कौन है किससे अधिक फकीर! PM मोदी के कथन पर CM गहलोत ने कहा ‘आपसे बड़ा फकीर हूं मैं’!

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कौन है किससे अधिक फकीर! PM मोदी के कथन पर CM गहलोत ने कहा ‘आपसे बड़ा फकीर हूं मैं’!

गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट

भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने जबसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राजस्थान विधान सभा चुनाव की जिम्मेदारी सुपुर्द की है तबसे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपने तरकस से रोज़ नए बाण निकाल कर मोदी और भाजपा पर छोड़ रहें है।

गहलोत ने सोमवार को स्वयं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी ‘बड़ा फकीर’ होने का दावा किया । प्रदेश के उन्नीस नवगठित जिलों और तीन नए संभागों की उद्घाटन पट्टिकाओं का डिजिटल अनावरण के लिए जयपुर के बिड़ला सभागार में आयोजित भव्य समारोह में गहलोत ने यह बात की। विधान सभा से ठीक पहलें नए जिलों और संभागों को अस्तित्व में लाकर गहलोत ने एक और तुरुप का पत्ता फेंका है।।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में कहा कि मैं जो कहता हूं वह दिल से कहता हूं…। मोदी जी अपने बारे में कहते हैं, “मैं फकीर हूं”… लेकिन मोदी जी, मैं आपसे बड़ा फकीर हूं।”गहलोत ने कहा, “आपने गौर किया होगा कि मोदी जी एक परिधान को दुबारा नहीं पहनते। दिन में दो-तीन बार ड्रेस बदलते होंगे। मेरी ड्रेस वही रहती है…तो मैं उनसे बड़ा फकीर नहीं हूं क्या?” गहलोत ने कहा, “मैंने जिंदगी में एक भूखंड तक नहीं खरीदा, एक फ्लैट तक नहीं खरीदा, एक ग्राम सोना तक नहीं खरीदा … क्या मुझसे बड़े फकीर होंगे वह?”

मुख्यमंत्री ने कहा, “मोदी जी का चश्मा ही ढाई लाख रुपए का है। जब वह नए-नए प्रधानमंत्री बने तो उनका कोट लंदन से बनकर आया था। वह 10 लाख रूपये का सूट था। जैसे ही राहुल गांधी ने ‘सूट बूट की सरकार’ पर कटाक्ष किया तो उन्हें उस कोट को बेचना पड़ा।”

गहलोत ने कहा कि उनके पास विधायक कोटे से मिला एक फ्लैट जयपुर में और सांसद कोटे से मिला एक फ्लैट दिल्ली में है। गहलोत ने कहा, “मोदी जी कहते हैं -मेरे मित्र अशोक गहलोत… लेकिन उसी मित्र की धज्जियां भी उड़ा रहे हैं…। मोदी जी जब कहते हैं कि मेरे मित्र अशोक गहलोत, तो जनता में यह भ्रम होता है कि अशोक गहलोत एवं मोदी में बड़ी अच्छी दोस्ती है।हालाँकि ”हमारी व्यक्तिगत कोई दुश्मनी नही है लेकिन अपनी पार्टी कांग्रेस के सिद्धान्तों पर चलते हुए भाजपा के साथ हमारे मतभेद हमेशा चलते रहेंगे और उनकी रीति नीतियो के साथ हमारी कोई मित्रता नहीं हो सकती।

गहलोत ने मानगढ़ में एक सरकारी कार्यक्रम का जिक्र भी किया जहां एक ही मंच पर मोदी एवं गहलोत दोनों मौजूद थे। गहलोत ने कहा कि भाजपा वालों की कथनी एवं करनी में बहुत अंतर होता है। उन्होंने कहा कि भाजपा वालों का चाल -चरित्र और चेहरा सब धीरे-धीरे सामने आ रहा है।

प्रधानमंत्री द्वारा मणिपुर की घटना का जिक्र करते समय राजस्थान का नाम लिए जाने की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा, “प्रधानमंत्री पद का मान सम्मान हम अब भी करते हैं। प्रधानमंत्री देश का होता है न कि भाजपा का ।… प्रधानमंत्री को अपने बारे में अभी तक भ्रम है कि मैं भाजपा का प्रधानमंत्री हूं…।”

गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके व्यवहार एवं ‘बॉडी लैंग्वेज’ से लगता है कि वह एक पार्टी (भाजपा) और केवल हिंदुओं के ही प्रधानमंत्री हैं। यह बहुत खतरनाक बात है…। मोदी जी ऐसा क्यों मानते हैं कि मैं केवल भाजपा का प्रधानमंत्री हूं, मैं खाली हिंदुओं का प्रधानमंत्री हूं।” गहलोत ने कहा कि मोदी लोकतंत्र में प्रधानमंत्री चुने गए हैं और कांग्रेस ने देश में लोकतंत्र की स्थापना की है और उसे जिंदा रखा है।

इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि, “मैं पूरे प्रदेश वासियों को विश्वास दिलाता हूं कि राज्य सरकार के फैसले राज्य के हित में ही होंगे। उन्होंने एक बार फिर कहा कि कई बार मन में यह विचार आता है कि यह पद छोड़ दूं …क्यों आता है, वह एक रहस्य है लेकिन हाईकमान जो फैसला करेगा, वह मुझे मंजूर होगा। उन्होंने कहा कि यह कहने की भी हिम्मत होनी चाहिए कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं, पर यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है।”गहलोत ने गत तीन अगस्त को भी कहा था कि वह बात कही थी। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ उनके पुराने टकराव और पिछले कुछ महीनों के दौरान कांग्रेस आलाकमान द्वारा दोनों के बीच सुलह के प्रयासों की पृष्ठभूमि में गहलोत के इस बयान को अहम माना जा रहा है।

उल्लेखनीय हैकि इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में राजस्थान विधानसभा का चुनाव होना है। भाजपा प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। हालाँकि कांग्रेस नेतृत्व भी यह संकेत दे चुका है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा घोषित नहीं होगा लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिस तरह से अगुवाई कर रहें है उसे देखते हुए लगता हैकि प्रदेश में उनके नेतृत्व में ही विधान सभा का चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस हाई कमान उन्हें पूरा समर्थन प्रदान करेगा।