Why CBI raids Ex-Finance Secretary? सीबीआई ने पूर्व वित्त सचिव के यहां छापा क्यों मारा?
New Delhi: नई दिल्ली के प्रशासनिक और सियासी गलियारों में इन दिनों वित्त मंत्रालय के पूर्व सचिव अरविंद मायाराम के दिल्ली और जयपुर स्थित परिसरों पर CBI द्वारा डाले गए छापों की चर्चा है।
बताया जाता है कि यह छापा पांच साल पहले की एक शिकायत को आधार बनाकर डाला गया। इसके बाद CBI ने मामला दर्ज कर लिया था।
छानबीन करने पर पता चला कि मंत्रालय के आर्थिक मामलों के तत्कालीन संयुक्त सचिव तथा CVO राज कुमार ने 2017 मे एक शिकायत दर्ज करायी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि भारतीय करंसी में प्रयोग की जाने वाली सुरक्षा लाईन (र्थेड) की छपाई करने वाली इंग्लैंड की कंपनी डी ला रयू इंटरनेशनल लिमिटेड को 2004 मे पांच साल के लिए ठेका दिया गया था। जिसे बाद में 2015 तक बढाया जाता रहा।
शिकायत में बताया गया है कि 2015 मे उस कंपनी का ठेका समाप्त होना था लेकिन 2013 में आर्थिक मामलों के सचिव रहे मायाराम ने अपने स्तर पर ही उस कंपनी का ठेका और तीन साल के लिए बढा दिया। इसके लिए उन्होंने वित्त मंत्रालय से स्वीकृति नहीं ली। औरत और गृह मंत्रालय से जरुरी सुरक्षा मंजूरी लेना भी उचित नहीं समझा।
इसे महज इत्तेफाक ही कहा जा सकता है कि एजेंसी ने उनके परिसरों पर छापे मायाराम के राहुल गांधी की चल रही भारत जोडो यात्रा में शामिल होने के बाद डाला।