त्याग और समर्पण का दृश्य ओझल सा हो रहा है। शायद उन प्रतिकूलतम परिस्थितियों और ठाकरे जी को सामने रखकर हर कार्यकर्ता को खुद को परखने की जरूरत है। तो सवाल यही है कि ठाकरे की कसौटी पर कौन खरा उतर रहा है आज …! और खरा उतरने के लिए क्या करने की जरूरत है…!