

आखिर अभिषेक बच्चन क्यों लापता होना चाहते है?
मुकेश नेमा
कल परसो में कभी अभिषेक बच्चन ने कहा कि वे लापता होना चाहते हैं। इसलिए होना चाहते हैं ताकि खुद को तलाश कर सकें। ये बहुत महत्वपूर्ण सूचना थी। एकदम ब्रेकिंग न्यूज। इसे सुनकर देश भर में सन्नाटा पसर गया। दुनिया भर के कामकाजी लोगों ने अपने अपने काम छोड़े। अधलेटे हुए। अपनी अपनी ठुड्डियों पर हाथ धरे और सोच मे पड़े। इस मुद्रा में इसलिए आए लोग क्योंकि सोचने के लिए ये मुद्रा सबसे अधिक लोकप्रिय हमारे देश में। और ऐसा करता हुआ आदमी आमतौर पर विचारक मान लिया जाता है। आपकी जानकारी के लिए मैं भी सोचने वालो में शामिल हूँ। सोच रहा हूँ कि अभिषेक बच्चन ने जो कहा वो कितनी बड़ी बात है और उसे खींचतान कर और कितना बड़ा बनाया जा सकता है।
चलिए शुरू से शुरू करें। छोटे बच्चन ने ऐसा क्यों कहा। लापता हो जाना वैसे तो महत्वपूर्ण बात नही मानी जाती हमारे यहां। हर साल लाखों की तादाद मे लड़कियाँ बच्चे लापता होते रहते हैं हमारे देश मे। वो कहाँ गए। क्यों गए। कैसे गए। अब कहाँ हैं ? कभी वापस मिलेंगे या नही ऐसी मामूली बाते हम कभी नहीं सोचते। इसलिए नहीं सोचते क्योंकि हमें अभिषेक बच्चन की फ़िक्र है। वो छोटे बच्चन है फिर भी बड़े है। इसलिए भी बड़े है क्योंकि वो हिंदुस्तान के सबसे अच्छी क़िस्मत वाले बंदों की लिस्ट मे नंबर एक पर मौजूद है।
मेरी तो यही सलाह उन्हें कि लापता होने की मशक़्क़त करना फ़िज़ूल। आपको किसी से पूछने की जरूरत नही कि मेरा बाप कौन है ? आपकी अम्मा लगातार सांसद बनी हुई है। बीबी मिस वर्ल्ड है। आपको लापता होने बाबत सोचने की जरूरत क्या है ? चमचमाते लोगों की संगत मे रहते लोग दुनिया की नजर मे लापता ही होते है।
और फिर आपने लापता होने की सोची तो सोची। आपने खुद को तलाश करने जैसे मुश्किल काम की भी सोची। खुद को तलाशना आसान नही। आसान होता ये तो हमारे पास और भी बुद्ध और महावीर होते। देश स्वर्ग हो जाता अब तक। स्वर्ग न हो पाता तो कम से कम अमेरिका ज़रूर हो जाता। हम अमेरिका नहीं इसलिए छोटे छोटे टॉरगेट चुनते है। यदा कदा पाकिस्तान से उलझ लेते है। लड़ भिड़ लेते हैं थोड़ा सा। दोनो के मन का ग़ुबार निकल जाता है। दोनों देशों में राष्ट्रवाद की हवा चलती है और दोनो देशों के निवासी फूल से हलके हो जाते है।हम ऐसे काम करने मे कभी वक्त जाया नही करता जो औक़ात से बाहर हो।
सो छोटे बच्चन जी को यही सलाह मेरी। हर घर मे छोटे मोटे झगड़े होते रहते है। ऐसा कौन सा घर जिसमें सास बहू या मियाँ बीबी मे काँव काँव न होती हो। झगड़ा होना क़तई बुरी बात नही। बुरी बात मन मे गाँठ लगा लेना है और उससे भी गलत बात ट्वीटर पर लापता होने और खुद को तलाशने की मंशा जताना है। आप भारी भाग्यशाली। भाग्यशाली आदमियों को न हाथ पाँव हिलाने की जरूरत , न ऐसी गरिष्ठ बातें सोचने की।सो प्लीज़ ऐसा मत सोचिए। सोचने का काम हम पर छोड़ दीजिए। इस देश को तपाने के लिए हम पहले ही काफी है।