WHO Statement on HMPV : WHO ने चीन के वायरस HMPV के बारे में कहा ‘घबराएं नहीं!’
Geneva : भारत में चीन में फैला ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) पैर पसार रहा है। कई राज्यों में एचएमपीवी के पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद सरकार और लोगों की चिंता बढ़ गई। HMPV वायरस मुख्य रूप से इंसानों से सांस की नली को संक्रमित कर रहा है। चीन के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ ने लोगों को कोविड महामारी का दौर याद दिला दी। लेकिन, दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे ज्ञात और मामूली वायरस बता रहे हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को लेकर बयान जारी किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता डॉ मार्गरेट हैरिस ने एक बयान में कहा कि चीन में कई आम सांस की नली के संक्रमणों में वास्तव में वृद्धि हुई है। सर्दियों के दौरान यह पूरी तरह से अपेक्षित है। चीन में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर श्वसन संक्रमण के लिए एक निगरानी प्रणाली है। चीनी CDC डेटा के अनुसार, इन संक्रमणों का कारण बनने वाले रोगजनक ज्ञात हैं।
संक्रमितों की संख्या बढ़ रही
उन्होंने आगे कहा कि अब, चीन CDC द्वारा रिपोर्ट किए गए रोगजनकों में सीजनल इन्फ्लूएंजा अब तक का सबसे आम है जो सभी तरह के टेस्ट में सामने आ रहा और बढ़ रहा है। दिसंबर के अंत में इन्फ्लूएंजा के लिए टेस्ट के पॉजिटिव होने की दर बाहरी रोगियों में फ्लू जैसे लक्षणों के साथ आने वाले लोगों में 30% से अधिक थी।
आखिर क्या है एचएमपीवी
एचएमपीवी एक वायरल रोगाणु है जो सभी उम्र के लोगों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। इसका पता पहली बार 2001 में चला। यह पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है और ‘रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस’ (आरएसवी) से निकटता से संबंधित है। एचएमपीवी खांसने या छींकने से निकलने वाली सांस की बूंदों के साथ-साथ दूषित सतहों को छूने या संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है।
यह वायरस श्वसन संबंधी मामलूी परेशानी से लेकर गंभीर जटिलता से जुड़ी बीमारियों तक का कारण माना जाता है, विशेष रूप से शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में। यह पूरी दुनिया में पाया जाता है और समशीतोष्ण क्षेत्रों में सर्दियों के उत्तरार्ध और वसंत की शुरुआत के दौरान चरम पर होता है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में यह साल भर फैलता रहता है।
एचएमपीवी वायरस के लक्षण
एचएमपीवी के लक्षण व्यक्ति की उम्र, सामान्य स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के आधार पर भिन्न होते हैं। हल्के मामलों में आमतौर पर नाक बहना, गले में खराश, खांसी और बुखार का आना शामिल है, जो सामान्य सर्दी जैसा होता है। मध्यम लक्षणों में लगातार खांसी और थकान को शामिल किया जा सकता है।
गंभीर मामलों में (विशेष रूप से शिशुओं, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों वाले लोगों में) एचएमपीवी ब्रोंकाइटिस, ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है। गंभीर तीव्र श्वसन संबंधी बीमारी (एसएआरआई) के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकती है। ये गंभीर स्थिति विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए चिंताजनक हैं।
संचरण और रोकथाम के उपाय
एचएमपीवी अन्य श्वसन वायरस जैसे आरएसवी और इन्फ्लूएंजा के समान ही फैलता है। संचरण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों की श्वसन बूंदों या दूषित सतहों के संपर्क के माध्यम से होता है। एचएमपीवी के प्रसार को रोकने के लिए साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने सहित अन्य स्वच्छता उपायों को अपनाना आवश्यक है। छींकते या खांसते समय मुंह और नाक को ढंकना और मास्क पहनना भी इसके प्रसार को सीमित कर सकता है। संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचना और बार-बार छुई जाने वाली सतहों को नियमित रूप से कीटाणुरहित करना अतिरिक्त निवारक उपाय हैं।
संक्रमण से उबरने की अवधि
एचएमपीवी संक्रमण के हल्के मामले आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रहते हैं। गंभीर मामलों में, बेहतर महसूस करने में संभवतः अधिक समय लगेगा। खांसी जैसे लंबे समय तक रहने वाले लक्षणों को दूर होने में अधिक समय लग सकता है।